
सूंघने और मुंह के स्वाद को ठीक करने के घरेलू उपाय – Home Remedies For Loss Of Taste And Smell in Hindi
क्या हो अगर आपकी सूंघने और किसी चीज को चखने की शक्ति अचानक चली जाए? ये दोनों समस्याएं किसी के साथ भी और उम्र के किसी भी पड़ाव में हो सकती हैं। सूंघने और स्वाद लेने की शक्ति चले जाने के विभिन्न कारण हो सकते हैं। ऐसा सामान्यत सर्दी होने, सांस संबंधी समस्या होने या विटामिन की कमी के कारण होता है।
विषय सूची
- गंध और स्वाद किस प्रकार काम करते हैं? – How Do Smell And Taste Work in Hindi
- स्वाद और सूंघने की शक्ति कमजोर होने के कारण – What causes the loss of taste and smell in Hindi
- गंध और स्वाद को ठीक करने के प्राकृतिक इलाज – How To Treat Loss Of Smell And Taste Naturally in Hindi
- आहार संबंधी सलाह
- रोकथाम के उपाय – Prevention Tips
अगर आप भी समय के साथ-साथ इन परेशानियों की चपेट में आ रहे हैं और भविष्य में इनके नकारात्मक प्रभाव से बचना चाहते हैं, तो यह लेख आपकी काफी मदद करेगा। हमारे साथ जानिए सूंघने और स्वाद लेने की शक्ति को ठीक करने के सबसे सटीक घरेलू उपायों के बारे में।
गंध और स्वाद किस प्रकार काम करते हैं? – How Do Smell And Taste Work in Hindi
गंध और स्वाद इंद्रियां आपस में जुड़ी होती हैं। आपकी उम्र के अनुसार, इन इंद्रियों में बदलाव आ सकता है और आपको गंध या स्वाद में बदलाव या कमी का अनुभव हो सकता है। गंध और स्वाद इंद्रियां आपके रसायन विज्ञान प्रणाली का एक हिस्सा हैं। आपके आसपास की चीजों को सूंघने की आपकी क्षमता विशेष सेंसरी कोशिकाओं से आती हैं, जिसे ओल्फेक्ट्री सेंसरी न्यूरॉन्स कहा जाता है। ये आपकी नाक के अंदर टिशू के एक छोटे से भाग में पाए जाते हैं।
इनमें से प्रत्येक ओल्फेक्ट्री न्यूरॉन्स में एक गंध रिसेप्टर होता है, जो हमारे आसपास के पदार्थों द्वारा जारी सूक्ष्म अणुओं (माइक्रोस्कोपिक मॉलिक्यूल्स) द्वारा उत्तेजित होता है। गंध दो मार्गों के माध्यम से ओल्फेक्ट्री रिसेप्टर्स तक पहुंचती है। पहली आपके नथुने के माध्यम से है और दूसरी एक चैनल के माध्यम से, जो आपके गले के ऊपरी हिस्से को आपकी नाक से जोड़ता है। भोजन की सुगंध को इस चैनल के माध्यम से महसूस किया जाता है।
स्वाद को पहचाने की क्षमता की बात करें, तो इसे ‘गस्टोरी पर्सेप्शन’ के रूप में भी जाना जाता है। जीभ की सतह पर लगभग दो हजार से पांच हजार रासायनिक रिसेप्टर्स हैं। इन्हें आमतौर पर टेस्ट बड (स्वाद कलिकाएं) कहा जाता है।
टेस्ट बड में मुख्य रूप से पांच अहम और बड़े टेस्ट शामिल होते हैं :
- मिठास
- खट्टापन
- कड़वापन
- नमकीन
- चटपटा
जीभ के जरिए मस्तिष्क संकेत प्राप्त करता है और उन्हें अलग-अलग स्वादों में बांटता है। स्वाद इंद्रियां अन्य इंद्रियों जैसे सूंघने और मस्तिष्क के कार्यों से भी जोड़ी हो सकती हैं।
नीचे जानिए स्वाद और सूंघने की शक्ति को प्रभावित करने के विभिन्न कारणों के बारे में।
स्वाद और सूंघने की शक्ति कमजोर होने के कारण – What causes the loss of taste and smell in Hindi
जैसा कि हमने पहले ही उल्लेख किया है, आपकी गंध और स्वाद की इंद्रियां आपस में जुड़ी होती हैं। कई बार, जब आप स्वाद में कमी महसूस करते हैं, तो यह गंध की समस्या के कारण हो सकता है। ऐसे लोगों में सूंघने की क्षमता कम होती है। यह समस्या नीचे दिए कारणों की वजह से हो सकती है :
