Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

गर्मी के मौसम में चिलचिलाती धूप से बचने और प्यास को बुझाने के लिए अक्सर लोग सोडा पानी का सहारा लेते हैं। सोडा पानी का उपयोग सेहत के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है, शायद इस बात से लोग अंजान हैं। दरअसल, स्वादिष्ट ड्रिंक के रूप में बाजार में बिकने वाला सोडा थोड़ी देर के लिए हमें राहत दे सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सोडा वॉटर पानी की जगह ले सकता है। सोडा पानी को अत्यधिक मात्रा में लेने से सेहत को बड़े नुकसान भी हो सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको सोडा पानी के फायदे और नुकसान दोनों ही बताने जा रहे हैं। सोडा पानी से जुड़ी खास बातें समझने से पहले ये जान लेना भी जरूरी है कि ऐसे घरेलू उपाय किसी समस्या में कुछ देर के लिए राहत तो दे सकते हैं, लेकिन समस्या का पूर्ण इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है।

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तो आइए सबसे पहले हम सोडा पानी पीने के फायदे जान लेते हैं।

सोडा पानी पीने के फायदे – Benefits of Soda Water in Hindi

यहां हम कुछ सोडा पीने के फायदे बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानने के बाद सोडा वाटर की उपयोगिता को आसानी से समझा जा सकता है।

1. पाचन में सहायक

सोडा वाटर को कार्बोनेटेड वाटर भी कहा जाता है। इसको पीने से पाचन में सुधार होने में मदद मिल सकती है। सोडा वाटर से संबंधित एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के एक शोध में इस बात को सीधे तौर पर स्वीकार किया गया है। शोध में अपच (dyspepsia) की समस्या से पीड़ित 10 रोगियों को करीब 15 दिन तक सोडा वाटर दिया गया, जिसके बाद उन रोगियों में अपच की समस्या से कुछ हद तक सुधार देखा गया (1)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि सोडा वाटर पाचन को सुधारने में कुछ हद तक सहायक हो सकता है।

2. हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी

सोडा पीने के फायदे में हृदय को स्वस्थ रखना भी शामिल है। सोडा वाटर से जुड़े एक शोध में माना गया है कि सोडियम से समृद्ध सोडा वाटर का उपयोग करने से कोलेस्ट्रोल और लिपोप्रोटीन को कम करने में मदद मिल सकती है। चूंकि यह दोनों ही हृदय स्वास्थ्य के लिए जोखिम बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। इसलिए यह हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है (2)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि हृदय स्वास्थ्य के लिए भी सोडा वाटर फायदेमंद हो सकता है।

3. कब्ज से राहत के लिए सोडा पीने के फायदे

कब्ज से राहत पाने के लिए भी सोडा वाटर को उपयोग में लाया जा सकता है। दरअसल, कब्ज के सबसे आम कारणों में से एक है, पानी की कमी। वहीं पानी की इस कमी को पूरा करने के लिए पानी के स्थान पर इस्तेमाल किए जाने वाले स्वास्थ्य वर्धक पेय में सोडा वाटर (sparkling water) को भी शामिल करने की सलाह दी जाती है (3)। वहीं सोडा वाटर से जुड़े एनसीबीआई के एक शोध में इसे सीधे तौर पर कब्ज में सहायक बताया गया है (1)। इस आधार पर माना जा सकता है कि कब्ज की समस्या में भी सोडा राहत दिला सकता है।

4. वजन घटाने में सहायक

वजन कम करने का प्रयास करने वाले लोगों के लिए भी सोडा वाटर लाभकारी साबित हो सकता है। वजन कम करने का प्रयास करने वाली महिलाओं पर किए गए एक शोध में इस बात को स्वीकार किया गया है। शोध में माना गया है कि पानी या नॉन कैलोरिक पेय जिन्हें पानी के विकल्प में इस्तेमाल किया जा सकता है, वजन कम करने के मामले में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकते हैं। नॉन कैलोरिक पेय में सोडा वाटर भी शामिल है (4)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि सोडा वाटर का इस्तेमाल वजन घटाने के उपाय में शामिल किया जा सकता है। बशर्ते इसके साथ ही संतुलित आहार और नियमित व्यायाम भी किया जाए।

5. निगलने की क्षमता में सुधार करे

जिन लोगों को किसी भी खाद्य या पेय को निगलने में तकलीफ महसूस होती है, उनके लिए सोडा वाटर सहायक साबित हो सकता है। सोडा वाटर (कार्बोनेटेड वाटर) से जुड़े एक शोध में भी इस बात को स्पष्ट रूप से माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि पानी के मुकाबले सोडा वाटर को निगलना आसान होता है। साथ ही ये गले में निगलने की क्षमता को प्रेरित कर सकता है (5)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि सोडा वाटर का इस्तेमाल गले में निगलने में मदद करने वाली मांसपेशियों को सक्रिय करने में मदद कर सकता है।

