सिंहपर्णी के फायदे और नुकसान – Dandelion Benefits and Side Effects in Hindi

Medically reviewed by Neha Srivastava, MSc (Life Sciences) Neha Srivastava Neha SrivastavaMSc (Life Sciences)
Written by , MA (Journalism & Media Communication) Puja Kumari MA (Journalism & Media Communication)
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गाडर्निंग का शौक रखने वाले लोगों के घर में अगर सिंहपर्णी का पौधा मौजूद है, तो समझ लें कि आप बेहद भाग्यशाली हैं। सिंहपर्णी न सिर्फ बगीचे की शोभा बढ़ाता है, बल्कि कई स्वास्थ समस्याओं में भी लाभकारी हो सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम औषधीय गुणों से भरपूर सिंहपर्णी से जुड़ी विशेष जानकारी जैसे सिंहपर्णी के फायदे, उपयोग के साथ साथ सिंहपर्णी के नुकसान के बारे में बताएंगे।

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डैंडेलियन इन हिंदी में सबसे पहले जानेंगे सिंहपर्णी क्या है।

सिंहपर्णी क्या है?

सिंहपर्णी एक प्रकार का पौधा है, जिसका फूल पीले रंग का होता है। इसका वैज्ञानिक नाम टराक्सेकम ऑफिसिनल (Taraxacum Officinale) है। अंग्रेजी में इसे डैंडेलियन (Dandelion) और लायंस टूथ (Lion’s Tooth) के नाम से जाना जाता है। यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। यही वजह है कि पारंपरिक चिकित्सा में लंबे समय से इसकी पत्तियां, फूल और जड़ का प्रयोग किया जाता रहा है (1)। माना जाता है सिंहपर्णी का उपयोग शरीर की विभिन्न बीमारियों के उपचार में एक सहायक भूमिका निभा सकता है, जिसके बारे में आगे लेख में बताया गया है।

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अब पढ़ेंगे बेनेफिट्स ऑफ सिंहपर्णी के बारे में।

सिंहपर्णी के फायदे – Benefits of Singhparni (Dandelion) in Hindi

लेख के इस भाग में बेनेफिट्स ऑफ सिंहपर्णी के बारे में बात करेंगे। ध्यान रहे सिंहपर्णी किसी बीमारी का इलाज नहीं है, बल्कि यह कई रोगों से बचाव और उसके लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकता है।

1. सूजन के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी के फायदे की बात करें, तो इसमें सूजन कम करने के गुण मौजूद होते हैं। सूजन की वजह से शरीर में कई तरह की परेशानियां जैसे- गठिया, डायबिटीज, एलर्जी और दिल की बीमारी हो सकती है (2)। वहीं, सिंहपर्णी में एंटी-इंफ्लामेटरी यानी सूजन को कम करने वाला गुण मौजूद होता है (3 )।

वहीं, एक अन्य शोध में यह पता चला है कि सिंहपर्णी में पॉलीसैक्राइड होते हैं। पॉलीसैक्राइड एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट होता है। इसमें भी एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। सिंहपर्णी के यही गुण शरीर में सूजन की समस्या से काफी हद तक राहत प्रदान कर सकते हैं ( 4)।

2. कैंसर से बचाव के लिए सिंहपर्णी के फायदे

कैंसर जैसी समस्या में भी सिंहपर्णी के फायदे देखे जा सकते हैं। एक रिसर्च की मानें, तो सिंहपर्णी में एंटी कैंसर गुण मौजूद होता है (5)। वहीं, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की ओर से प्रकाशित एक दूसरे शोध में यह भी पाया गया है कि सिंहपर्णी का अर्क कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में उपयोगी हो सकता है। यह परीक्षण चूहों पर किया गया है (6)। हालांकि, कैंसर एक गंभीर बीमारी है। इसके लिए समय पर डॉक्टरी इलाज जरूर कराएं।

3. मधुमेह के लिए सिंहपर्णी के गुण

सिंहपर्णी का उपयोग मधुमेह के रोगियों के लिए भी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सिंहपर्णी में एंटी डायबिटिक गुण मौजूद होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित कर टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है (7)। इस आधार पर डायबिटीज के मरीजों के लिए सिंहपर्णी का पौधा लाभकारी हो सकता है।

4. हृदय के लिए सिंहपर्णी के फायदे

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए भी सिंहपर्णी का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध से इस बात का पता चला है कि सिंहपर्णी की जड़ और पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट के साथ हाइपोलिपिडेमिक यानी कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है। ये दोनों गुण एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़े ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं (8)।

बता दें कि एथेरोस्क्लेरोसिस धमनियों (Arteries) से जुड़ी समस्या है, जिसमें धमनियों के अंदर प्लॉक जमने लगता है। धमनियों में जमने वाला प्लॉक आगे चलकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह बन सकता है (9)। ऐसे में हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सिंहपर्णी जड़ की चाय का सेवन किया जा सकता है।