- हाइपोस्मिया – गंध का पता लगाना की क्षमता में कमी।
- एनोस्मिया – गंध का पता लगाने में अक्षमता।
- पैरोस्मिया – गंध को सामान्य रूप से समझने में विभिन्नता।
- फैंटोस्मिया – ऐसी गंध को महसूस करना, जो है ही नहीं।
कुछ अन्य आम स्वाद विकार इस प्रकार हैं –
- एगेसिया – स्वाद लेने की क्षमता का खत्म होना।
- हाइपोगेसिया – स्वाद और गंध इंद्रियों का कमजोर होना।
- डिस्गेसिया – स्वाद में बदलाव आना।
- पैरागेसिया – मुंह का स्वाद असामान्य होना।
- हाइपरगेसिया – स्वाद का अधिक बढ़ जाना।
गंध और स्वाद विकार अक्सर समान परिस्थितियों के परिणाम होते हैं, जैसे –
- साइनस
- सांस संबंधी समस्या
- बढ़ती उम्र
- धूम्रपान
- नाक से जुड़ी एलर्जी
- नाक के छिद्रों को विभाजित करने वाली कार्टिलेज का अपनी जगह से हटना (Deviated Nasal Septum)
- नाक की हड्डी बढ़ना (Hypertrophy of Turbinates)
- नाक का मांस बढ़ना (Nasal Polyps)
- हार्मोनल असंतुलन
- दांतों की समस्या
- कुछ कीटनाशकों और रसायनों के संपर्क में आना
- एंटीबायोटिक्स और एंटीहिस्टामाइन जैसी कुछ दवाएं
- विकिरण उपचार
- अल्जाइमर रोग या पार्किंसंस रोग जैसी चिकित्सा स्थितियां
यदि आपकी गंध और स्वाद की इंद्रियां अजीब तरीके से काम कर रही हैं, तो मेडिकल जांच के जरिए पता लगाया जाता है कि आपका स्वास्थ्य कैसा है।
रोग का निदान
गंध और स्वाद विकारों दोनों की जांच ईएनटी (आंख, नाक और कान) विशेषज्ञ या ओटोलैरिंगोलॉजिस्ट करते हैं।
डॉक्टर आपके स्वाद पर कम से कम ध्यान देकर उसे पहचानने की क्षमता का परीक्षण कर सकते हैं। आपको विभिन्न पदार्थों का स्वाद लेने के लिए कहा जा सकता है। आपको घूंट, थूक और कुल्ला करने से जुड़ा एक सरल टेस्ट करने के लिए भी कहा जा सकता है। डॉक्टर आपके कान, नाक या गले का टेस्ट भी कर सकता है।
सूंघने की क्षमता को जानने के अन्य सामान्य तरीके :
- गंध की सबसे छोटी मात्रा को मापना, जिसका आप पता लगा सकते हैं।
- किसी विशेष गंध के छोटे बिड की मदद से पेपर बुकलेट को सूंघना।
एक बार जब आपकी स्थिति का सही पता चल जाता है, तो आप अपने अनुसार उपचार की पद्धति चुन सकते हैं।
अगर आप चाहते हैं कि आपकी समस्या का समाधान प्राकृतिक तरीके से हो, तो आप इस लेख में आगे बताए जा रहे घरेलू उपायों का प्रयोग कर सकते हैं।
गंध और स्वाद को ठीक करने के प्राकृतिक इलाज – How To Treat Loss Of Smell And Taste Naturally in Hindi
1. अरंडी का तेल
सामग्री
- एक चम्मच गर्म कोल्ड-प्रेस्ड कैस्टर ऑयल
कैसे करें इस्तेमाल?
- अरंडी के तेल की एक-एक बूंद अपनी दोनों नाक की नलियों में डालें।
कितनी बार करें?
- दिन में एक बार और रात में एक बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कैसे है लाभदायक?
अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड पाया जाता है, जो एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है (1)। अरंडी के तेल को नेजल ड्राप के रूप में उपयोग करने से सर्दी या फ्लू से जुड़ी सूजन और सूजन के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। इस प्रकार आपकी सूंघने और स्वाद की इंद्रिया फिर सक्रिय हो सकती हैं।
2. लहसुन
सामग्री
- लहसुन की दो-तीन कलियां बारीक कटी हुईं
- एक कप पानी
कैसे करें इस्तेमाल?
