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विटामिन कई प्रकार के होते हैं, जो हमारे स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी होते हैं (1)। इन्हीं जरूरी विटामिन्स में से एक है विटामिन बी2, जिसकी जानकारी और स्वास्थ्य लाभ के बारे में हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में चर्चा करने वाले हैं। साथ ही, यहां आप जानेंगे कि विटामिन बी2 की कमी से शरीर किन बीमारियों का शिकार हो सकता है। इसके अलावा, विटामिन बी2 के स्रोत और इसकी अधिक मात्रा से होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में भी हम विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे। तो विटामिन बी2 के फायदे और अन्य जरूरी जानकारियों के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
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सबसे पहले विस्तार से जानते हैं कि विटामिन बी2 क्या है।
विषय सूची
विटामिन बी2 क्या है? – What is Vitamin B2 in Hindi
विटामिन बी2 पानी में घुल जाने वाला (वाटर सॉल्युबल) विटामिन होता है। इसका मतलब यह है कि इस तरह के विटामिन शरीर में जमा नहीं होते है। इसकी अधिकतम मात्रा यूरिन द्वारा शरीर से बाहर निकल जाती है। शरीर इसे कम मात्रा में ही स्टोर कर पाता है, इसलिए शरीर में इसकी उचित मात्रा बनाए रखने के लिए नियमित रूप से इसका सेवन करना जरूरी हो सकता है। विटामिन बी2 को राइबोफ्लेविन (Riboflavin) भी कहा जाता है। यह शरीर में अन्य बी विटामिन्स के साथ मिलकर काम करता है। साथ ही यह शरीर के स्वस्थ विकास और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में भी योगदान कर सकता है (2)। आगे आप जानेंगे कि शरीर में इस विटामिन की कमी के क्या कारण हो सकते हैं।
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अब हम लेख के इस भाग में विटामिन बी2 की कमी होने के कारण बता रहे हैं।
विटामिन बी2 की कमी होने के कारण – Causes of Vitamin B2 Deficiency in Hindi
यहां हम कुछ कारण बता रहे हैं, जिसकी वजह से शरीर में विटामिन बी2 की कमी हो सकती है। तो ये कारण कुछ इस प्रकार हैं:
- आहार में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होना
संतुलित आहार के जरिए हमारा शरीर आसानी से कई तरह के पोषक तत्वों को प्राप्त कर सकता है। हालांकि, अगर आहार में उच्च गुणवत्ता वाले खाद्यों की कमी हो जाए, तो जाहिर है कि इससे शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों के साथ की भी कमी हो सकती है। इन्हीं में विटामिन बी2 का नाम भी शामिल है (3)। आसान शब्दों में समझा जाए तो पौष्टिक या विटामिन बी2 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करने से विटामिन बी2 की हो सकती है।
- गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करना
गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करने से शरीर में विटामिन बी2 की कमी का जोखिम हो सकता है। दरअसल, इन दवाइयों के कारण शरीर में विटामिन बी2 के अवशोषण में बाधा आ सकती है और इसका घुलना कम हो सकता है, जो विटामिन बी2 की कमी कारण बन सकता है (3)।
- मालएब्जॉर्प्शन
मालएब्जॉर्प्शन (Malabsorption) वह स्थिति है, जिसमें शरीर खाद्य पदार्थों से पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाता है। इसका मुख्य कारण छोटी आंत में किसी प्रकार की खराबी या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है (4)। ऐसे में इसे भी विटामिन बी2 की कमी का एक माना जा सकता है।
- खाद्य पदार्थों का कम सेवन
अंडा, मांस और डेयरी उत्पाद जैसे खाद्य पदार्थ विटामिन बी2 के अच्छे स्रोत होते हैं। ऐसे में जो लोग इनका कम सेवन करते हैं, उनमें विटामिन बी2 या राइबोफ्लेविन की कमी का खतरा अधिक हो सकता है (5)।
- खेल-कूद करने वाले