5. वजन घटाने के लिए सिंहपर्णी जड़ की चाय

वजन कम करने में सिंहपर्णी जड़ की चाय का सेवन लाभकारी हो सकता है। शोध की मानें, तो खाने से पहले सिंहपर्णी जड़ की चाय के सेवन से गैस्ट्रिक स्राव उत्तेजित करने के साथ वसा व कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद हो सकती है। इतना ही नहीं इसकी पत्तियों में ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक प्रभाव भी मौजूद होता है, जो वजन कम करने में सहायक हो सकता है (10)।

इसके अलावा, एक अन्य शोध की मानें तो सिंहपर्णी में क्लोरोजेनिक नामक एसिड पाया जाता है, जो मोटापे को कम करने में सहायक हो सकता है (5)। ऐसे में माना जा सकता है कि सिंहपर्णी की जड़ें वजन कम करने में लाभकारी हो सकती हैं।

6. हड्डियों के लिए सिंहपर्णी के फायदे

हड्डियों के निर्माण से लेकर, उन्हें मजबूत बनाए रखने के अलावा ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डी रोग से बचाए रखने के लिए कैल्शियम सबसे जरूरी पोषक तत्व माना जाता है (11)। वहीं, सिंहपर्णी में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है (12)। इस आधार पर कैल्शियम से भरपूर सिंहपर्णी का सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जा सकता है।

7. लिवर के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी का उपयोग लिवर को स्वस्थ रखने के लिए भी किया जा सकता है। अध्ययन की मानें तो सिंहपर्णी में हेपाटोप्रोटेक्टिव प्रभाव पाया जाता है, जो लिवर को स्वस्थ रखने और इससे जुड़ी समस्याओं से बचाव करने में मदद कर सकता है (5 )। इतना ही नहीं, इसमें लिवर को साफ करने के गुण होते हैं और इसका सेवन शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में भी उपयोगी हो सकता है (13)। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए सिंहपर्णी चाय का सेवन गुणकारी हो सकता है।

8. रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक

सिंहपर्णी रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकता है। दरअसल जानवरों पर किए गए शोध में इस बात की पुष्टि होती है। शोध में जानवरों के आहार में सिंहपर्णी के अर्क को शामिल करने से उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली में सकारात्मक असर देखा गया। ऐसे में माना जा सकता है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सिंहपर्णी का सेवन मददगार हो सकता है (14)।

9. एनीमिया में सिंहपर्णी के फायदे

एक शोध में साफतौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि घरेलू उपचार के तौर पर सिंहपर्णी का इस्तेमाल सालों से किया जा रहा है (15)। बता दें कि आयरन की कमी एनीमिया के मुख्य कारणों में से एक है ( 16 )। वहीं, सिंहपर्णी में आयरन भरपूर मात्रा में मौजूद होता है (12)। ऐसे में मान सकते हैं कि आयरन युक्त सिंहपर्णी का सेवन एनीमिया की समस्या से बचाव में सहायक हो सकता है।

एक अन्य शोध में एनीमिया के मरीजों को सिंहपर्णी और पीला बंदरगाह यानी येलो डॉक से तैयार टॉनिक पीने की सलाह दी गई है। टॉनिक बनाने के लिए 14 ग्राम लगभग 3 चम्मच दोनों जड़ी बूटियों को चार कप पानी में कम आंच पर उबालना है। जब पानी की एक चौथाई मात्रा रह जाए, तो टॉनिक बनकर तैयार है। एनीमिया के मरीज रोजाना इस टॉनिक के एक से दो चम्मच पी सकते हैं (17 )।

10. रक्तचाप के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी में पोटेशियम की मात्रा मौजूद होती है (12)। शोध की मानें तो नियमित आहार में पोटेशियम को शामिल करने से रक्तचाप का स्तर कम होने में मदद मिल सकती है। साथ ही ध्यान रहे कि सिर्फ पोटेशियम के कारण ही यह संभव नहीं है। व्यक्ति को बेहतर प्रभाव के लिए आहार में सोडियम (नमक) की मात्रा को भी कम करना होगा (18)। वहीं, अगर किसी को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है, तो वो इसका सेवन डॉक्टर से पूछकर ही करें।

11.कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक

कोलेस्ट्रॉल कम करने में सिंहपर्णी के फायदे देखे जा सकते हैं। पशुओं पर किए गए एक शोध में इस बात की पुष्टि होती है। शोध में पाया गया कि सिंहपर्णी के सेवन से सेवन एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। ऐसे में सिंहपर्णी का हायपोलिपिडेमिक प्रभाव कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में सहायक हो सकता है (8 )। साथ ही ध्यान रहे कि यह शोध जानवरों पर किया गया है, इसलिए यह मनुष्यों पर कितना कारगर साबित होगा इसके लिए अभी सटीक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