- पानी को एक बर्तन में गर्म करने के लिए रखें।
- अब इसमें कटे हुए लहसुन को डालें और कुछ मिनट तक पानी को उबलने दें।
- अब पानी को छान लें और हल्का ठंडा होने पर चाय की तरह पिएं।
कितनी बार करें?
- दिन में दो बार यह प्रक्रिया दोहराएं।
कैसे है लाभदायक?
लहसुन एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है, जो बंद नाक को खोलकर ठंड और फ्लू के लक्षणों को खत्म करने का काम करता है (2)। साथ ही यह आपकी सांस लेने की क्षमता को ठीक कर सूंघने और स्वाद को पहचाने की क्षमता को बेहतर करने में मदद करता है।
3. अदरक
सामग्री
- आवश्यकतानुसार छिला हुआ अदरक
कैसे करें इस्तेमाल?
- दिनभर बीच-बीच में थोड़ा-थोड़ा अदरक चबाते रहें।
- विकल्प के तौर पर आप अदरक की चाय भी पी सकते हैं।
कितनी बार करें?
- रोजाना इस प्रक्रिया को दोहराएं
अदरक की असरकारक गंध आपकी सूंघने की शक्ति को बढ़ाती है, जबकि इसका स्वाद आपके टेस्ट बड्स को सक्रिय करके मुंह के स्वाद को बढ़ाता है (3)। लहसुन की तरह, अदरक में भी एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है और यह बंद या बहती नाक से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (4)।
4. लाल मिर्च
सामग्री
- एक चम्मच लाल मिर्च
- एक चम्मच शहद
- एक कप गर्म पानी
कैसे करें इस्तेमाल?
- एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद और काली मिर्च पाउडर मिलाएं।
- अब इसे आराम से पिएं।
कितनी बार करें?
- रोजाना कम से कम एक बार जरूर पिएं।
कैसे है लाभदायक?
लाल मिर्च आपके खोए हुए स्वाद और गंध को वापस लाने में मदद कर सकती है, क्योंकि इसमें कैप्साइसिन होता है। कैप्साइसिन को बंद नाक को साफ करने के लिए जाना जाता है। नाक में किसी भी प्रकार का अवरोध सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता को बाधित कर सकता है और लार के स्राव को भी उत्तेजित कर सकता है (5), (6)।
5. नींबू
सामग्री
- आधा नींबू
- एक गिलास पानी
- शहद (आवश्यकतानुसार)
कैसे करें इस्तेमाल?
- एक गिलास पानी में आधे नींबू का रस मिलाएं।
- अब शहद डालकर अच्छी तरह मिलाएं और पी जाएं।
कितनी बार करें?
- भोजन से पहले दिन में दो बार पिएं।
कैसे है लाभदायक?
नींबू एक सिट्रस फल है, जिसमें विटामिन-सी मौजूद होता है। सिट्रस के कारण यह काफी खट्टा होता है, जिसकी गंध से ही खट्टेपन का एहसास किया जा सकता है। विटामिन-सी और सिट्रस गंध मिलकर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक करने के साथ-साथ सूंघने और स्वाद की शक्ति को वापस लाने में मदद करते हैं (7)।
6. बेंटोनाइट क्ले
सामग्री
- एक कप बेंटोनाइट क्ले
- पानी
कैसे करें इस्तेमाल?
- बाथ टब को पानी से भरें।
- इसमें एक कप बेंटोनाइट क्ले घोलें।
- अब बेंटोनाइट क्ले के पानी में करीब 30 से 40 मिनट तक बैठें।
कितनी बार करें?
- एक दिन छोड़कर इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कैसे है लाभदायक?
बेंटोनाइट क्ले आपके शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्सीफाई करने में मदद करती है। बेंटोनाइट क्ले के साथ स्नान करने से स्वाद और गंध की इंद्रियों को सक्रिय करने में मदद मिलती है।
7. सेब का सिरका
सामग्री
- एक बड़ा चम्मच सेब का सिरका
- एक कप पानी
- शहद (आवश्यकतानुसार)
कैसे करें इस्तेमाल?
- एक गिलास गर्म पानी में सेब का सिरका मिलाएं।
- आवश्यकतानुसार थोड़ा शहद मिलाएं और धीरे-धीरे पिएं।
कितनी बार करें?