जो व्यक्ति व्यायाम और खेल-कूद (एथलीट) करने में दिलचस्पी लेते हैं और आहार में सिर्फ शाकाहारी खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं, उनमें भी विटामिन बी2 की कमी हो सकती है। दरअसल, उनके शरीर को पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती है। वहीं, शाकाहारी खाने से उन्हें सारे जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं (5)। इसलिए, व्यायाम और खेल-कूद करने वाले व्यक्तियों को डाइटीशियन से अपने आहार के बारे में नियमित सलाह लेनी चाहिए।
- गर्भावस्था और स्तनपान
गर्भावस्था या स्तनपान भी विटामिन बी2 की कमी का एक कारण बन सकता है। दरअसल, इस दौरान स्वास्थ्य विशेषज्ञ महिला को मांस या डेयरी उत्पादों के सेवन से परहेज करने की सलाह दे सकते हैं। ऐसे में उनमें राइबोफ्लेविन या विटामिन बी2 की कमी का खतरा बढ़ सकता है। इतना ही नहीं इसका प्रभाव उनके शिशुओं के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान राइबोफ्लेविन की कमी से प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) यानी गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप का जोखिम भी बढ़ सकता है (5)।
- वीगन आहार या दूध का बहुत कम सेवन
पशु आहार जैसे :- दूध, दही, अंडा व मांस विटामिन बी2 से समृद्ध होते हैं। ऐसे में सिर्फ वीगन आहार या बहुत कम मात्रा में दूध का सेवन करने वाले लोगों में विटामिन बी2 की कमी का खतरा हो सकता है (5)। बता दें कि वीगन डाइट वह है जिसमें पशु या उनके उत्पाद को आहार में शामिल नहीं किया जाता है। इसमें लोग सिर्फ सब्जियों और पौधों द्वारा उत्पादित प्रोडक्ट का सेवन करते हैं।
- राइबोफ्लेविन ट्रांसपोर्टर डेफिशियेंसी
यह एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार है, जो अक्सर बचपन और युवावस्था के दौरान शुरू हो सकता है। इसके कारण सुनने, सांस संबंधी परेशानियों के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसमें शरीर में राइबोफ्लेविन का घुलना या अवशोषित होना कम हो जाता है, जो राइबोफ्लेविन या विटामिन बी2 की कमी का कारण बन सकता है (5)।
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आगे हम विटामिन बी2 की कमी के लक्षण बता रहे हैं, जिनकी मदद से व्यक्ति विटामिन बी2 की कमी का पता लगा सकता है।
विटामिन बी2 की कमी के लक्षण – Symptoms of Vitamin B2 Deficiency in Hindi
शरीर में विटामिन बी2 या राइबोफ्लेविन की कमी होने पर कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ये लक्षण कुछ इस प्रकार हैं (6):
- एंगुलर चेलाइटिस (Angular Cheilitis – होठों के किनारों में सूजन) होना
- होठों का सूखना या छाले होना
- जीभ का सूखना या उसका रंग मैजेंटा लाल या काला होना
- सेबोरिक डर्मेटाइटिस (Seborrheic Dermatitis – एक प्रकार की त्वचा संबंधी समस्या) होना
- आंख आना (कंजंक्टिवाइटिस)
- गले में खराश होना
- थकान होना
- इसके अलावा, विटामिन बी2 की कमी के कारण कुछ गंभीर लक्षण भी नजर आ सकते हैं, जो हैं (5):
- थायराइड हार्मोन की कमी
- त्वचा विकार
- हाइपरमिया (Hyperemia – नसों व अंगों में अतिरिक्त रक्त प्रवाह करना)
- होठ और गले में सूजन होना
- बालों का झड़ना
- प्रजनन समस्याएं होना
- आंखों में खुजली व जलन होना
- लिवर और तंत्रिका तंत्र की क्षति होना
- खून की कमी (एनिमिया)
- मोतियाबिंद होना
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विटामिन बी2 की कमी के लक्षण जानने के बाद अब जानें विटामिन बी2 के फायदे।
विटामिन बी2 के फायदे – Vitamin B2 Benefits In Hindi
विटामिन बी2 के फायदे में कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव या उनके प्रभाव को कम करना शामिल है। ऐसे में यहां हम विटामिन बी2 के फायदे से जुड़ी जानकारियां विस्तार पूर्वक साझा कर रहे हैं:
1. सिरदर्द दूर करे
विटामिन बी2 का सेवन सिरदर्द के लिए भी उपयोगी हो सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, प्रतिदिन 400 मिलीग्राम विटामिन बी2 के सप्लीमेंट के सेवन से माइग्रेन की समस्या से बचाव की बात सामने आई है (3)।
