मन को शांत करने वाले योग – Yoga For Peace Of Mind in Hindi

जीवन में कुछ चीजों काफी अहम होती हैं, जैसे कि रोटी, कपड़ा और मकान। इनकी ही तरह जरूरी एक और चीज है और वो है मन की शांति। व्यक्ति का मन ही अशांत हो, तो वो किसी काम को सही से नहीं कर पाता और न ही उसका दिन अच्छा बीतता है। होते-होते उसे मानसिक समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में मन को शांत रखने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है (1)। मन को शांत करने के योग कौन से हैं, जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें।
नीचे मुख्य जानकारी है
इस लेख के शुरुआत में जानेंगे कि मन को शांत करने के लिए योग कैसे फायदेमंद है।
विषय सूची
मन को शांत करने में कैसे लाभदायक है योग – How Does Yoga Help with Peace Of Mind in Hindi
मन को शांत करने के लिए योग को प्रभावकारी माना गया है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च द्वारा इस बात को प्रमाणित किया गया है। शोध की मानें, तो योग के दौरान होने वाली श्वसन क्रिया से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, जिससे मन को शांत रखा जा सकता है। साथ ही योग के नियमित अभ्यास से दिमाग की शांति और फोकस को बढ़ाया जा सकता है (2)।
इतना ही नहीं, योगासन करने से अवसाद, चिंता, तनाव और अनिद्रा की समस्या भी ठीक होती है, जो मानसिक अशांति का कारण हैं। इस तरह से योग को मन शांत करने में सहायक कहा जा सकता है (1)। एक अन्य रिसर्च पेपर में भी लिखा है कि योग में माइन्ड काल्मिंग इफेक्ट यानी दिमाग को शांत करने वाला प्रभाव होता है (3)।
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अब जानते हैं मन को शांत करने के लिए योगासन के नाम और उन्हें करने की विधि।
मन को शांत करने के लिए योग- Yoga For Peace Of Mind in Hindi
मन को शांत करने के लिए कई सारे योग किए जा सकते हैं। उनमें में सबसे बेहतर योग के बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।
1. उत्तानासन (Standing Forward Bend)
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मन को शांत करने के लिए योग के तौर पर उत्तानासन कर सकते हैं। इस योगाभ्यास के दौरान सिर को झुकाया जाता है, जिससे कि मस्तिष्क वाले भाग में रक्त संचार बेहतर तरीके से होता है। नतीजन दिमाग शांत होता है और तनाव, अवसाद, थकान, चिंता, सिर दर्द, अनिद्रा से छुटाकारा मिल सकता है (4)।
योग करने की विधि:
- इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले साफ जगह पर चटाई या योग मैट बिछा लें।
- अब मैट पर सीधे खड़े होकर दोनों पैरों को आपस में सटा लें।
- फिर दोनों हाथों को आगे की तरफ सीधा करें और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे झुकें।
- ध्यान रखें कि नीचे झुकते समय घुटने मुड़ने नहीं चाहिए।
- अब नीचे झुकने के बाद हथेलियों को जमीन पर रखने की कोशिश करें व माथे से घुटनों को छुएं।
- शुरुआत में हथेलियां जमीन को छू नहीं पाएंगी। ऐसे में शरीर पर ज्यादा जोर न दें।
- अगर हाथ जमीन तक नहीं पहुंच पा रहा है, तो हाथों से एड़ियों को पकड़ लें।
- इस मुद्रा में आने के बाद अपनी क्षमतानुसार कुछ सेकंड तक रुके रहें।
- साथ ही सांस लेने की गति को सामान्य रखें।
- इसके बाद लंबी सांस लेते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।
- अब कुछ सेकंड आराम करके इस योग को फिर से कर सकते हैं।
- इस प्रक्रिया को पांच बार तक दोहराया जा सकता है।
सावधानियां:
- रीढ़ की हड्डी से संबंधित समस्या और सर्वाइकल दर्द से पीड़ित व्यक्ति इस आसन को न करें।
- मासिक धर्म के समय इस योग को करने से बचें।
- गर्भवतियों को भी यह योगासन नहीं करना चाहिए।
- किसी भी तरह की सर्जरी हुई हो, तो उत्तानासन न करें
2. जानू शीर्षासन (One-legged forward bend)