- रोजाना एक बार जरूर पिएं।
कैसे है लाभदायक
सेब के सिरके का खट्टा और अम्लीय स्वाद टेस्ट बड्स को उत्तेजित करने में मदद कर सकता है। वहीं, इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी मौजूद होता है (8)। यह गुण साइनस की वजह से होने वाली सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। फिलहाल, इसे लेकर और सटीक शोध की आवश्यकता है।
8. ऑयल पुलिंग
सामग्री
- एक बड़ा चम्मच नारियल या तिल का तेल
कैसे करें इस्तेमाल?
- मुंह में नारियल या तिल का तेल भर लें।
- तेल को लगभग 10 से 15 मिनट तक मुंह के अंदर ही घुमाएं।
- अब कुल्ला कर लें और दांतों को ब्रश कर लें।
कितनी बार करें?
- रोजाना सुबह-शाम एक बार जरूर करें।
कैसे है लाभदायक
ऑयल पुलिंग ओरल हेल्थ को बढ़ावा देता है, जिससे आपको मुंह में मौजूद दुर्गंध से छुटकारा मिलता है। यह शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों और रोगाणुओं को बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही ठंड पैदा करने वाले संक्रमण से लड़ता है (9)।
9. अजवाइन
सामग्री
- अजवाइन का एक बड़ा चम्मच
- एक छोटा मलमल का कपड़ा
कैसे करें इस्तेमाल?
- मलमल के कपड़े में अजवाइन के बीजों को डालें और कपड़ें में गांठ मार दें।
- अब अजवाइन की गंध को सूंघें।
कितनी बार करें?
- दिन में कई बार यह प्रक्रिया दोहरा सकते हैं।
कैसे है लाभदायक
बंद नाक को साफ करने में अजवाइन के बीज कारगर साबित हुए हैं। इसकी तेज गंध नाक की नलियों को साफ करती है और इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण नाक के अंदर सूजन को कम करने का काम करते हैं (10)।
10. दालचीनी
सामग्री
- आधा चम्मच दालचीनी पाउडर
- एक चम्मच शहद
कैसे करें इस्तेमाल?
- आधा चम्मच दालचीनी पाउडर को एक चम्मच शहद के साथ मिलाएं।
- इस पेस्ट को अपनी जीभ पर लगाएं और इसे लगभग 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
कितनी बार करें?
- ऐसा आप रोजाना दो बार कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक?
दालचीनी को मीठी गंध के साथ-साथ अपने मजबूत स्वाद के लिए भी जाना जाता है। दालचीनी की ये दोनों खूबियां आपकी सूंघने और स्वाद की इंद्रियों को सक्रिय करने में मदद करती हैं। दालचीनी में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण इसे सर्दी के इलाज के लिए प्रभावी उपाय बनाते हैं (11)।
11. पिपरमेंट
सामग्री
- 10-15 पुदिने के पत्ते
- एक कप पानी
- शहद
कैसे करें इस्तेमाल?
- एक कप पानी में 10 से 15 पुदीने की पत्तियां डालें।
- इसे सॉस पैन में उबाल लें।
- अब पानी को छान लें।
- थोड़ा ठंडा होने पर इसमें शहद मिलाएं।
- अब धीरे-धीरे पिएं।
कितनी बार करें?
- रोजाना दो बार यह प्रक्रिया दोहराएं।
कैसे है लाभदायक
पुदिने की पत्तियों का मुख्य घटक मेन्थॉल है। यह एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है। यह ठंड व फ्लू के लक्षणों को खत्म कर आपकी सूंघने और स्वाद इंद्रियों को ठीक करने में मदद कर सकता है (12), (13)।
12. करी पत्ता
सामग्री
- 10-15 करी पत्ते
- एक गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल?
- एक गिलास पानी में 10 से 15 करी पत्ते डालें।
- उन्हें लगभग 30 मिनट या उससे अधिक समय के लिए भिगोएं।
- अब इस मिश्रण को पिएं।
कितनी बार करें?
- इसे रोजाना दो बार जरूर पिएं।
कैसे है लाभदायक?
करी पत्ते सूंघने और स्वाद की क्षमता को ठीक करने में आपकी मदद कर सकते हैं। यह सर्दी और फ्लू के इलाज के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है, जो आपके नाक मार्ग को अवरुद्ध कर सकते हैं। करी पत्ते संक्रमण को रोकने में भी मदद करते हैं (14)।
13. एसेंशियल ऑयल
- पिपरमिंट ऑयल
सामग्री
- पिपरमिंट तेल की 1-2 बूंदें
- एक कटोरा गर्म पानी
- एक तौलिया
कैसे करें इस्तेमाल?
