Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

भारत में तुलसी को सबसे पवित्र पौधे का दर्जा दिया गया है। वहीं, भारतीय आयुर्वेद में इसके औषधीय महत्व का पता चलता है। सदियों से आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल शारीरिक और मानसिक समस्याओं के उपचार में किया जाता रहा है। स्वास्थ्य फायदों के लिए इसका उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है, जिसमें तुलसी की चाय भी शामिल है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम खासतौर से तुलसी की चाय के फायदे बता रहे हैं। इस लेख के जरिए आप जान पाएंगे कि तुलसी की चाय किस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने का काम कर सकती है। इसके अलावा, लेख में तुलसी की चाय बनाने की विधि और तुलसी की चाय के नुकसान पर भी प्रकाश डाला गया है।

नीचे विस्तार से पढ़ें

इस आर्टिकल के पहले भाग में हम तुलसी की चाय के औषधीय गुण के बारे में बताएंगे।

तुलसी की चाय के औषधीय गुण

तुलसी की चाय बनाने के लिए मुख्य रूप से इसकी पत्तियों का उपयोग किया जाता है। तुलसी की पत्तियों में मुख्य रूप से एंटी बैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। वहीं, इसमें रक्तचाप को नियंत्रित रखने, हृदय को स्वस्थ रखने और मधुमेह को नियंत्रित रखने के गुण भी पाए जाते हैं। साथ ही तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-मलेरियल, एंटी-डायरियल और एंटी-एलर्जिक गुण भी पाए जाते हैं। साथ ही इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं (1)।

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इस आर्टिकल के अगले भाग में हम तुलसी की चाय के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

तुलसी की चाय के फायदे – Health Benefits of Tulsi Tea (Basil Tea) in Hindi

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि तुलसी की चाय में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं, जिससे शरीर को कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। उन्हीं फायदों के बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।

1. सांस संबंधी समस्याओं के लिए

तुलसी की चाय के उपयोग से श्वसन प्रणाली से जुड़ी कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, तुलसी बलगम को पतला कर उसे बाहर निकालने में मदद कर सकती है। साथ ही एलर्जी ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और इओसिनोफिलिक लंग्स डिजीज (फेफड़े से जुड़ी बीमारी) के कारण होने वाली खांसी पर प्रभावी रूप से काम कर सकती है। इस शोध के अनुसार, तुलसी का अर्क अस्थमा के रोगियों में फेफड़ों की कार्यक्षमता में वृद्धि कर श्वास क्रिया को बेहतर कर सकता है (2)।

2. तनाव में मददगार

अगर किसी को अधिक तनाव की समस्या है, तो उनके लिए तुलसी की चाय पीने के फायदे हो सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, तुलसी के पत्ते में एंटी-स्ट्रेस प्रभाव पाए जाते हैं, जो तनाव को कम कर सकते हैं (3)। तनाव से मुक्ति मिलने पर किसी भी काम को एकाग्रता के साथ करने में आसानी होती है और मूड भी अच्छा रहता है।

3. मुंह और दांतों के लिए

तुलसी के पत्ते की चाय पीने के फायदे मौखिक स्वास्थ्य के लिए भी देखे जा सकते हैं। दरअसल, इस विषय से संबंधित एक शोध में हर्बल सामग्रियों से तैयार माउथवॉश का जिक्र मिलता है, जो एंटीप्लाक (प्लाक को हटाने वाला), एंटी-गिंगिवाइटिस (मसूड़े की सूजन कम करने वाला) और एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) की तरह काम कर सकता है। इस माउथवॉश में तुलसी का भी उपयोग किया गया है। वहीं, शोध में अलग से तुलसी के एंटीबैक्टीरियल प्रभाव का जिक्र किया गया है (4)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि तुलसी का उपयोग चाय के रूप में करके बताए गए लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