12. त्वचा के लिए सिंहपर्णी के फायदे

सिंहपर्णी के फायदे सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि त्वचा के लिए भी है। खासतौर पर, सिंहपर्णी के पत्ते और फूल सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा का बचाव कर सकते हैं (19)। इतना ही नहीं वर्षों से इसका उपयोग एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए भी किया जाता रहा है (20)। हालांकि, इसके उपयोग से पहले एक बार पैच टेस्ट जरूर करें।
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डैंडेलियन इन हिंदी में अब जानेंगे सिंहपर्णी के पौष्टिक तत्वों से जुड़ी संपूर्ण जानकारी।

सिंहपर्णी के पौष्टिक तत्व – Singhparni Nutritional Value in Hindi

सिंहपर्णी में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानने के लिए नीचे दी गई तालिका से सहायता ले सकते हैं (12)

पौष्टिक तत्वप्रति 100 ग्राम
पानी85.6 ग्राम
एनर्जी45 केसीएएल
प्रोटीन2.7 ग्राम
टोटल लिपिड (फैट)0.7 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट, बाय डिफरेंस9.2 ग्राम
फाइबर, टोटल डायटरी3.5 ग्राम
शुगर0.71 ग्राम
कैल्शियम187 मिलीग्राम
आयरन3.1 मिलीग्राम
मैग्नीशियम36 मिलीग्राम
फास्फोरस66 मिलीग्राम
पोटैशियम397 मिलीग्राम
सोडियम76 मिलीग्राम
जिंक0.41 मिलीग्राम
कॉपर0.171मिलीग्राम
मैंगनीज0.342 मिलीग्राम
सेलेनियम0.5 माइक्रोग्राम
विटामिन सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड35 मिलीग्राम
थियामिन0.19 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.26 मिलीग्राम
नियासिन0.806 मिलीग्राम
पैंटोथेनिक एसिड0.084 मिलीग्राम
विटामिन बी-60.251 मिलीग्राम
फोलेट, टोटल27 माइक्रोग्राम
कोलिन, टोटल35.3 मिलीग्राम
विटामिन ए, आरएई508 माइक्रोग्राम
विटामिन ए, आईयू10161 आईयू
लुटिन + जियाजैंथिन13610 माइक्रोग्राम
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरोल)3.44 मिलीग्राम
विटामिन के (फिलोक्विनोन)778.4 माइक्रोग्राम
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड0.17 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.014 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड0.306 ग्राम

आगे और भी है

डैंडेलियन इन हिंदी में पोषक तत्वों के बाद जानेंगे सिंहपर्णी का उपयोग कैसे करें।

सिंहपर्णी का उपयोग – How to Use Singhparni (Dandelion) in Hindi

सिंहपर्णी का उपयोग हम कैसे कर सकते हैं, इससे जुड़े कुछ तरीकों के बारे में हम नीचे जानकारी दे रहे हैं।

  • सिंहपर्णी का उपयोग करने का सबसे आसान तरीका है, इसे वेजिटेबल सलाद के साथ खाना। इसके लिए सब्जियों की सलाद में सिंहपर्णी की पत्तियां मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
  • सिंहपर्णी का इस्‍तेमाल चाय के रूप में भी किया जा सकता है। इसके टी बैग बाजार या ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध हैं।
  • सिंहपर्णी को उबालने से इसकी कड़वाहट काफी हद तक कम हो सकती है। इसे उबालने के बाद इसे प्याज और लहसुन या सब्जियों के साथ पकाकर खा सकते हैं।
  • वेजिटेबल सूप बनाते समय सिंहपर्णी को भी शामिल कर सकते हैं।
  • इसकी जड़, पत्तियों व फूलों को सुखाकर इसका चूर्ण बनाकर सेवन कर सकते हैं।
  • सिंहपर्णी के सप्लीमेंट का भी सेवन किया जा सकता है, लेकिन इसके पहले किसी विशेषज्ञ से इस बारे में सलाह लेना आवश्यक है।

मात्रा –
एक शोध में कब्ज के लिए सिंहपर्णी टिंचर की 1 से 15 बूंद को पानी में मिलाकर लेने की सलाह दी दई है। वहीं, वाटर रिटेंशन की समस्या में दिन में तीन बार 4 से 10 ग्राम इसकी सूखी पत्तियों से तैयार काढ़ा पीने का जिक्र किया गया है। इसकी खुराक पूरी तरह से व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य स्थिती पर निर्भर करती है। इसलिए, इसके सेवन से पहले किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ से जानकारी जरूर लें (17)।

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लेख के इस भाग में जानिए सिंहपर्णी की चाय बनाने का सही तरीका क्या है।