- गर्म पानी में पिपरमिंट तेल की एक से दो बूंदें डालें।
- कटोरे की तरफ मुंह करें और अपने सिर को तौलिए से ढक लें।
- 10 से 15 मिनट के लिए भाप लें।
कितनी बार करें?
- एक से दो बार यह प्रक्रिया रोजाना करें।
कैसे है लाभदायक?
पिपरमिंट ऑयल में मेन्थॉल होता है, जो बंद नाक के उपचार में काफी प्रभावी है। यह आपके नथुने की सूजन को कम करने में भी मदद करता है। यह तेल ठंड के लक्षणों से राहत देता है, जो सूंघने और स्वाद इंद्रियों को प्रभावित करते हैं (15)।
- नीलगिरी का तेल
सामग्री
- नीलगिरी के तेल की एक बूंद
- एक कटोरी पानी
- एक तौलिया
कैसे करें इस्तेमाल?
- एक कटोरी गर्म पानी में नीलगिरी के तेल की एक बूंद डालें।
- अपने सिर को तौलिए से ढक लें और भाप लें।
- 10 से 15 मिनट तक भाप लेने की प्रक्रिया जारी रखें।
कितनी बार करें?
- रोज कम से कम एक से दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कैसे है लाभदायक
नीलगिरी के तेल में एउकल्यप्टॉल मौजूद होता है। नीलगिरी के एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सांस संबंधि रोगों के लक्षणों को दूर करने में मदद करते हैं। सांस संबंधि रोगों के कारण सूंघने और स्वाद की इंद्रियां प्रभावित होती हैं (16)।
14. विटामिन
विटामिन-बी12 और डी की कमी अक्सर सूंघने और स्वाद इंद्रियों की कमजोरी से जुड़ी होती है। इसलिए, आपको इन विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जैसे – शेलफिश, अनाज, पनीर और दूध। आप अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद इन पोषक तत्वों के लिए अतिरिक्त सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।
आपके खोए हुए स्वाद और गंध को ठीक करने में आपके आहार की अहम भूमिका है। इसलिए, जब आप बताए गए उपायों का पालन करें, तो अपने खाने की आदतों में भी थोड़ा बदलाव करें। गंध और स्वाद की शक्ति को बढ़ाने के लिए इन आहार युक्तियों का पालन करें।
आहार संबंधी सलाह
जब आपकी स्वाद और गंध की इंद्रियां कमजोर हो जाती हैं, तो आपको सभी पसंदीदा व्यंजनों के स्वाद एक जैसे लगते हैं। इन परिवर्तनों से निपटने के लिए आपको कुछ बेहतर आहार संबंधी सलाह दी जा रही हैं:
- अगर आप रेड मीट के स्वाद को नापसंद करते हैं, तो प्रोटीन के अन्य स्रोतों जैसे – मछली, चिकन या सोया का सेवन करें।
- बहुत सारी ताजी सब्जियां खाएं, क्योंकि ये डिब्बाबंद या फ्रोजन सब्जियों की तुलना में अधिक प्रभावी होती हैं।
- स्मूदी और फ्रोजन मीठा रखना शुरू करें, क्योंकि ये कई अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक प्रभावी हैं।
- बड़े गाजर की जगह छोटी गाजर खाएं।
- आप अंडे, पनीर और सफेद मीट जैसे खाद्य पदार्थ भी ले सकते हैं।
- फलियां, नट्स, साबुत अनाज, शेलफीश और डार्क चॉकलेट जैसे जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
आप अपनी जीवनशैली में भी कुछ बदलाव कर सकते हैं। आगे हम कुछ अन्य जरूरी टिप्स दे रहे हैं, जो समस्या से उबरने में आपकी काफी मदद करेंगे।
रोकथाम के उपाय – Prevention Tips
- खूब पानी पिएं और हाइड्रेट रहें।
- भाप लेने का प्रयास करें।
- मुंह को साफ-सुथरा रखें।
- ठंड और फ्लू जैसे संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतें।
स्वाद और गंध आपके जीवन का हिस्सा है। इन इंद्रियों में आए असंतुलन को ठीक करने के लिए आप बताए गए उपायों को अपना सकते हैं। साथ ही आपको खानपान संबंधी सावधानियों का भी पालन करना होगा। आपकी सुविधा के लिए हमने कुछ आहार विकल्प भी दिए हैं, जिन्हें आप दैनिक जीवन में जगह दे सकते हैं। इसके अलावा, इस समस्या से बचे रहने के लिए लेख में बताए गए रोकथाम उपाय भी जरूर करें। उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :
सवाल – टेस्ट बड्स को वापस आने में कितना समय लगता है?
