पाचन शक्ति बढ़ाने के योग – Yoga For Digestion in Hindi

कई बीमारियों का जन्म पेट से होता है। अगर पेट स्वस्थ है, तो व्यक्ति भी स्वस्थ रह सकता है। पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए सही खानपान और शारीरिक गतिविधियों की आवश्यकता होती है। इसके लिए योग करना भी एक अच्छा उपाय साबित हो सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पाचन शक्ति बढ़ाने के योग की जानकारी दे रहे हैं। साथ ही हम बताएंगे कि पाचन शक्ति के लिए योगासन में कौन-कौन से नाम शामिल हैं।
नीचे जरूरी जानकारी है
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि योग पाचन शक्ति के लिए क्यों फायदेमंद माना जाता है।
विषय सूची
पाचन शक्ति में कैसे लाभदायक है योग – How Does Yoga Help with Digestion in Hindi
पाचन शक्ति के लिए योग फायदेमंद साबित हो सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च में भी इस बात की जानकारी मौजूद है। इस शोध के अनुसार, योग के जरिए शरीर में होने वाली गतिविधि से पाचन, चयापचय और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के अवशोषण में सुधार होते हैं। इससे पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है, जिससे कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (आंतों से संबंधी परेशानी) और पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिल सकती है (1)।
लेख पढ़ते रहें
अगले भाग में पाचन शक्ति के लिए योगासन के बारे में जानिए।
पाचन शक्ति के लिए योग – Yoga For Digestion in Hindi
हर तरह की शारीरिक और मानसिक समस्या को ठीक करने के लिए एक विशेष प्रकार के योग को किया जा सकता है। उसी तरह पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए भी कुछ योग को किए जा सकते हैं, जिनमें ये शामिल हैं :
1. अर्धमत्स्येन्द्रासन
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पाचन शक्ति बढ़ाने के योग में अर्धमत्स्येंद्रासन को शामिल किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह योग डाइजेस्टिव एंजाइमों को बढ़ावा दे सकता है। डाइजेस्टिव एंजाइम पाचन क्रिया में सुधार करने का काम करते हैं, जिससे पाचन शक्ति को बढ़ावा मिल सकता है। इससे कब्ज की शिकायत में भी सुधार हो सकता है (2)।
योग करने का तरीका :
- इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले चटाई या योग मैट बिछा लें।
- फिर उसपर दंडासन की अवस्था में बैठ जाएं। दंडासन में पैराें को समाने की तरफ फैलाकर बैठना होता है।
- इस समय गर्दन और धड़ वाला हिस्से सीधा रहेगा।
- इसके बाद बाएं पैर को मोड़कर दाएं पैर के ऊपर रख लें और फिर दाएं घुटने के साइड में रख दें।
- अब दाएं पैर को घुटने से मोड़कर एड़ी को बाएं हिप्स के पास रखें।
- फिर दाएं हाथ को बाएं पैर के घुटने के ऊपर से ले जाकर दाएं पैर के टखने को छूने या पकड़ने की कोशिश करें।
- इसके बाद अपने सिर को बाई ओर घुमाएं और अपनी क्षमतानुसार जितना हो सके पीछे देखें। ध्यान रहें, इस समय रीढ़ की हड्डी सीधी ही रहनी चाहिए।
- इस मुद्रा में आने के बाद थोड़ी देर वैसे ही बने रहने की कोशिश करें और नियमित रूप से सांस लेते व छोड़ते रहें।
- अब इस योग क्रिया को विपरीत करते हुए शुरुआती मुद्रा में आ जाएं।
- यह अर्धमत्स्येंद्रासन का अर्ध चक्र हुआ। अब इसे दूसरी ओर से भी दोहराएं।
- शुरुआती अभ्यासक इस योग को चार से पांच बार कर सकते हैं।
सावधानियां :
- पेट का ऑपरेशन हुआ हो, तो इस योगासन को करने से बचें।
- प्रेगनेंसी के समय इस योग को न करें।
2. पवनमुक्तासन
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पवनमुक्तासन को भी पाचन शक्ति बढ़ाने के योग के तौर पर किया जा सकता है। एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो इस आसन को करने पर पेट वाले भाग पर असर पड़ता है। इस आसान से पेट के अंगों की मसाज होती है। अब्डोमिनल एंडोक्राइन विसरा (डाइजेस्टिव ऑर्गन) के कार्यप्रणाली को बेहतर करने, गैस को दूर करने और कब्ज से राहत दिलाने का काम कर सकता है। इस आधर पर कहा जा सकता है कि इससे पाचन को बढ़ावा मिलता है (3)।