इसके अलावा, इसकी अधिक मात्रा भी माइग्रेन की तीव्रता को कम करने में उपयोगी पाया गया है। वहीं, किसी अन्य विटामिन और मिनरल के साथ इसका सेवन माइग्रेन में सिरदर्द के लिए उपयोगी हो सकता है (7)। हालांकि, हम यहां स्पष्ट कर दें कि किसी भी सप्लीमेंट के सेवन से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूरी लें। वहीं, माइग्रेन के लक्षणों से बचाव या उन्हें कम करने के लिए विटामिन बी2 युक्त आहार को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।
2. आंखों के लिए
जैसे कि हमने लेख में पहले ही जानकारी दी है कि विटामिन बी2 की कमी अगर लगातार बनी रहे तो मोतियाबिंद का जोखिम हो सकता है (5)। ऐसे में जो व्यक्ति अपनी डाइट में अधिक विटामिन बी 2 युक्त आहार लेते हैं, उनमें मोतियाबिंद का जोखिम कम हो सकता है। इसके अलावा, राइबोफ्लेविन और नियासिन युक्त सप्लीमेंट लेने से भी मोतियाबिंद से बचाव हो सकता है (7)। हालांकि, किसी भी तरह का सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
3. एनीमिया के लिए
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन से यह पुष्टि होती है कि शरीर में विटामिन बी2 की कमी एनीमिया (खून की कमी) का कारण बन सकती है। ऐसे में इस समस्या से बचाव के लिए आयरन के साथ ही विटामिन बी2 का सेवन करना लाभकारी हो सकता है (8)। दरअसल, विटामिन बी2 शरीर में अन्य विटामिन बी के साथ काम करता है और शरीर के विकास व लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में अहम भूमिका निभा सकता है (2)। इस आधार पर शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ाने के लिए विटामिन बी2 का सेवन करना जरूरी माना जा सकता है।
4. ऊर्जा बढ़ाने के लिए
विटामिन बी2 के सेवन से शरीर की ऊर्जा भी बढ़ाई जा सकती है। इसे प्राकृतिक तौर पर ऊर्जा का स्रोत भी माना जा सकता है (9)। दरअसल, विटामिन बी2 अन्य बी विटामिन के साथ काम करता है, जो शरीर के विकास, लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के साथ ही प्रोटीन को ऊर्जा में बदलने का भी कार्य कर सकता है (2)। ऐसे में शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में भी विटामिन बी2 अहम भूमिका निभा सकता है।
5. कैंसर से बचाव
कैंसर से बचाव के लिए विटामिन बी2 उपयोगी हो सकता है। दरअसल, अध्ययनों से इसकी पुष्टि होती है कि विटामिन बी2 में एंटी ट्यूमर गुण होता है। ऐसे में यह कैंसर जैसे गंभीर बीमारी से बचाव में मदद कर सकता है। इस शोध के अनुसार, लंबे समय से शरीर में सूजन की समस्या ट्यूमर का कारण बन सकता है। वहीं, बी विटामिन्स जैसे :- विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन) समेत विटामिन बी6 (पाइरिडोक्सिन) और विटामिन बी9 (फोलिक एसिड) ट्यूमर कोशिकाओं के प्रसार को रोकने में सहायक हो सकता है (10)। हालांकि, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है। वहीं, हम स्पष्ट कर दें कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है और इसके उपचार के लिए हमेशा डॉक्टरी चिकित्सा को ही प्राथमिकता दें।
6. त्वचा के लिए
जैसे कि हमने पहले ही जानकारी दी है कि विटामिन बी2 की कमी से त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं (5)। ऐसे में त्वचा को स्वस्थ रखने में और शरीर में कोलेजन (Collagen) के स्तर को बनाए रखने के लिए विटामिन बी2 को जरूरी माना जा सकता है (3)। बता दें कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होता है (11)।
7. स्वस्थ बालों के लिए
माना जाता है कि विटामिन बी2 की कमी से बालों के झड़ने की समस्या भी हो सकती है (3)। ऐसे में बालों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन बी2 का सेवन उपयोगी हो सकता है। हालांकि, बालों का झड़ना रोकने के लिए उसके कारण का पता लगाना जरूरी है, ताकि कारण के आधार पर इसका उपाय किया जा सके है। विटामिन बी2 का सेवन स्वस्थ बालों के लिए उपयोगी हो सकता है। वहीं, अगर किसी के बाल ज्यादा झड़ रहे हो तो बेहतर है पूरी तरह विटामिन बी2 पर निर्भर न करते हुए विशेषज्ञ की सलाह लें।