6. पेट को भरा हुआ महसूस कराता है

सोडा वाटर की एक खासियत यह भी है कि इसे पीने के बाद पेट भरा हुआ महसूस होता है। सोडा वाटर से संबंधित एक शोध में भी इस बात की पुष्टि हुई है। शोध में जिक्र मिलता है कि सोडा वाटर में कार्बन डाई ऑक्साइड मौजूद होती है, जो पेट को तृप्ति का एहसास कराती है (6) इस आधार पर यह माना जा सकता है कि भूख के एहसास को दबाने में सोडा वाटर सहायक हो सकता है। वजन नियंत्रण के मामले में सोडा वाटर का यह गुण मददगार साबित हो सकता है।

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लेख के अगले भाग में सोडा पानी का उपयोग शरीर के लिए किस तरह लाभदायक हो सकता है, इस बारे में  बताएंगे।

सोडा पानी का उपयोग – How to Use Soda Water in Hindi

सोडा वाटर पीने का सबसे आसान तरीका है कि इसमें आधे नींबू का रस मिलाकर इसे पीने के लिए इस्तेमाल में लाया जाए। नींबू का उपयोग करने के अलावा चाहें तो कम कैलोरी वाले फलों के रस को मिलाकर भी सोडा वाटर को पीने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

सोडा वाटर पीने के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। सोडा वाटर के फायदे, तो आप ऊपर जान ही चुके हैं। अब हम सोडा पीने के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

सोडा पीने के नुकसान – Side Effects of Soda Water in Hindi

सोडा पानी को अत्यधिक मात्रा में लेने से इसके नुकसान भी हो सकते हैं। नीचे पढ़ें सोडा पानी के नुकसान के बारे में:

  • हालांकि सोडा वाटर वजन घटाने में मददगार माना जाता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसे लेने से इसके विपरीत प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। जानवरों पर किए गए एक शोध के अनुसार, सोडा वाटर में मौजूद कार्बन डाई ऑक्साइड शरीर में ग्रेर्लिन (ghrelin) नामक हार्मोन को प्रेरित कर सकता है। यह हार्मोन मोटापे की समस्या के जोखिम को बढ़ा सकता है (7)
  • पाचन को सुधारने में सोडा वाटर का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसका अधिक सेवन गैस्ट्रिक डिस्ट्रेस (पेट में जलन और उलझन) को भी जन्म दे सकता है (9)

बेशक कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में बेनिफिट्स ऑफ सोडा वाटर देखे जा सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि फायदे हासिल करने के चक्कर में इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाए। अधिक मात्रा में सोडा पीने के नुकसान भी हो सकते हैं, जिनके बारे में आपको लेख में पहले ही बताया जा चुका है। इसलिए जरूरी है कि सोडा पानी का उपयोग संतुलित मात्रा में ही करें। उम्मीद है यह लेख आपको काफी पसंद आया होगा। ऐसे ही सेहत और स्वास्थ्य से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए स्टाइलक्रेज की वेबसाइट पर विजिट करते रहें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

क्या सोडा  वाटर वजन घटाने के लिए अच्छा होता है?

लेख में आपको पहले ही बताया जा चुका है कि सोडा वाटर को वजन घटाने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है (4) (6)। मगर, जरूरत से अधिक सोडा वाटर का सेवन मोटापे को बढ़ावा देने का काम भी कर सकता है  (7)। इसलिए सोडा वाटर को हमेशा सीमित मात्रा में ही लें।

क्या सोडा वाटर वजन बढ़ाता है?

साधारण तौर पर सोडा वाटर वजन को घटाने का काम कर सकता है (4) (6)। वहीं अगर इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाए, तो यह ग्रेर्लिन (ghrelin) नामक हार्मोन को प्रेरित कर सकता है, जो मोटापे की समस्या को और बढ़ा सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ग्रेर्लिन हार्मोन भूख की इच्छा को बढ़ाने का काम कर सकता है (7)।

टॉनिक वाटर या सोडा वाटर, दोनों में से क्या बेहतर होता है?

पोषक तत्वों के नजरिए से देखा जाए तो टॉनिक वाटर अधिक बेहतर माना जाता है, क्योंकि इसमें सोडा के मुकाबले अधिक पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। मगर, इसमें कुछ मात्रा में शुगर भी मौजूद होती है (10) (11)। इसलिए बेनिफिट्स ऑफ सोडा वाटर हासिल करने के लिए प्लेन सोडा वाटर को ही बेहतर कहा जा सकता है।

क्या क्लब सोडा किडनी के लिए बुरा है?

कोला युक्त कार्बोनेटेड पेय ही किडनी के लिए बुरे माने जाते हैं। इसलिए कहा जा सकता है कि सीमित मात्रा में क्लब सोडा किडनी के लिए बुरा नहीं है (12)

Sources

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