रेड वाइन के 20 फायदे, उपयोग और नुकसान – Red Wine Benefits and Side Effects in Hindi

Medically reviewed by Neelanjana Singh, RD Neelanjana Singh Neelanjana SinghRD
Written by , MA (Journalism & Media Communication) Puja Kumari MA (Journalism & Media Communication)
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यह लेख शायद आपको चौंकाने वाला लग सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हम रेड वाइन के फायदे बता रहे हैं। बेशक, रेड वाइन फायदेमंद है, लेकिन सप्लीमेंट के तौर पर सिर्फ सीमित मात्रा में ही लेने पर। इस लेख में आपको न सिर्फ रेड वाइन पीने के फायदे जानने को मिलेंगे, बल्कि यह भी पता चलेगा कि रेड वाइन कैसे बनती है। साथ ही स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में रेड वाइन पीने का तरीका और इसकी मात्रा के बारे में भी जानकारी मिलेगी। रेड वाइन के फायदे जानने के बाद आप डॉक्टरी परामर्श लेने के बाद ही इसे हेल्दी डाइट के रूप में शामिल करें। इसके अलावा, गलती से भी इसे ज्यादा मात्रा में सेवन करने की भूल न करें। साथ ही किसी गंभीर बीमारी में डॉक्टरी इलाज को प्राथमिकता देना ही सही है। साथ ही हम यह सलाह भी देंगे कि रेड वाइन का सेवन सिर्फ शौक या मजे के तौर न करें।

नोट : इस लेख में रेड वाइन के फायदे बतौर दवा के रूप में बताए गए हैं। स्टाइलक्रेज किसी भी तरह से अल्कोहल के सेवन को बढ़ावा नहीं देता है। इसलिए, इसके सेवन के बारे में डॉक्टर की सलाह भी जरूरी है।

विस्तार से पढ़ें लेख

सबसे पहले जानते हैं रेड वाइन के बारे में।

रेड वाइन क्या है और यह कितने प्रकार की होती है?

रेड वाइन को काले अंगूरों से बनाया जाता है, लेकिन वाइन का रंग अलग-अलग हो सकता है। किसी वाइन का रंग बैंगनी, किसी का लाल, तो किसी वाइन का रंग भूरा हो सकता है। आमतौर पर उपयोग की जाने वाली वाइन कोत्सिफली (Kotsifali) और मंडिलारी (Mandilari) दो प्रमुख लाल अंगूर की किस्मों से बनी होती है। कोत्सिफली से बनी वाइन का रंग हल्का होता है, लेकिन इसमें अल्कोहल की मात्रा अधिक होती है। वहीं, मंडिलारी से बनी रेड वाइन का रंग गहरा लाल होता है। ऐसा एन्थोसायनिक (anthocyanic content) और टैनिक (tannic content) के कारण होता है। ये दोनों घटक अंगूर के रंगों में भिन्नता का कारण होते हैं (1)।

अब जरा रेड वाइन के प्रकारों पर भी नजर डाल लीजिए :

वैसे तो रेड वाइन कई प्रकार की होती है। एक ही लेख में सभी के बारे में बताना संभव नहीं है। इसलिए, हम यहां कुछ प्रमुख किस्मों के बारे में बता रहे हैं। हर वाइन अपनी अलग खासियत के लिए जानी जाती है (2)।

  1. सिराह (Syrah) : इस रेड वाइन को शिराज भी कहा जाता है। यह किस्म थोड़ी मसालेदार और गहरे लाल रंग की होती है। इसे ज्यादा मात्रा में नहीं बनाया जाता। इसकी कुछ किस्में काफी लंबे समय तक चलने वाली होती हैं और इनका फ्लेवर भी काफी तेज होता है।
  2. मर्लोट (Merlot) : यह रेड वाइन की सॉफ्ट किस्म है। जो पहली बार रेड वाइन का सेवन करना चाहते हैं, उनके लिए यह किस्म अच्छा विकल्प है।
  3. केबारनेट सॉविनन (Cabernet) : यह रेड वाइन दुनिया की सबसे अच्छी किस्मों में से एक है, जिसे काफी पसंद किया जाता है।
  4. माल्बेक (Malbec) : यह रेड वाइन फ्रांस के बोर्डो में बनाई जाती है और इसे अक्सर रेड वाइन की कार्बनेट और मर्लोट किस्म के साथ मिलाया जाता है।
  5. पिनोट नोयर (Pinot noir) : इसे सबसे खास रेड वाइन में गिना जाता है, जिसे बनाना काफी मुश्किल होता है।
  6. जिनफैडेल (Zinfandel) : यह दुनिया की सबसे अधिक गुण वाली रेड वाइन है।
  7. संगियोवेस (Sangiovese) : यह इटालियन रेड वाइन है। इसका टेस्ट बेरी जैसा होता है।
  8. बारबेरा (Barbera) : यह कुछ मर्लोट की तरह ही होती है, लेकिन यह ज्यादा लोकप्रिय किस्म नहीं है।

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आइये, अब जानते हैं कि रेड वाइन में ऐसा क्या होता है, जो यह स्वास्थ्य के लिए इतनी लाभकारी है।

रेड वाइन में ऐसा क्या है, जो यह सेहत के लिए अच्छी है?

