Medically Reviewed By Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

तिल को उपयोग करने के कई तरीके हैं, जिनमें तिल के तेल का इस्तेमाल भी शामिल है। यह कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इस कारण इसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी कहा जाता है। तिल के तेल को त्वचा और बालों में लगाने के साथ-साथ भोजन बनाने में भी उपयोग किया जाता है। यह तिल का तेल कुछ शारीरिक समस्याओं के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है। तिल का तेल किस तरह से काम करता है, जानने के लिए स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल को पढ़ें। यहां तिल के तेल के गुणों के आधार पर हमने तिल के तेल के फायदे और सावधानी के तौर पर तिल के तेल के नुकसान के बारे में बताया है।

शुरू करते हैं लेख

सबसे पहले जानते हैं कि तिल के तेल के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।

तिल के तेल के फायदे – Benefits of Sesame Oil in Hindi

स्वास्थ्य के लिए तिल का तेल खाने के फायदे कई हैं। इन सभी फायदों के बारे में हम लेख में आगे विस्तार से बताएंगे। बस तिली तेल के फायदे के बारे में पढ़ने से पहले यह जान लें कि यह तेल किसी बीमारी का इलाज नहीं है, बल्कि एक अच्छा तेल है, जो व्यक्ति को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

1. विटामिन ई का अच्छा स्रोत

एक रिसर्च में बताया गया है कि तिल के तेल में टोकोफेरोल होता है। यह विटामिन ई का ही एक रूप है ()। इस वजह से तिल के तेल को विटामिन ई का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसके अलावा, टोकोफेरोल यानी विटामिन ई एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह कार्य करता है, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाकर कई बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है (2)। बताया जाता है कि फ्री रेडिकल्स की वजह से शरीर में कैंसर सेल्स के बढ़ने व हृदय रोग का जोखिम हो सकता है (3)।

2. मधुमेह से बचाव

तिली तेल के फायदे में डायबिटीज के स्तर को नियंत्रित करना भी शामिल है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है। दरअसल, सफेद तिल का तेल ब्लड ग्लूकोज (GLU) को रेगुलेट करने और मधुमेह के नुकसानदायक प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है (4)। इसी कारण तिली तेल के फायदे में मधुमेह की समस्या से बचाव व राहत को भी गिना जा सकता है।

3. एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत

एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक शोध के अनुसार, तिल का तेल सेसमोल और सेसमिनोल नामक तत्व से समृद्ध होता है। ये दोनों तत्व शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं (5)। एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, इस्केमिक हृदय रोग (कोरोनरी धमनी रोग) और डायबिटीज जैसी कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है (6)।

4. हृदय स्वास्थ्य के लिए

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आहार में इस्तेमाल किए जाने वाले तेल की भी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। जी हां, तिल के तेल का उपयोग करने से हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। दरअसल, तिल के तेल में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है, जो हृदय को सुरक्षित रखने में सहायक हो सकता है। साथ ही इसमें लिग्नैंस (फाइबर का एक प्रकार) भी होता है, जिसे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है (2)। इस कारण तिली तेल के फायदे में हृदय संबंधी जोखिम से राहत दिलाने को भी गिना जाता है।

5. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण

तिल के तेल के औषधीय गुणों में से एक एंटी-इंफ्लेमेटरी भी है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव के कारण तिल के तेल का इस्तेमाल शरीर की सूजन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। सूजन शरीर के बाहरी और अंदरुनी दोनों भाग में हो सकती है, जिससे तिल के तेल का उपयोग करने से राहत मिल सकती है। अध्ययन के अनुसार, तिल के तेल का उपयोग करने से हाथ-पैर के ऊपरी या निचले हिस्से में लगी चोट के कारण होने वाले दर्द को भी कम किया जा सकता है (7)।

6. दर्द से राहत पाने के लिए

एनसीबीआई के एक शोध के अनुसार, तिल का तेल दर्द से भी राहत दिलाने में मदद कर सकता है। दरअसल, तिल के तेल में एंटी-नोसिसेप्टिक (दर्द को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है, जो दर्द कम कर सकता है। इस कारण तिल के तेल का उपयोग जोड़ों का दर्द दूर करने के घरेलू उपाय से लेकर दांत दर्द दूर करने के उपाय की तरह किया जा सकता है। रिसर्च में लिखा है कि मासिक धर्म सिंड्रोम, खरोंच और कटने के कारण होने वाले दर्द को कम करने में भी यह तेल सहायक साबित हो सकता है (7)।

7. एनीमिया की समस्या दूर करे

तिल का तेल एनीमिया का जोखिम भी कम कर सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक, तिल और तिल के तेल में मौजूद पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड और फेनोलिक फाइटोकेमिकल्स, एनिमिया से बचाव कर सकते हैं। रिसर्च में कहा गया है कि इसके ये कंपाउंड लाल रक्त कोशिका (RBC) और हीमोग्लोबिन (लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन) की मात्रा बढ़ाकर शरीर में खून की कमी को दूर कर सकते हैं (8)। रिसर्च में आगे इसके मैकेनिज्म यानी कार्य तंत्र को समझने के लिए और शोध करने की सिफारिश की गई है।