4. रक्तचाप को कम करने के लिए

तुलसी की चाय का सेवन करने पर बढ़ते रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इससे जुड़े एक वैज्ञानिक रिसर्च की मानें, तो तुलसी में पोटैशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। पोटैशियम को रक्तचाप को कम करने वाले मुख्य पोषक तत्वों में गिना जाता है (5)। वहीं, एक अन्य वैज्ञानिक शोध में दिया गया है कि तुलसी में एंटीहाइपरटेंसिव गतिविधि पाई जाती है, जो सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम कर सकती है (6)।

5. मधुमेह के लिए

मधुमेह की स्थिति में राहत दिलाने में भी तुलसी की चाय सहायक हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक रिसर्च के मुताबिक, तुलसी में एंटी-डायबिटिक गतिविधि पाई जाती है, जो ब्लड ग्लूकोज को कम कर मधुमेह की समस्या से आराम दिलाने में मददगार हो सकती है (3)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि तुलसी की चाय के फायदे मधुमेह के रोगियों को भी प्राप्त हो सकते हैं।

6. पाचन तंत्र के लिए लाभकारी

जिन लोगों को पाचन से जुड़ी समस्या है, उनके लिए तुलसी की चाय का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता हैं। इससे जुड़े एक शोध से पता चलता है कि तुलसी की चाय पाचन क्रिया को ठीक करने के साथ-साथ गैस, दस्त, कब्ज, पेट में ऐंठन और उल्टी से निजात दिलाने में मददगार हो सकती है (7)। वहीं, एक अन्य शोध में तुलसी के लैक्सेटिव गुण का पता चलता है, जो मल त्यागने की प्रक्रिया को आसान बनाकर, कब्ज से राहत दे सकता है। इससे पाचन तंत्र को ठीक से काम करने में मदद मिल सकती है (8)।

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7. ​सर्दी-जुकाम को दूर रखने के लिए

एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, तुलसी के पत्तों से बनी चाय का सेवन सर्दी-जुकाम के उपचार में मदद कर सकता है। इसके नियमित सेवन से मौसम के बदलने से होने वाले सर्दी-जुकाम से भी छुटकारा मिल सकता है। यह जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है (2)। वहीं, इसके लाभ के पीछे तुलसी का कौन-सा गुण काम करता है, इसे लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है।

8. अच्छी नींद के लिए

अच्छी नींद तभी आ पाएगी जब दिमाग पूरी तरह शांत हो। दिमाग को शांत करने के लिए तुलसी की चाय के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो तुलसी में एंटी-स्ट्रेस, एंटी-एंग्जायटी और एंटी-डिप्रेशन गुण मौजूद होते हैं, जो अच्छी नींद को बढ़ावा देने का काम कर सकते हैं (3)।

9. अर्थराइटिस के लिए

अर्थराइटिस यानी गठिया के मरीजों को जोड़ों में अधिक दर्द और सूजन की समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं, गठिया के 100 से भी अधिक प्रकार होते हैं (9)। इससे आराम पाने के लिए तुलसी का उपयोग कारगर हो सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, तुलसी में एंटी-अर्थराइटिस (गठिया से निजात दिलाने वाला) और एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) गुण पाए जाते हैं, जो गठिया के स्थिति में राहत दिला सकते हैं (3)।

10. वजन कम करने में लाभकारी

जो लोग बढ़ते वजन से परेशान हैं, उनके लिए तुलसी की चाय का सेवन कारगर साबित हो सकता है। दरअसल, वजन कम करने को लेकर कई औषधीय जड़ी-बूटियों और पौधों पर शोध किया गया। इन पौधों में तुलसी को भी शामिल किया गया। शोध से पता चलता है कि तुलसी वजन को कम करने में मदद कर सकती है (10)। तुलसी की चाय के सेवन के साथ ही नियमित रूप से व्यायाम भी करना चाहिए। फिलहाल, वजन कम करने में इसकी कार्यप्रणाली को लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