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विटामिन B2 के स्रोत जानने के लिए पढ़ते रहिए यह लेख।
विटामिन B2 के स्रोत – Vitamin B2 Food Sources in Hindi
शरीर में विटामिन B2 की पूर्ति करने के लिए आप अपने आहार में निम्नलिखित शाकाहारी और मांसाहारी खाद्य शामिल कर सकते हैं, जिन्हें नीचे क्रमवार बताया गया है (5)।
शाकाहारी (वेज):
- ओट्स (दलिया)
- दही
- दूध
- मशरूम
- बादाम
- मक्खन
- क्विनोआ
- पालक
- सेब
- राजमा
- ब्रेड
- सूरजमुखी के बीज
- टमाटर
- चावल
मांसाहारी (नॉन वेज):
- अंडा
- मांस
- मछली
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आगे हम दैनिक तौर पर विटामिन बी2 की खुराक की जानकारी दे रहे हैं।
विटामिन बी2 के सेवन की मात्रा – What Is The Recommended Daily Intake Of Vitamin B2
विटामिन बी2 की खुराक व्यक्ति के उम्र पर निर्भर है, उम्र के अनुसार इसकी मात्रा में बदलाव हो सकते हैं। ऐसे में यहां हम उम्र के हिसाब से विटामिन बी2 की कितनी मात्रा जरूरी है, इसकी जानकारी दे रहे हैं। तो विटामिन बी2 की खुराक कुछ इस प्रकार है (2):
नवजात शिशुओं के लिए दैनिक विटामिन बी2 के खुराक की मात्रा :
- जन्म से 6 माह तक के बच्चों के लिए – 0.3 मिलीग्राम प्रतिदिन
- 7 से 12 माह तक के बच्चों के लिए – 0.4 मिलीग्राम प्रतिदिन
बच्चों के लिए दैनिक विटामिन बी2 के खुराक की मात्रा :
- 1 से 3 साल तक के बच्चों के लिए – 0.5 मिलीग्राम प्रतिदिन
- 4 से 8 साल तक के बच्चों के लिए – 0.6 मिलीग्राम प्रतिदिन
- 9 से 13 साल तक के बच्चों के लिए – 0.9 मिलीग्राम प्रतिदिन
किशोर और वयस्कों के लिए दैनिक विटामिन बी2 के खुराक की मात्रा :
- 14 या उससे बड़ी उम्र के पुरुषों के लिए – 1.3 मिलीग्राम प्रतिदिन
- 14 से 18 साल की महिलाओं के लिए – 1.0 मिलीग्राम प्रतिदिन
- 19 या उससे बड़ी उम्र की महिलाओं के लिए – 1.1 मिलीग्राम प्रतिदिन
- गर्भवती महिलाओं के लिए – 1.4 मिलीग्राम प्रतिदिन
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए – 1.6 मिलीग्राम प्रतिदिन
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विटामिन बी2 की खुराक जानने के बाद, अब जानें इसकी अधिकता के दुष्परिणाम।
विटामिन बी2 के साइड इफेक्ट – Vitamin B2 Side Effects in Hindi
जैसा लेख में हम बता चुके हैं कि विटामिन बी2 पानी में घुलनशील होता है, जो मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है। हालांकि, अगर अधिक मात्रा में इसके खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट्स का सेवन किया जाए, तो विटामिन बी2 के नुकसान भी हो सकते हैं (6)।
- मूत्र के रंग में परिवर्तन होना (मूत्र का रंग पीला या नारंगी होना)।
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता होना।
- हेपाटोटोक्सिसिटी (Hepatotoxicity – लिवर को क्षति होना)।
- साइटोटोक्सिक (Cytotoxic – कोशिकाओं का विषाक्त होना)।
- आंखों की लेंस और रेटिना के प्रोटीन को नुकसान पहुंचना (इससे धुंधलापन और डबल विजन का जोखिम बढ़ सकता है)।
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आइए, अब आपको बताते हैं कि शरीर में विटामिन बी2 लेते समय ध्यान रखने योग्य बातें।
विटामिन बी2 लेते समय बरती जाने वाली सावधानियां – Precautions to Take while taking Vitamin B2
विटामिन बी2 की कमी से बचाव करना आसान हो सकता है। हालांकि, इसकी खुराक लेते समय कुछ तरह की सावधानियां भी जरूरी होती है, ताकि इसके दुष्प्रभाव से बचा जा सके। इसके लिए आप यहां बताई गई बातों का ध्यान रख सकते हैं।
- कोशिश करें कि आहार के जरिए ही प्राकृतिक तरीके से विटामिन बी2 का सेवन करें।
- दैनिक खुराक की मात्रा का ध्यान रखते हुए ही विटामिन बी2 से समृद्ध खाद्य पदार्थ आहार में शामिल करें।