योग करने का तरीका :
- पवनमुक्तासन के लिए फ्लोर पर योग मैट या चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। इस समय दोनों हाथ शरीर से सटे हुए होने चाहिए।
- इसके बाद लंबी सांस भरते हुए बाएं पैर को घुटने से मोड़ लें।
- फिर दोनों हाथों से पकड़कर धीरे-धीरे छाती से लगाने का प्रयत्न करें।
- अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सिर को आगे की ओर झुकाएं और माथे से घुटने को छूने का प्रयास करें।
- इस मुद्रा में आने के बाद कुछ देर वैसे ही बने रहने की कोशिश करें और सांस लेने व छोड़ने की गति को सामान्य रखें।
- अब सांस को छोड़ते हुए सिर और पैर को शुरुआती मुद्रा में ले आएं।
- इस प्रक्रिया को अब दूसरे पैर के साथ भी करें।
- जब दोनों पैर से यह प्रक्रिया हो जाएं, तब दोनों पैर से एक साथ इस प्रक्रिया को करें।
- इस योग को शुरुआत में रुक-रुक कर तीन बार तक कर सकते हैं।
सावधानियां :
- अगर पेट की सर्जरी हुई है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही इस योग को करें।
- कमर या पीठ से संबंधित किसी तरह की समस्या है, तो इसे न करें।
3. मयूरासन
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पाचन की समस्या से जूझ रहे लोग मयूरासन कर सकते हैं। इस संबंध में कई वैज्ञानिक अध्ययन किए गए हैं। ऐसे ही एक शोध से पता चलता है कि मयूरासन को करने से पाचन क्रिया में सुधार हो सकता है, क्योंकि पाचन स्राव अच्छी तरह से स्रावित होता है (4)।
योग करने का तरीका :
- सबसे पहले एक साफ जगह पर योग मैट बिछाकर उस पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
- अब अपने हाथों को जमीन पर रखें। ध्यान रहे, इस समय उंगलियों की दिशा पैरों की तरफ होनी चाहिए।
- फिर दोनों पैर के पंजों को जोड़ लें। इस समय घुटनों के बीच में थोड़ा गेप होना चाहिए।
- अब दोनों हाथ को घुटनों के बीच में अच्छे से जमाकर रख लें।
- इसके बाद दोनों हाथ की कोहनियों को पेट पर अच्छी तरह से सटा लें। इस समय कोहनी नाभि के बगल में होंगीं।
- फिर धीरे धीरे दोनों पैरों को पीछे की तरफ ले जाकर सीधा कर लें।
- इसके बाद शरीर को पूरी तरह सामने की तरफ झुकाएं व शरीर को सीधा कर पूरा भार दोनों हाथों पर ले आएं।
- जब तक हाथों पर शरीर का संतुलन बन जाएं, तब तक धीरे-धीरे शरीर को एक सीध में ऊपर उठाएं। इस समय सिर्फ दोनों हाथ जमीन पर होंगें और पूरा शरीर जमीन से ऊपर हवा में होगा।
- कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने की कोशिश करें।
- फिर धीरे-धीरे शरीर को जमीन पर लाकर शुरुआती अवस्था में आ जाएं।
- इस योग को कुछ देर के विराम के साथ तीन से चार बार किया जा सकता है।
सावधानियां :
- गर्भवतियों को यह योग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस योग के दौरान संतुलन बिगड़ने पर गिरने का जोखिम बना रहता है। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।
- हाथों में दर्द या फ्रैक्चर है, तो इस योग को करने से बचें।
- अगर किसी को हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर या पेप्टिक अल्सर की समस्या है, तो इस आसन को न करें।
4. उत्तानासन
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पाचन शक्ति के लिए योग के तौर पर उत्तानासन भी कर सकते हैं। दरअसल, पेट और आंतों पर सीधा असर डालने वाले योगासन को पाचन क्रिया के लिए बेहतर माना जाता है। उत्तानासन भी ऐसे ही योगासनों में से एक है (5)।
योग करने का तरीका :
- इस योग को करने के लिए योगा मैट या चटाई बिछा लें। अब उस पर सीधे खड़े होकर लंबी सांसें लें।
- फिर हल्की हल्की सांस छोड़ते हुए समाने की ओर झुकें और दोनों हाथ से पैरों के अंगूठों को स्पर्श करने की कोशिश करें।
- अगर ऐसा करने में तकलीफ महसूस होती है, तो हाथों से पैरों की एड़ी पकड़ सकते हैं।