11. त्वचा के लिए

तुलसी के पत्ते की चाय पीने के फायदे त्वचा के लिए भी हो सकते हैं। तुलसी को त्वचा स्वास्थ्य के लिए एक कारगर औषधि माना माना जाता है। इसका उपयोग त्वचा संक्रमण सहित कुष्ठ रोग जैसी गंभीर बीमारी में भी किया जा सकता है (8)। इसके अलावा, तुलसी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल्स की समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं, जिससे बढ़ती उम्र के प्रभाव को धीमा किया जा सकता है (11)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि तुलसी की चाय का सेवन व उपयोग त्वचा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। फिलहाल, त्वचा पर इसके सीधे प्रभाव जानने के लिए और शोध की आवश्यकता है।

12. बालों के लिए

तुलसी का उपयोग बालों को मजबूत बनाने और उन्हें टूटने से बचाने के लिए किया जा सकता है। तुलसी के ये प्रभाव बालों के विकास में मददगार हो सकते हैं (12)। इसके लिए तुलसी की चाय (बिना अन्य सामग्री मिलाए तुलसी की पत्तियां को पानी में उबालकर) को ठंडा करके बाल धोने के लिए उपयोग किया जा सकता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि तुलसी के पत्ते की चाय के फायदे बालों के लिए भी हो सकते हैं।

13. कैंसर से बचाए

कैंसर से बचने में तुलसी की चाय का सेवन मददगार हो सकता है। इस संबंध में किए गए शोध के अनुसार, तुलसी में एंटी-कैंसर गतिविधि मौजूद होती हैं। एंटी-कैंसर गतिविधि कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने का काम करती हैं, जिससे कैंसर के जोखिम से बचा जा सकता है (13)। वहीं, पाठक इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी की चाय किसी भी तरीके से कैंसर का इलाज नहीं है। अगर कोई कैंसर की चपेट में आ चुका है, तो जल्द से जल्द डॉक्टरी इलाज करवाना जरूरी है।

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अब हम आगे बताएंगे कि तुलसी की चाय में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं।

तुलसी की चाय में पाये जाने वाले पोषक तत्व: Nutrients in Tulsi Tea in hindi

तुलसी की चाय बनाने के लिए इसके ताजे पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। इस वजह से तुलसी के पत्ते में मौजूद गुण चाय में भी हो सकते हैं। नीचे एक टेबल के माध्यम से हम इन पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं (14)।

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी92.06 g
ऊर्जा23 kcal
प्रोटीन3.15 g
टोटल लिपिड (फैट)0.64 g
कार्बोहाइड्रेट2.65 g
फाइबर1.6 g
शुगर0.3 g
कैल्शियम, Ca177 mg
आयरन, Fe3.17 mg
मैग्नीशियम, Mg64 mg
फास्फोरस, P56 mg
पोटैशियम, K295 mg
सोडियम, Na4 mg
जिंक, Zn0.81 mg
कॉपर, Cu0.385 mg
मैंगनीज, Mn1.148 mg
सेलेनियम, Se0.3 µg
विटामिन-सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड18 mg
थियामिन0.034 mg
राइबोफ्लेविन0.076 mg
नियासिन0.902 mg
विटामिन-बी 60.155 mg
फोलेट68 µg
विटामिन ए, RAE264 µg
विटामिन ए, IU5275 IU
विटामिन-ई0.8 mg
विटामिन-के414.8 µg
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड0.041 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.088 g
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड0.389 g

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आइए, अब जानते हैं तुलसी की चाय बनाने की विधि के बारे में।

तुलसी की चाय बनाने की विधि – How to Prepare Tulsi Green Tea in hindi

तुलसी की चाय कई अलग-अलग तरीकों से बनाई जा सकती है। नीचे जानिए इसे बनाने के कुछ खास तरीके –

1. तुलसी की चाय

सामग्री:

  • सात से आठ तुलसी की पत्तियां
  • एक कप पानी
  • एक चौथाई चम्मच चाय की पत्ती
  • चीनी या शहद स्वादानुसार

चाय बनाने की विधि:

  • सबसे पहले एक पैन में पानी डालकर गैस पर रख दें।
  • जब पानी गर्म हो जाए, तो इसमें चाय के पत्ती को डाल दें और कुछ देर उबलने दें।
  • उसके बाद इसमें तुलसी के पत्तों को डाल दें। ध्यान रखें कि तुलसी के पत्ते को चाय में डालने से पहले धोना है।
  • तुलसी के पत्ते डालने के बाद एक बार चाय को उबलने दें। फिर गैस बंद कर दें।
  • अब चाय को एक कप में छान कर निकाल लें और ऊपर से शहद या चीनी मिलाकर चम्मच से अच्छी तरह घोल लें।
  • अब तुलसी की चाय तैयार है, आप इसकी चुस्कियों का आनंद ले सकते हैं।

2. नींबू और तुलसी चाय

सामग्री:

  • दो चम्मच बारीक कटे हुए तुलसी के पत्ते
  • एक कप पानी
  • आधा नींबू
  • एक चौथाई चम्मच चाय की पत्ती
  • शहद या चीनी स्वादानुसार

चाय बनाने की विधि:

  • सबसे पहले पानी में चाय पत्ती डालकर उबाल लें।
  • पानी अच्छे से उबलने के बाद इसमें तुलसी के पत्ते डालें।
  • अब गैस बंद करके चाय में नींबू निचोड़ लें।
  • इसके बाद चाय को छानकर कप में निकाल लें और ऊपर से शहद या चीनी मिला लें।
  • लीजिए, तुलसी की चाय तैयार है।

3. अदरक-तुलसी चाय दूध के साथ

सामग्री:

  • चार से पांच तुलसी के पत्ते
  • आधा इंच अदरक
  • एक चम्मच चाय की पत्ती
  • आधा कप दूध
  • एक कप पानी
  • चीनी आवश्यकतानुसार

चाय बनाने की विधि:

  • सबसे पहले दूध में पानी, चीनी और चाय पत्ती डालकर उबाल लें।
  • अब अदरक को छोटे टुकड़े में काटकर या कूट कर चाय में डाल दें।
  • एक-दो मिनट बाद तुलसी की पत्तियों को डालें।
  • दो-तीन बार उबाल आने के बाद गैस बंद कर दें और चाय को एक कप में छानकर निकाल लें।

नीचे है और जानकारी

चलिए, अब जानते हैं तुलसी चाय पीने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होता है।

तुलसी चाय पीने का सबसे अच्छा समय – Best time to drink tulsi green tea in hindi

वैसे तो तुलसी की चाय का सेवन किसी भी वक्त किया जा सकता है। फिर भी अच्छा होगा कि इसका सेवन सुबह या शाम के वक्त करें। इसे पीने के समय से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आहार विशेषज्ञ से बात कर सकते हैं।

इस आर्टिकल के अगले भाग में हम तुलसी की चाय के नुकसान के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

तुलसी की चाय के नुकसान – Tulsi ki Chai ke nuksan

जिस तरह तुलसी की चाय पीने के फायदे हो सकते हैं, उसी तरह कई बार तुलसी की चाय पीने के नुकसान भी हो सकते हैं। यह नुकसान कुछ इस तरह से हो सकते हैं।

  • तुलसी की चाय में एंटी-डायबिटिक गुण होने के कारण इसे अधिक मात्रा में लेने पर सामान्य ब्लड शुगर वालों में लो ब्लड शुगर की समस्या हो सकती है (3)।
  • तुलसी के पत्ते में एंटी हाइपरटेंसिव गुण पाया जाता है। इसलिए, इसका अधिक सेवन सामान्य रक्तचाप वालों में लो ब्लड प्रेशर का कारण भी बन सकता है (6)।
  • तुलसी के पत्ते के अर्क में मौजूद बेंजीन नामक तत्व एंटीफर्टिलिटी प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है, जिससे तुलसी की पत्तों से बनी चाय के अधिक मात्रा में सेवन करने पर पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने का जोखिम बढ़ सकता है (15)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
  • तुलसी में रक्त को पतला करने का गुण भी पाया जाता है। यही वजह है कि इसे अधिक मात्रा में सेवन करने पर खून जरूरत से ज्यादा पतला हो सकता है (1)। फिलहाल, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है।

उम्मीद करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद अब आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि तुलसी की चाय के फायदे किसी प्रकार स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं। इसका संयमित मात्रा में किया गया सेवन बताए गए स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है। वहीं, इसके सेवन के दौरान अगर किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नजर आते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। नीचे हम तुलसी के फायदे से जुड़े पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल?