कैसे बनाएं सिंहपर्णी चाय : How To Make Dandelion Tea

नीचे जानते हैं सिंहपर्णी की चाय बनाने की विधि :

  • एक पैन में दो कप पानी डालकर गैस पर रखें।
  • उसमें 1 से 2 चम्मच कटी हुई सूखी सिंहपर्णी की जड़ डालकर 5 से 10 मिनट के लिए उबालें।
  • सिंहपर्णी चाय बनकर तैयार है। इसे छान लें।
  • सामान्य चाय की तरह चुस्की लेते हुए इसका सेवन करें

पढ़ें नुकसान

आर्टिकल के इस हिस्से में सिंहपर्णी के नुकसान के बारे में जानेंगे।

सिंहपर्णी से नुकसान – Side Effects of Singhparni (Dandelion) in Hindi

सिंहपर्णी के फायदे के साथ-साथ इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए, सिंहपर्णी का उपयोग अगर ज्यादा किया जाए तो नीचे बताए जा रहे नुकसान हो सकते हैं।

  • अगर किसी व्यक्ति का शरीर संवेदनशील है, तो उसे इसके सेवन से एलर्जी हो सकती है (17)। जिन लोगों को रैगवीड, मैरीगोल्ड और डेजी पौधों से एलर्जी की शिकायत है, उन्हें सिंहपर्णी का सेवन करने से मुंह और गले में खुजली की समस्या हो सकती है (1)।
  • अधिक मात्रा में सिंहपर्णी का सेवन डायरिया व गैस की परेशानी का कारण बन सकता है (17)।
  • जैसा कि लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि इसमें शुगर कम करने की क्षमता होती है, इसलिए अगर कोई मधुमेह की दवा का सेवन करता है, तो उसके साथ सिंहपर्णी का सेवन करने से पहले डॉक्टरी सलाह लें।
  • अगर किसी व्यक्ति को किडनी की समस्या है तो वो इसका सेवन न करें। इसके अधिक सेवन से किडनी की समस्या हो सकती है (21)। फिलहाल, इस संबंध में और शोध की आवश्यकता है।

लेख में दी गई सिंहपर्णी से जुड़ी जानकारी व सिंहपर्णी के फायदे जानने के बाद कई लोग इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे, लेकिन ध्यान रहे कि सिंहपर्णी का उपयोग सिर्फ शारीरिक समस्या के प्रभाव को कम कर सकता है। यह किसी भी बीमारी का सटीक उपचार नहीं है। अगर बीमारी गंभीर है, तो घरेलू उपाय के भरोसे न रहकर डॉक्टरी इलाज कराना ज्यादा उचित होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या सिंहपर्णी चाय में कैफीन होता है?

सिंहपर्णी से बनी चाय कैफीन फ्री मानी जाती है। हालांकि, इसकी जड़ों का इस्तेमाल कॉफी के वैकल्पिक तौर पर किया जाता है, क्योंकि इसका स्वाद कॉफी से काफी मिलता जुलता होता है (1)।

क्या सिंहपर्णी के सेवन से नींद आ सकती है?

सिंहपर्णी के सेवन से नींद आती है या नहीं, इसके संबंध में किसी तरह का शोध उपलब्ध नहीं है।

सिंहपर्णी का कौन सा भाग जहरीला होता है?

सिंहपर्णी के पौधे में मौजूद गुणों के आधार पर इसे औषधीय पौधा माना जाता है। वहीं, अलग-अलग शोध में इसके फूल, पत्तियां और जड़ का सेवन करने की सलाह दी गई है (5 )।

क्या सिंहपर्णी का कच्चा सेवन किया जा सकता है?

हां, सिंहपर्णी का कच्चा सेवन किया जा सकता है (22)।

सिंहपर्णी चाय से मल त्याग में आसानी होती है ?

हां, सिंहपर्णी में लैक्सेटिव प्रभाव मौजूद होता है, जिस वजह से इसका सेवन करने से मल त्याग में आसानी हो सकती है (7)।

कितनी बार सिंहपर्णी चाय पीनी चाहिए?

जानकारों के अनुसार दिन में एक से दो बार सिंहपर्णी चाय का सेवन किया जा सकता है। हालांकि, इसकी खुराक व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। इसलिए, इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लें।

क्या सिंहपर्णी की चाय वजन कम करने में मदद कर सकती है?

हां, वजन कम करने में सिंहपर्णी जड़ की चाय का सेवन लाभकारी हो सकता है। एक शोध में बताया गया है कि खाने से पहले सिंहपर्णी की चाय के सेवन से गैस्ट्रिक स्राव उत्तेजित होता है, जिससे वसा व कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण में सहायता मिल सकती है (10)।

References

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  6. Dandelion root extract affects colorectal cancer proliferation and survival through the activation of multiple death signalling pathways
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