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मन की शांति के लिए जानू शीर्षासन कर सकते हैं। एक रिसर्च में दिया है कि यह योग मन को शांत करके कई तरह के फायदे पहुंचा सकता है। दरअसल, यह दिमाग को शांत करके अवसाद, चिंता, थकान, सिरदर्द और अनिद्रा जैसी समस्याओं को दूर कर सकता है (5)।
योग करने की विधि:
- जानू शीर्षासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछा लें।
- अब पैरों को आगे की तरफ सीधा करें।
- इस दौरान कमर पूरी तरह सीधी होनी चाहिए।
- फिर बाएं घुटने को मोड़ते हुए अपने तलवे को दाएं जांघ से सटा दें।
- अब लंबी सांस लेते हुए दोनों हाथों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं।
- इसके बाद सांसों को धीरे-धीरे छोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें।
- झुकते हुए दाएं पैर के अंगूठे को हाथों से पकड़ने या छूने की कोशिश करें।
- इस स्थिति में आने पर सिर को घुटने पर टिका दें।
- फिर कुछ सेकंड इसी स्थिति में रहें और सांस लेने की क्रिया को सामान्य रखें।
- इसके बाद लंबी सांस भरते हुए शुरुआती अवस्था में आ जाएं।
- यह जानू शीर्षासन का आधा चक्र हुआ।
- अब इस प्रक्रिया को दूसरे पैर की तरफ से भी दोहराएं।
- इस योग को रुक-रुककर पांच बार तक दोहरा सकते हैं।
सावधानियां:
- अगर पेट में सर्जरी हुई है, तो इस योगासन को न करें।
- किसी को घुटनों में दर्द या अन्य तरह की समस्या हो, तो यह योग नहीं करना चाहिए।
- पीठ के निचले भाग में जिनको तकलीफ है, वे इस आसन को करने से बचें।
- गर्भवतियों को जानू शीर्षासन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
3. भुजंगासन (Cobra pose)
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भुजंगासन के नियमित अभ्यास से मन शांत हो सकता है। दरअसल, भुजंगासन से अवसाद, तनाव और चिंता की समस्या को दूर करने के साथ ही मूड को बेहतर करने में मदद मिल सकती है। नतीजन मन को शांति मिलती है (6)।
योग करने की विधि:
- सबसे पहले एक साफ जगह पर मैट बिछाकर पेट के सहारे लेट जाएं।
- फिर अपने दोनों हाथ और पैर को सीधा तना हुआ रखें। ध्यान दें कि दोनों पैरों के बीच एक फिट दूरी हो और माथा जमीन पर आराम से टिका हो।
- अब दोनों हाथों को कंधों के समनांतर ले आएं। इस समय हथेली जमीन पर रखें और धीरे-धीरे सांस भरते हुए हाथों से दबाव डालें व शरीर को ऊपर उठाएं।
- शरीर ऊपर की तरफ एक निर्धारित क्रम में उठना चाहिए, जैसे – सबसे पहले सिर वाला भाग, फिर छाती और आखिरी में नाभि वाला हिस्सा।
- इसके बाद अपनी नजरें आसमान की ओर उठाएं और सिर को जितना हो, उतना पीछे की ओर झुकाएं।
- अब अपनी क्षमतानुसार इसी मुद्रा में रहें और सामान्य गति से सांस लें और छोड़ें।
- इस दौरान शरीर के ऊपरी भाग का पूरा भार हाथों पर होगा।
- फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक मुद्रा में वापस आ जाएं।
- कुछ सेकंड आराम करके दोबारा इस योगासन को चार से पांच बार तक कर सकते हैं।
सावधानियां:
- गर्भवती महिला इसे न करें (7)।
- इस योग को माहवारी के समय नहीं करना चाहिए (7)।
- कार्पल टनल सिंड्रोम यानी हाथ-बाह में दर्द या सुन्न पड़ने की समस्या हो, तो यह योगासन न करें (7)।
- जोड़ों में दर्द है, तो इस आसन को न करें (7)।
4. बालासन (Child’s pose)
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बालासन के नियमित अभ्यास से भी मन को शांत किया जा सकता है। इस संबंध में पब्लिश एक अध्ययन के मुताबिक, बालासन रिलेक्सिंग योगासन है, जो दिमाग को शांत करने और मन की शांति को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। यही नहीं, बालासन से अत्यधिक तनाव और चिंता से राहत मिल सकती है (8)।
योग करने की विधि:
- बालासन करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाकर वज्रासन की मुद्रा में आ जाएं।
- अब धीरे-धीरे गहरी सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर सीधा उठा लें।