क्या रोज तुलसी की चाय पी सकते हैं?

जी हां, सीमित मात्रा में प्रतिदिन तुलसी की चाय का सेवन किया जा सकता है।

क्या तुलसी में एंटीवायरल होता है?

जी हां, तुलसी में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं (3)।

क्या तुलसी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अच्छी है?

जी हां, तुलसी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने का काम कर सकती है, जिससे कई समस्याओं को दूर रखा जा सकता है (3)।

क्या तुलसी की चाय में कैफीन होता है?

जी नहीं, तुलसी में कैफीन की मात्रा नहीं पाई जाती है (3)।

क्या एसिड रिफ्लक्स के लिए तुलसी की चाय अच्छी है?

जी हां, तुलसी की चाय एसिड रिफ्लक्स के लिए अच्छा हो सकती है। फिलहाल, इस बात की पुष्टि करने के लिए किसी तरह का वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है।

क्या अधिक मात्रा में तुलसी की चाय पी सकते हैं?

किसी भी चीज का अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदायक होता है। इसी तरह तुलसी की चाय का अधिक सेवन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने का काम कर सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि इसकी संयमित मात्रा का सेवन करें। इससे होने वाले नुकसान के बारे में ऊपर डिटेल में बताया गया है।

क्या तुलसी की चाय ऊर्जा प्रदान करती है?

जी हां, तुलसी की चाय शरीर को ऊर्जा प्रदान कर सकती है (14)।

References

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  1. Tulsi” – the Wonder Herb (Pharmacological Activities of Ocimum Sanctum
    https://www.imedpub.com/articles/tulsi–the-wonder-herb-pharmacologicalactivities-of-ocimum-sanctum.pdf
  2. Antioxidant Activity of The Ancient Herb, Holy Basil in CCl4-Induced Liver Injury in Rats
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4766851/
  3. Tulsi – Ocimum sanctum: A herb for all reasons
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4296439/
  4. A comparative study of antiplaque and antigingivitis effects of herbal mouthrinse containing tea tree oil, clove, and basil with commercially available essential oil mouthrinse
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4095623/
  5. Nutritional Composition of the Leaves and Stems of Ocimum Gratissimum
    https://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download doi=10.1.1.300.3896&rep=rep1&type=pdf
  6. Role of natural herbs in the treatment of hypertension
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3210006/
  7. Phytochemical Constituents and Pharmacological Activities of Sweet Basil-Ocimum basilicum L. (Lamiaceae)
    http://www.asianjournalofchemistry.co.in/User/ViewFreeArticle.aspx?ArticleID=23_9_1
  8. PHYTOCHEMICAL AND PHARMACOLOGICAL STUDIES ONOCIMUM BASILICUM LINN – A REVIEW
    http://ijcrr.com/uploads/1538_pdf.pdf
  9. Arthritis
    https://medlineplus.gov/ency/article/001243.htm
  10. Using Herbal Remedies to Maintain Optimal Weight
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  11. Skin Ageing: Natural Weapons and Strategies
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3569896/
  12. Hair is an accoutrement, hair is jewelry, it’s an accessory- Realize “The killing effects of shampoo”
    http://www.plantsjournal.com/archives/2017/vol5issue2/PartD/5-2-29-448.pdf
  13. Pharmacological Actions of Ocimum sacntum– Review Article
    http://www.ijapbc.com/files/27-1332.pdf
  14. Basil, fresh
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/172232/nutrients
  15. Ocimum sanctum Linn. A reservoir plant for therapeutic applications: An overview
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3249909/
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