8. आंखों के स्वास्थ्य के लिए

तिल का तेल खाने के फायदे में आंखों की समस्या को दूर करना भी शामिल है। इससे जुड़ी एक रिसर्च में लिखा है कि तिल का तेल मधुमेह नेत्र रोग यानी डायबिटिक रेटिनोपैथी (रेटिना में सूजन) से जुड़े जोखिम को कम कर सकता है। चूहों पर किए गए अध्ययन के अनुसार, तिल के तेल में मौजूद सेसमिन कंपाउंड रेटिना की सूजन को कम करने में प्रभावी हो सकता है। साथ ही इसके कारण होने वाले अंधेपन से बचाव करने में भी मदद कर सकता है (9)। यही नहीं, इसे आंखों की रोशनी को बेहतर बनाए रखने के लिए भी जाना जाता है (2)।

9. रक्तचाप का स्तर कम करे

तिल के तेल में मौजूद पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड रक्तचाप को कम करने के साथ ही उच्च रक्तचाप रोगी में इसके स्तर को बढ़ने से रोक सकता है। इस बात का जिक्र एनसीबीआई द्वारा पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च में भी है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव, विटामिन ई और अनसेचुरेटेड फैटी एसिड भी रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं। इसी वजह से तिल का तेल खाने के फायदे में ब्लड प्रेशर नियंत्रण को भी गिना जा सकता है (10)।

10. अर्थराइटिस से राहत दिलाए

अर्थराइटिस की समस्या को गठिया के नाम से भी जाना जाता है। इस परेशानी को कम करने में काले तिल का तेल मदद कर सकता है। तिल के तेल में मौजूद लिग्नैन्स एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। इसके कारण यह शरीर में होने वाली इंफ्लेमेशन और इससे संबंधी बीमारियां जैसे अर्थराइटिस को कम कर सकता है। साथ ही इससे अर्थराइटिस के लक्षण को कम करने में भी मदद मिल सकती है (9)।

11. अनिद्रा के लिए

अनिद्रा की समस्या से राहत पाने के उपाय के तौर पर तिल के तेल का उपयोग किया जा सकता है (2)।  आयुर्वेद में भी सालों से तिल के तेल को अनिद्रा दूर करने के लिए शिरोधरा चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है (11)। वैसे यह किस तरह से अनिद्रा को दूर करता है, यह स्पष्ट नहीं है। हां, तिल के तेल में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है, यह हम लेख में ऊपर बता ही चुके हैं। एक रिसर्च के अनुसार, यह प्रभाव मस्तिष्क में रक्त को सही तरह से प्रवाहित करके नींद की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है (12)। इसी आधार पर माना जा सकता है कि तिल के तेल के फायदे में नींद में सुधार भी शामिल है।

12. त्वचा के लिए

तिल का तेल त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को कम करने में लाभकारी हो सकता है। दरअसल, तिल का तेल हीलिंग प्रॉपर्टीज प्रभाव युक्त होता है, जो घाव भरने में मदद कर सकता है (13)। साथ ही तिल के तेल में टोकोफेरॉल (विटामिन-ई का एक प्रकार) होता है, जो सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इसके कारण सनबर्न संबंधी परेशानी को कम करने में मदद मिल सकती है (14)।

13. बालों के स्वास्थ्य के लिए

तिल का तेल स्कैल्प को पर्याप्त पोषण प्रदान करने में मदद कर सकता है। तिल के तेल में एंटी बैक्टीरियल गुण होता है, जो जीवाणु को दूर करके स्कैल्प को संक्रमण से छुटकारा दिला सकता है (15)। देखा जाए, तो रूसी की समस्या दूर करने वाले अधिकतर उत्पाद एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल युक्त होते हैं (16)। ऐसे में तिल के तेल में मौजूद एंटीबैक्टीरियल प्रभाव को रूसी की समस्या दूर करने में मददगार माना जा सकता है  (15)।

स्क्रॉल करें

अब तिल के तेल में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में जानते हैं।

तिल के तेल के पौष्टिक तत्व – Sesame Oil Nutritional Value in Hindi

तिल के तेल में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में हम यहां टेबल के जरिए विस्तार से बता रहे हैं (17)।

पोषक तत्वमात्रा प्रति ग्राम
ऊर्जा (कैलोरी)884 g
टोटल लिपिड (फैट)100 g
कोलिन02 mg
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरोल)1.4 mg
विटामिन के13.6 µg
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड14.2 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड39.7 g
फैटी एसिड, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड41.7 g