- समय-समय पर डॉक्टर से शरीर में विटामिन बी2 के स्तर की जांच करवाएं।
- वीगन लोग पशु उत्पाद नहीं खाते हैं। ऐसे में शरीर में विटामिन बी2 की पूर्ति करने के लिए वे डॉक्टरी सलाह पर विटामिन बी2 के सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।
- विटामिन बी2 के सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
उम्मीद है कि इस लेख के जरिए आप विटामिन बी2 के फायदे विस्तार से समझ गए होंगे। साथ ही अगर किसी को विटामिन बी2 की कमी की आशंका है, तो यहां बताए गए लक्षणों से वे इसकी पुष्टि भी कर सकते हैं और उस आधार पर उचित डॉक्टरी सलाह भी ले सकते हैं। इसके अलावा, आप यहां बताए गए खाद्य स्रोतों का सेवन करके शरीर में विटामिन बी2 की कमी व इससे होने वाली समस्याओं से बचाव भी कर सकते हैं। हालांकि, इसकी उचित मात्रा का ध्यान जरूर रखें। पौष्टिक तत्वों से जुड़े ऐसे ही अन्य पोस्ट पढ़ने के लिए स्टाइलक्रेज की वेबसाइट विजिट करते रहें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
विटामिन बी2 शरीर में क्या करता है?
विटामिन बी2 या राइबोफ्लेविन शरीर में अन्य विटामिन बी के साथ मिलकर काम करता है, जो शरीर के विकास और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद कर सकता है (1)।
क्या विटामिन बी2 सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं?
खाद्य आहार के साथ ही विटामिन बी2 सप्लीमेंट्स के रूप में भी मिलते हैं (5)। विटामिन बी2 के सप्लीमेंट्स का सेवन हमेशा डॉक्टरी सलाह पर ही करें।
विटामिन बी2 कैसे लें?
विटामिन बी2 को डाइट में विटामिन बी2 युक्त आहार के जरिए शामिल किया जा सकता है। वहीं, अगर विटामिन बी2 की कमी के लक्षण दिखाई दे तो बेहतर है डॉक्टर से सलाह लें और उसी अनुसार विटामिन बी2 के सप्लीमेंट्स का सेवन करें।
मुझे विटामिन बी2 कब लेना चाहिए?
आहार के जरिए विटामिन बी2 को कभी भी ले सकते हैं। वहीं, अगर विटामिन बी2 की कमी अधिक हो तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद विटामिन बी2 सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। इसे कब और कितनी मात्रा में लेना होगा, इसकी जानकारी डॉक्टर पहले ही दे देंगे।
Sources
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- Vitamins,
https://medlineplus.gov/ency/article/002399.htm - Riboflavin,
https://medlineplus.gov/ency/article/002411.htm - Riboflavin Deficiency
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https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK470460/ - Malabsorption,
https://medlineplus.gov/ency/article/000299.htm - Riboflavin,
https://ods.od.nih.gov/factsheets/Riboflavin-HealthProfessional/ - Vitamin B2 (Riboflavin)
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https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK525977/ - Riboflavin,
https://medlineplus.gov/druginfo/natural/957.html - Inadequate Riboflavin Intake and Anemia Risk in a Chinese Population: Five-Year Follow Up of the Jiangsu Nutrition Study
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https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3923059/ - Vitamin B
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https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/HealthyLiving/vitamin-b#riboflavin-b2 - Anti-Tumor Effects of Vitamin B2, B6 and B9 in Promonocytic Lymphoma Cells
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https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/31374832/ - Collagen in Health and Disease
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https://www.researchgate.net/publication/270898387_Collagen_in_Health_and_Disease