जवाब – आमतौर पर टेस्ट बड्स का एक चक्र 10-15 दिन तक रहता है, लेकिन कुछ स्थिति में यह अधिक समय ले सकता है। अगर टेस्ट इस अवधि तक वापस नहीं आता है, तो यह असामान्य है।
सवाल – क्या तनाव आपके स्वाद इंद्री को प्रभावित कर सकता है?
जवाब – हां, अधिक समय तक तनावग्रस्त रहने और गंभीर मामलों में स्वाद इंद्री प्रभावित हो सकती है। इस स्थिति में लोग जरूरत से ज्यादा खाने लगते हैं। साथ ही यह भी हो सकता है कि उन्हें मुंह में अजीब-सा स्वाद महसूस हो या फिर खाना बेस्वाद लगे।
15 संदर्भ (Sources) :
- Effect of ricinoleic acid in acute and subchronic experimental models of inflammation
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/11200362/ - Immunomodulation and Anti-Inflammatory Effects of Garlic Compounds
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4417560/ - ginger to activate taste buds
https://books.google.co.in/books?id=po_QAgAAQBAJ&&pg=PT65&&dq=ginger+to+activate+taste+buds&&hl=en&&sa=X&&ved=0ahUKEwi53P-dhfbcAhVHRY8KHVGrAPAQ6AEIHzAE#v=onepage&q=ginger%20to%20activate%20taste%20buds&f=false - Anti-Oxidative and Anti-Inflammatory Effects of Ginger in Health and Physical Activity: Review of Current Evidence
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3665023/ - Capsaicin for non-allergic rhinitis
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/26171907/ - The Effect of Capsaicin on Salivary Gland Dysfunction
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27347918/ - lemon for taste buds
https://books.google.co.in/books?id=zuoI5aXxyOMC&&pg=PA43&&dq=lemon+for+taste+buds&&hl=en&&sa=X&&ved=0ahUKEwjquK7Cz_ncAhVCgI8KHcO3B_0Q6AEIPTAJ#v=onepage&q=lemon%20for%20taste%20buds&f=false - Evaluation of acute and chronic anti-nociceptive and anti-Inflammatory effects of apple cider vinegar
http://ijpr.sbmu.ac.ir/article_466.html - Oil pulling for maintaining oral hygiene – A review
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5198813/ - Anti-inflammatory and antioxidant activity of Trachyspermum ammi seeds in collagen induced arthritis in rats
https://experts.umn.edu/en/publications/anti-inflammatory-and-antioxidant-activity-of-trachyspermum-ammi- - Cinnamon: A Multifaceted Medicinal Plant
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4003790/ - A review of the bioactivity and potential health benefits of peppermint tea (Mentha piperita L.)
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16767798/ - The anti-inflammatory activity of L-menthol compared to mint oil in human monocytes in vitro: a novel perspective for its therapeutic use in inflammatory diseases
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/9889172/ - curry leaves antimicrobial
https://books.google.co.in/books?id=5WY08iuJyawC&&pg=PA420&&dq=curry+leaves+antimicrobial&&hl=en&&sa=X&&ved=0ahUKEwi4j4-HivvcAhUJuY8KHf3PDQkQ6AEICTAA#v=onepage&q=curry%20leaves%20antimicrobial&f=false - Anti-inflammatory activity of 1.8-cineol (eucalyptol) in bronchial asthma: a double-blind placebo-controlled trial
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12645832/
- Effect of ricinoleic acid in acute and subchronic experimental models of inflammation
और पढ़े:

Latest posts by Nripendra Balmiki (see all)
- छाछ के 25 अद्भुत लाभ और उपयोग – Benefits And Uses Of Butter Milk (Chaas) in Hindi - December 30, 2020
- घर पर पेडीक्योर करने का आसान तरीका – How To Do Pedicure at Home in Hindi - November 30, 2020
- कद्दू के बीज के फायदे, उपयोग और नुकसान – Pumpkin Seeds Benefits, Uses and Side Effects in Hindi - November 23, 2020
- कुलथी दाल (Kulthi Dal) के 11 फायदे, उपयोग और नुकसान – Horse Gram Benefits, Uses and Side Effects in Hindi - November 5, 2020
- पीलिया के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Jaundice (Piliya) Home Remedies in Hindi - July 23, 2019