लेख में बने रहें

इस आर्टिकल के अगले भाग में हम तिल के तेल के उपयोग के बारे में बता रहे हैं।

तिल के तेल का उपयोग – How to Use Sesame Oil in Hindi

तिल के तेल का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

कैसे खाएं:

  • तिल के तेल का उपयोग सब्जी बनाने में किया जा सकता है।
  • सलाद में ऊपर तिल का तेल डालकर खाया जा सकता है।
  • सूप में मिलाकर भी तिल के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

कब खाएं:

  • तिल का तेल सुबह सलाद में मिलाकर खाया जा सकता है।
  • शाम को सूप पर तिल के तेल को हल्का डालकर खा सकते हैं।
  • तिल ऑयल को दोपहर और रात का खाना बनाने के लिए भी किया जा सकता है।

कितना खाएं:

तिल ऑयल की सीमित और संतुलित मात्रा के बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए, अगर तिल ऑयल का नियमित इस्तेमाल करना चाह रहें, तो इसकी मात्रा के संबंध में आहार विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

बढ़ते हैं आगे

तिल के तेल के उपयोग के बाद लेख में आगे जानिए तिल के तेल के नुकसान।

तिल के तेल के नुकसान – Side Effects of Sesame Oil in Hindi

कई बार तिल के तेल का उपयोग नुकसानदायक भी हो सकता है। इससे होने वाले नुकसान कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:

  • संवेदनशील लोगों को तिल के तेल के उपयोग से एलर्जी हो सकती है (18)।
  • हम ऊपर बता चुके हैं कि तिल के तेल में रक्तचाप का स्तर कम करने की क्षमता होती है। इस लिहाज से अगर कोई ब्लड शुगर कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इससे ब्लड शुगर स्तर अधिक कम हो सकता है।
  • तिल के तेल में कैलोरी अधिक होती है, जिस वजह से अधिक सेवन के कारण शरीर का वजन बढ़ सकता है।

नोट : डॉक्टर के अनुसार, गर्भधारण करने के बारे में सोच रही मधुमेह ग्रस्त महिलाओं को आहार विषेशज्ञ से पूछकर ही तिल के तेल की रोजाना सेवन की मात्रा को तय करना चाहिए।

इस लेख में जरिए आप तिल ऑयल के गुणों के साथ-साथ तिली के तेल के फायदे भी जान गए होंगे। इन सभी फायदों के लिए तिल के तेल को नियंत्रित मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसका अधिक उपयोग करने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिनके बारे में हमने लेख में जानकारी दी है। तिल के तेल के नुकसान से बचने और इसका पूरी तरह से फायदा उठाने के लिए लेख को अच्छे से पढ़ें और स्वस्थ रहें। चलिए, अब आखिरी में तिल के तेल से संबंधित उन सवालों के जवाब भी जानते हैं, जिन्हें रिडर्स अक्सर पूछते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या जैतून के तेल की तुलना में तिल तेल के फायदे अधिक होते हैं?

जैतून के तेल के फायदे और तिल तेल के फायदे लगभग सामान हो सकते हैं। हालांकि, एक अध्ययन के मुताबिक जैतून के तेल का सेवन करने वालों की तुलना में तिल के तेल का सेवन करने वाले व्यक्तियों में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स (हानिकारक वसा) की मात्रा में अधिक कमी देखी गई (19)।

तिल का तेल या नारियल का तेल दोनों में से कौन-सा बेहतर है?

वैसे तो दोनों ही तेल अपनी-अपनी जगह पर अच्छे होते हैं। अगर त्वचा के फायदे के लिहाज से बता करें, तो तिल के तेल में एंटीऑक्सीडेंट्स की अधिक मात्रा होती है। इसकी वजह से यूवी किरणों के प्रभाव को कम करने में तिल तेल का फायदे 30 फीसदी होते हैं। वहीं, नारियल का तेल इससें सिर्फ 20 फीसदी प्रभावी ही पाया गया (14)।

क्या तिल का तेल बाल झड़ने की समस्या कम कर सकता है?

जैसे कि लेख में बताया गया है कि तिल तेल के फायदे बालों में रूसी व स्कैल्प के संक्रमण से जुड़ी समस्याओं को कम कर सकता है। ऐसे में तिला का तेल इन परेशानियों से संबंधित बाल झड़ने की समस्या को कम कर सकता है।

क्या तिल का तेल पीना सुरक्षित है?

हां, तिल ऑयल के पोषक तत्वों और गुणों के आधार पर इसका सेवन करना सुरक्षित माना जा सकता है।

क्या त्वचा के लिए तिल का तेल अच्छा है?

हां, त्वचा के लिए तिल के तेल के फायदे हो सकते हैं।

काले तिल के फायदे क्या हैं?

काले तिल के फायदे कई हैं। यह कोलेस्ट्रॉल से बचाने के साथ ही एजिंग की प्रक्रिया को कम कर सकता है (21)। इनके अलावा, काले तिल के अन्य फायदे जानने के लिए यहां क्लिक करें।

Sources

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