- फिर धीमे-धीमे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें व माथे को जमीन पर रख दें।
- इसके बाद छाती को धीरे-धीरे जांघों की तरफ दबाएं।
- इस मुद्रा में हाथ और माथे सीधे जमीन पर और चेस्ट जांघों पर होगा।
- अब कुछ देर इसी स्थिति में बने रहें और सांस लेने व छोड़ने की क्रिया को सामान्य रखें।
- फिर लंबी सांस लेते हुए पहले वाली मुद्रा में वापस आ जाएं।
- इस योग को शुरुआत में तीन से पांच बार कर सकते हैं।
- योग का एक चक्र पूरा होने के बाद थोड़ी देर आराम करें और दूसरा चक्र शुरू करें।
सावधानियां:
- घुटने व पीठ के निचले भाग से जुड़ी समस्या से जूझ रहे व्यक्ति इस योगासन को न करें।
- दस्त व उच्च रक्तचाप वालों को भी इस योगासन को करने से बचना चाहिए।
- गर्भवतियां डॉक्टर की सलाह पर ही इसे करें।
- किसी भी तरह की सर्जरी हुई हो, तो बालासन को बिल्कुल न करें।
5. बद्धकोणासन (Butterfly Pose)
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इस योग को रोजाना करने से मन को शांति मिल सकती है। दरअसल, योग के दौरान की जाने वाली श्वसन क्रिया से तनाव कम होता है। तनाव के कम होने पर मन को शांति मिल सकती है (9)। इसी आधार पर बद्धकोणासन को भी मन को शांत करने का योग कहा जाता है।
योग करने की विधि:
- सबसे पहले योगा मैट बिछाकर दोनों पैरों को सीधा आगे की तरफ फैलाकर बैठ जाएं।
- अब पैरों को घुटने से मोड़ते हुए तलवों को आपस में जोड़ लें।
- फिर हाथों से पैर के सामने वाले हिस्से को अच्छी तरह पकड़ लें।
- इस समय धड़ वाला भाग एकदम सीधा और घुटने जमीन पर टिके होंगे।
- अब धीरे-धीरे दोनों घुटने को तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें।
- इस क्रिया के दौरान सांस लेने व छोड़ने की गति सामान्य रखें।
- इस योग को लगभग 5 से 10 मिनट तक रुक-रुककर कर सकते हैं।
सावधानियां:
- अगर घुटने में चोट या दर्द है, तो इस योगासन को करने से बचें।
- गर्भावस्था में डॉक्टर की सलाह पर इसे करें।
- रीड़ की हड्डी से संबंधित शिकायत होने पर इस योग से दूर रहें।
6. अधोमुख श्वानासन (Downward-facing Dog Pose)
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मन को शांत करने के लिए योग की सूची में अधोमुख श्वानासन का नाम भी शामिल है। एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो यह योग शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ा सकता है। इससे सर्वाइकल स्पाइन और गर्दन में खिंचाव भी होता है, जो तनाव और अवसाद को कम कर सकता है (8)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि इससे मन को शांति मिल सकती है।
योग करने की विधि:
- इस योग को करने के लिए चटाई बिछाकर उस पर सीधे खड़े हो जाएंं।
- अब दोनों हाथों को समाने की तरफ सीधा फैलाकर धीरे-धीरे नीचे की ओर झुक जाएं।
- नीचे झुकते वक्त दोनों घुटने सीधे हिप्स के ठीक नीचे रहेंगे। वहीं, दोनों हाथ कंधे से थोड़ा आगे जमीन पर फैले होंगे।
- फिर सांस छोड़ते हुए कमर वाले भाग को ऊपर की ओर ताने इससे उल्टा वी आकार बन जाएगा। ऐसा करते समय एड़ियों को जमीन से हल्का ऊपर उठाएं।
- इस समय हिप्स ऊपर की ओर, रीढ़ की हड्डी सीधी नीचे की तरफ झुकी हुई और घुटने सीधे होंगे। साथ ही सिर नीचे की ओर झुका हुआ होगा।
- कुछ सेकंड के लिए इसी मुद्रा में बने रहें और सामान्य गति से सांस लें।
- अब इस योग की प्रक्रिया को विपरीत करते हुए पहले वाली मुद्रा में आ जाएं।
- इस आसन के तीन से पांच चक्र कर सकते हैं।
सावधानियां:
- कलाई या पसलियों में तकलीफ है, तो इस आसन को न करें।
- इस योग को करते समय शरीर पर अधिक जोर न दें।
- पीठ, कंधे, कमर या भुजाओं में चोट लगने पर इस आसन को न करें।
- गर्भावस्था के दौरान इस योग को नहीं करना चाहिए।
7. सेतु बंध सर्वांगासन (Bridge Pose)