- इस समय घुटने एकदम सीधे हों और सिर पैर से सटा हुआ होना चाहिए।
- अब कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते और छोड़ते रहें।
- फिर गहरी सांस लेते हुए सीधे खड़े हो जाएं।
- इस योग को शुरुआती अभ्यासक चार से पांच बार सकते हैं। ध्यान रहे, योग का एक चक्र पूरे होने पर कुछ सेकंड का विराम भी लेना है।
सावधानियां :
- अगर पीठ के निचले हिस्से में किसी तरह की परेशानी है, तो इस योग से दूर रहें।
- प्रेगनेंसी के दौरान इस योग को ना करें।
5. त्रिकोणासन
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त्रिकोणासन करने से पाचन शक्ति को बढ़ावा मिल सकता है। एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, यह योग आंतरिक अंगों को मसाज और टोन करता है। इससे अपच, एसिडिटी, पेट फूलने से राहत मिल सकती है, जो पाचन में सुधार कर सकता है। साथ ही इससे भूख में भी सुधार हो सकता है। इस आधार पर इस योगासन को पाचन को बढ़ावा देने वाला माना जा सकता है (6)।
योग करने का तरीका :
- त्रिकोणासन करने के लिए योग मैट बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं।
- इस समय दोनों पैरों के बीच में कुछ दूरी रखें।
- साथ ही दोनों हाथों को शरीर से सटाकर सीधा रखें।
- अब अपनी दोनों बांहों को कंधों के बराबर फैला लें।
- इसके बाद धीरे-धीरे सांस लेते हुए बाएं हाथ को ऊपर उठाएं।
- अब दाएं पैर को बाहर की तरफ ऊपर दी गई तस्वीर की तरह फैले लें।
- फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कमर से दाई तरफ झुकें।
- इस समय घुटने सीधे होंगे और बाएं हाथ की उंगलियां आसमान की तरफ।
- इसके बाद दाएं हाथ से जमीन को छुएं और नजरें ऊपर रखें।
- इस मुद्रा में कुछ देर बने रहें और सांस की गति को सामान्य रखें।
- फिर धीरे-धीरे पहले वाली मुद्रा में आ जाएं और इस प्रक्रिया को दूसरी ओर से भी दोहराएं।
- इस योग को शुरुआत में रुक-रुककर तीन से पांच बार तक कर सकते हैं।
सावधानियां :
- अगर किसी को रक्तचाप की शिकायत है, तो वो इस योगासन को न करें।
- स्लिप डिस्क से परेशान व्यक्ति इस योग को करने से बचें।
- पीठ दर्द या गर्दन में दर्द है, तो इस योग से परहेज करें।
6. मार्जरी आसन
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पाचन शक्ति बढ़ाने के योग में मार्जरी आसन भी शामिल है। इस संबंध में प्रकाशित रिसर्च में दिया है कि इस योग को करते समय शरीर में होने वाली गतिविधि से पाचन में सुधार हो सकता है (7)। ऐसे में अगर किसी को पाचन की समस्या है, तो वे मार्जरी योगासन कर सकते हैं।
योग करने का तरीका :
- सबसे पहले योग मैट या चटाई बिछा लें। फिर उस पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- अब दोनों हाथ को सामने की तरफ फैलाकर जमीन पर रख दें।
- फिर हाथ और घुटनों के बल खड़े हो जाएं, जिससे शरीर का आकार बिल्ली की तरह दिखाई देगा।
- इसके बाद सांस भरते हुए रीढ़ की हड्डी को नीचे की तरफ दबाएं और गर्दन को ऊपर की ओर उठाकर पीछे की तरफ देखने की कोशिश करें।
- इस मुद्रा में आने के बाद कुछ देर वैसे ही बने रहने की कोशिश करें।
- अब सांस छोड़ते हुए रीढ़ की हड्डी को ऊपर करें व सिर को नीचे की तरफ झुकाएं। अब कुछ सेकंड इस मुद्रा में बने रहें।
- यह इयोग का एक चक्र हुआ। अब वापस से वज्रासन में आ जाएं।
- इस योगासन को 5 से 10 बार दोहरा सकते हैं।
सावधानियां:
- अगर कलाई या हाथों में दर्द है, तो इस योग को न करें।
- इस योग को करने के लिए शरीर के साथ किसी तरह की जबरदस्ती न करें।
7. शवासन
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पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए शवासन भी कर सकते हैं। इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, जब व्यक्ति आराम करता है, तब शरीर का पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम कार्य करता है। इसे ‘रेस्ट एंड डाइजेस्ट’ की प्रतिक्रिया के रूप में जाना जाता है। इस दौरान पाचन अंग में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और पाचन क्रिया बेहतर हो सकती है (6)।