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मन को शांत करने के लिए सेतु बंध सर्वांगासन भी कर सकते हैं। दरअसल, यह योग दिमाग को शांत करके तनाव और चिंता को दूर कर सकता है (10)। यहीं नहीं, इस योग को करने से व्यक्ति हल्का और राहत भरा महसूस करता है, जिससे मन शांत हो सकता है (8)।
योग करने की विधि:
- सेतु बंध सर्वांगासन को करने के लिए योग मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
- लेटने के बाद दोनों हाथ को सीधे शरीर से सटाकर रखें।
- इस समय सांस लेने व छोड़ने की गति सामान्य होनी चाहिए।
- अब दोनों पैरों को एक साथ धीरे-धीरे घुटने से मोड़कर हिप्स के करीब ले आएं।
- फिर कुल्हे को अपनी क्षमतानुसार ऊपर उठाएं। इस दौरान दोनों हाथ पहले वाली स्थिति में ही रहेंगे।
- इस मुद्रा में आने के बाद कुछ सेकंड सांसों को रोककर रखने का प्रयास करें।
- इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कूल्हों को जमीन पर ले आएं और पैरों को सीधा कर लें।
- इस तरह सेतु बंध सर्वांगासन का एक चक्र पूरा हुआ।
- कुछ सेकंड के अंतराल में इसे पांच बार तक कर सकते हैं।
सावधानियां:
- पीठ या घुटने से संबंधित परेशानी होने पर इस आसन से दूर रहें।
- हिप्स ऊपर करने के समय सिर को न हिलाएं।
- गर्दन या कंधे में तकलीफ है, तो इस योग को करने से बचें।
- शरीर के साथ ज्यादा जोर-जबरदस्ती न करें।
8. गरुड़ासन (Eagle Pose)
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गरुड़ासन के फायदे मन की शांति के लिए देखे जा सकते हैं। इसे तनाव कम करने वाले योग में गिना जाता है (11)। साथ ही यह योग एकाग्रता बढ़ाने और दिमाग में सुधार करने का काम कर सकता है (12)। इसी वजह से ही मन को शांत करने वाले योग में गरुड़ासन को गिना जाता है।
योग करने की विधि:
- सबसे पहले एक समतल स्थान पर योग मैट बिछाकर उस पर सीधे खड़े हो जाएं। इस समय सामान्य गति से सांस लें और छोड़ें।
- अब दाएं पैर को घुटनों से मोड़ते हुए जमीन से हल्का ऊपर उठाकर आगे की ओर ले आएं।
- फिर दाएं पैर को बाएं पैर के सामने से घूमाकर पीछे ले जाएं।
- इस समय शरीर का भार एक ही पैर पर होगा और दाईं जंघा बाईं जंघा के ऊपर होगी।
- इसके बाद बाजुओं को कोहनी से मोड़कर क्रोस करना होगा। इस समय दाईंं बाजू, बाईं बाजू के ऊपर होनी चाहिए।
- फिर दोनों हथेलियों को जोड़कर नमस्कार की मुद्रा बनाने की कोशिश करें।
- इस अवस्था में अपनी क्षमतानुसार कुछ देर बने रहें।
- इसके बाद योग की क्रिया को विपरीत करते हुए शुरुआती मुद्रा में आ जाएं। यह योग का अर्ध चक्र हुआ।
- अब इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ से भी करें।
- इस योग के तीन से पांच चक्र कर सकते हैं।
सावधानियां :
- घुटनों, टखनों या कोहनियों में तकलीफ है, तो ऐसी स्थिति में इस योग को करने से बचें।
- अगर किसी को गठिया की समस्या है, तो इस आसन को न करें।
- गर्भवती महिलाएं इस आसन से दूर रहें।
9. मार्जरासन (Cat pose)
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मन की शांति के लिए मार्जरासन भी किया जा सकता है। दरअसल, यह आसन तनाव से मुक्ति दिलाकर मन को शांत कर सकता है (5)। यही कारण है कि मार्जरासन को मन को शांत करने के लिए वाले योग में शामिल किया गया है।
योग करने की विधि:
- इस योग को करने के लिए मैट या चटाई बिछाकर वज्रासन में बैठ जाएं।
- फिर दोनों हाथ को सामने की तरफ फैलाकर फर्श पर रख दें। इस दौरान हाथों के बीच में एक फिट की दूरी होनी चाहिए।
- इसके बाद दोनों हाथों पर भार डालते हुए आगे की ओर झुकें और हिप्स को ऊपर उठाएं।
- अब जांघों को ऊपर की तरफ सीधा करें। इससे 90 डिग्री का कोण बनना चाहिए।
- इस समय चेस्ट फर्श के समान्तर रहेगा और शरीर का आकार एक बिल्ली जैसा नजर आएगा।
- फिर गहरी सांस लेकर सिर को हल्के पीछे की तरफ झुकाएं।
- इसके बाद अपनी नाभि को अंदर की ओर दबाएं और रीढ़ की हड्डी का निचला हिस्सा ऊपर उठाएं।
- फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सिर को नीचे झुकाएं और ठुड्डी को छाती से लगाने की कोशिश करें।
- इस समय अपनी नजर घुटनों के बीच रखें और इस दौरान हाथ झुकने नहीं चाहिए।
- थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहें और सामान्य गति से सांस लें।
- अब इस प्रक्रिया को विपरीत करके शुरुआती मुद्रा में आ जाएं।
- इस योग को शुरुआत में 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
सावधानियां:
- गर्दन में दर्द या चोट होने पर इस आसन को करने से बचें।
- गर्भवस्था के दौरान इस योग को न करें।
- घुटनों या पीठ में दर्द है, तो मार्जरासन करने से बचें।
- किसी तरह की सर्जरी हुई हो, तो इस योगासन को न करें
नोट : मन को शांत के लिए योग विशेषज्ञ की निगरानी में ही करें। साथ ही किसी भी योग को करने के लिए शरीर पर ज्यादा दबाव न बनाएं।
योगाभ्यास सम्पूर्ण स्वास्थ्य के साथ ही मस्तिष्क स्वास्थ्य को बेहतर कर सकता है। इसके नियमित अभ्यास से हर तरह की मानसिक समस्या दूर हो सकती है, जिससे मन की शांति बनी रहती है। जब मन शांत रहता है, तो व्यक्ति हरदम खुशी का अनुभव करता है और अपने सभी कार्यों को बखूबी कर लेता है। बस तो मन को शांत रखने के लिए लेख में बताए गए योगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें।
अब लेख के अंत में मन को शांत करने वाले योग से जुड़े कुछ सवालों के जवाब जानिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मन की शांति के लिए कौन-सा योग सबसे अच्छा है?
मन को शांत करने के लिए उत्तानासन, जानू शीर्षासन, भुजंगासन, बालासन और बद्धकोणासन आदि अच्छे माने जाते हैं।
क्या योग मन को शांति दे सकता है?
जी हां, योग करने से मन को शांति मिल सकती है (1)। दरअसल, मन की शांति के लिए योगासन ही सबसे अच्छा तरीका है।
संदर्भ (Sources):
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- increase quality of life
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3193654/ - Yoga Effects on Brain Health: A Systematic Review of the Current Literature
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6971819/ - Yoga an effective strategy for self-management of stress-related problems and wellbeing during COVID19 lockdown: A cross-sectional study
https://journals.plos.org/plosone/article?id=10.1371/journal.pone.0245214 - YOGA:A TOOL FOR STRESS MANAGEMENT
https://www.academia.edu/43414798/YOGA_A_TOOL_FOR_STRESS_MANAGEMENT - Stress management through yoga
https://www.allresearchjournal.com/archives/2015/vol1issue5/PartA/65.1.pdf - Importance of Bhujangasana in Daily Life
https://www.ijtsrd.com/papers/ijtsrd29662.pdf - The Impact of Stress Management among Dental Professionals
https://www.academia.edu/37225968/The_Impact_of_Stress_Management_among_Dental_Professionals - Yoga as a Remedy for Anxiety and Depression
https://ijisrt.com/wp-content/uploads/2018/11/IJISRT18OC375.pdf - Effectiveness of Yoga in Stress Management at Workplace: A Systematic Review
https://www.jetir.org/papers/JETIR2004571.pdf - Significance of Setu Bandha Sarvangasana in Healthy Life
https://www.ijtsrd.com/papers/ijtsrd30896.pdf - Effect of yoga on short term heart rate variability measure as a stress index in subjunior cyclists: A pilot study
https://www.researchgate.net/publication/255180829_Effect_of_yoga_on_short_term_heart_rate_variability_measure_as_a_stress_index_in_subjunior_cyclists_A_pilot_study - IRJET- Role of Yoga in Reducing Stress
https://www.academia.edu/40241131/IRJET-_Role_of_Yoga_in_Reducing_Stress