योग करने का तरीका :
- इस योग को करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
- हाथों को शरीर से एक से दो फीट की दूरी पर रखें।
- हथेलियों ऊपर यानी आसमान की तरफ होंगीं।
- दोनों पैरों के बीच में भी दो फीट की दूरी होनी चाहिए।
- इसके बाद दोनों आंखों को बंद कर लें।
- अब मन को पूरी तरह शांत रखें और ध्यान सांसों पर लगाएं।
- करीब पांच से दस मिनट तक इसी मुद्रा में रहें।
- फिर आंखें खोलने से पहले दोंनो हाथों को अच्छी तरह आपस में रगड़े और हथेलियों को आंखों पर रखें। उसके बाद आंखें खोलें।
- इस योगासन को रोजाना 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
सावधानियां :
- अगर पीठ में चोट लगी है, तो इस योग को न करें।
नोट : किसी भी योगासन के फायदे पाने और नुकसान से बचने के लिए इसे प्रशिक्षक की निगरानी में ही करें।
लेख पढ़ना जारी रखें
अब जानते हैं कि पाचन शक्ति के लिए योग से जुड़ी सावधानियों के बारे में।
पाचन के लिए योग करते समय बरती जाने वाली सावधानियां- Precautions to be taken while doing yoga for Digestion in Hindi
योग करते समय कई तरह की सावधानियां बरती जानी चाहिए। इससे योग का पूरा लाभ मिलता है। पाचन शक्ति के लिए योगासन की सावधानियों को नीचे बिंदुओं के माध्यम से बताया गया है।
- योग को हमेशा सुबह खाली पेट करना चाहिए।
- अगर कोई शाम को योग करने की सोच रहा है, तो ध्यान रखें योग करने से 3 से 4 घंटे पहले तक कुछ न खाएं।
- योग हमेशा प्रशिक्षक की निगरानी में ही करें।
- किसी भी योग को करने के लिए शरीर पर ज्यादा जोर न डालें।
- अगर कोई किसी तरह का सर्जरी हुई है, तो घाव भरने तक इंतजार करें और बाद में डॉक्टर से पूछकर ही योग करें।
पाचन क्रिया को बेहतर करने के लिए योग फायदेमंद हो सकता है। इस बात की जानकारी इस लेख से बखूबी मिल ही गई होगी। किसी भी योग को करने के प्रशिक्षक की सलाह जरूर लें। पाचन शक्ति बढ़ाने के योग की तरह ही हमारे वेबसाइट में कई अन्य समस्याओं के लिए योग पर विशेष लेख पब्लिश है। आप उन लेख को भी पढ़ सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
पाचन के लिए कौन से योगासन अच्छे हैं?
पाचन के लिए बहुत से योग को किए जा सकते हैं, उनमें से सबसे अच्छा योग त्रिकोणासन को माना जाता है (6)। साथ ही पद्मासन, भुजंगासन, पवनमुक्तासन, धनुरासन भी पाचन के लिए अच्छे योग कहलाते हैं (6)।
क्या बालासन पाचन के लिए अच्छा है?
जी हां, पाचन क्रिया को बेहतर करने के लिए बालासन करना अच्छा हो सकता है (5)।
क्या वज्रासन पाचन में सुधार करता है?
जी हां, वज्रासन पाचन क्रिया में सुधार कर सकता है (6)।
संदर्भ (Sources) :
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- Effect of yoga practices on micronutrient absorption in urban residential school children
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5509603/ - ROLE OF ARDHA-MATSYENDRASANA ON DISEASES OF ANNAVAHA SROTAS IN PERSPECTIVE OF SHARIR
http://www.iamj.in/posts/2016/images/upload/3453_3460.pdf - A CRITICAL REVIEW OF CLINICAL APPLICATION OF YOGASANAS W.S.R. TO PAVANAMUKTASANA
http://www.iamj.in/posts/2014/images/upload/1087_1098.pdf - Anatomical Explanation of “Mayurasana”
https://www.ijtsrd.com/papers/ijtsrd29884.pdf - Role of Yoga in Our Digestive System
https://www.longdom.org/open-access/role-of-yoga-in-our-digestive-system.pdf - EFFECT OF YOGASANA ON DIGESTIVE SYSTEM
http://www.iamj.in/posts/2017/images/upload/727_733.pdf - ELECTRONIC DETOXIFICATION WITH YOGA AND MEDITATION
https://www.researchgate.net/publication/351618249_ELECTRONIC_DETOXIFICATION_WITH_YOGA_AND_MEDITATION