रेड वाइन मुख्य रूप से पानी, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स व पॉलीफेनोल्स से बनी होती है। वाइन में ऐसे पदार्थ होते हैं, जो हृदय रोगों और कुछ पुरानी बीमारियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। जैसे कि हमने ऊपर जानकारी दी कि रेड वाइन मुख्य रूप से अंगूर से बनती है और अंगूर कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होता है।

खासतौर पर इसका रेस्वेराट्रोल (resveratrol) एंटीऑक्सीडेंट हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। भोजन और पेय में उनकी उपस्थिति हृदय रोगों, कुछ कैंसर और मधुमेह के जोखिम को कम कर सकती है। इतना ही नहीं, रेड वाइन का सेवन उच्च रक्तचाप के रोगियों के रक्तचाप को कम करने में भी मददगार हो सकता है (3) (4)।

अभी बाकी है जानकारी

लेखे में आगे बढ़ते हुए रेड वाइन बेनिफिट्स जानिए।

रेड वाइन के फायदे – Benefits of Red Wine in Hindi

यहां हम रेड वाइन पीने के फायदे बता रहे हैं, लेकिन उससे पहले हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि  रेड वाइन किसी बीमारी का इलाज नहीं है। यह केवल उनके लक्षणों और प्रभाव को कुछ हद तक कम कर सकती है। साथ ही जरूरत है कि इसका सेवन सीमित मात्रा में ही किया जाए, इसलिए लेख में आगे हम यह भी बताएंगे कि रेड वाइन कितनी पीनी चाहिए। अब जानें रेड वाइन के फायदे :   

1. हृदय स्वास्थ्य और कोलेस्ट्रॉल के लिए रेड वाइन के फायदे

कोलेस्ट्रॉल की समस्या और दिल की बीमारी का खतरा किसी को भी हो सकता है। ऐसे में वक्त रहते इस पर ध्यान देना जरूरी है। कुछ लोगों को यह जानकर हैरानी हो सकती है कि यहां रेड वाइन पीने के फायदे हो सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की ओर से प्रकाशित एक शोध में यह पाया गया कि रेड वाइन में रेस्वेराट्रोल, प्रोएन्थोसायनिडिन व क्वार्सेटिन आदि एंटीऑक्सीडेंट घटक होते हैं।

ये घटक जानवरों और मनुष्यों दोनों में ही ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर ऐथेरोस्क्लेरोटिक (atherosclerotic – धमनियों में फैट, कोलेस्ट्रॉल व अन्य पदार्थों का जमाव) की समस्या को कम कर सकते हैं। इससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि संतुलित मात्रा में रेड वाइन का सेवन हृदय संबंधी जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है (5) (6)।

कुछ अन्य अध्ययनों से यह भी पता चला है कि रेड वाइन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकती है। ध्यान रहे कि इसका मतलब यह नहीं कि कोई भी रेड वाइन का सेवन करना शुरू कर दें। अगर कोई शराब का सेवन नहीं करता है या किसी को गंभीर हृदय संबंधी परेशानी है, तो पहली बार रेड वाइन का सेवन करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें (7)।

2. मधुमेह के लिए रेड वाइन के फायदे

मधुमेह के लिए भी रेड वाइन ड्रिंक फायदेमंद हो सकती है। इसकी पुष्टि करने के लिए रेड वाइन पीने वालों और रेड वाइन न पीने वाले लोगों पर रिसर्च किया गया। इस शोध में सीमित मात्रा में रेड वाइन पीने वालों में ग्लूकोज का स्तर कम होता देखा गया। उनमें रेड वाइन न पीने वालों की तुलना में मधुमेह का जोखिम कम पाया गया। इसके अलावा, कई अन्य अध्ययनों में यह बात भी सामने आई है कि रेड वाइन टाइप 2 मधुमेह के खतरे को कम करने में मददगार हो सकती है (3)। बस ध्यान रहे कि डॉक्टरी सलाह पर ही इसे डाइट में शामिल करें।

3. उच्च रक्तचाप के लिए रेड वाइन के फायदे

उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर के कारण दिल का दौरा, किडनी की समस्या व आंखों की परेशानी हो सकती है (8)। ऐसे में रेड वाइन का सेवन करके उच्च रक्तचाप के जोखिम को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट के अनुसार, नियमित रूप से नॉन-अल्कोहलिक रेड वाइन का सेवन किया जा सकता है। वाइन धमनियाें को क्षतिग्रस्त होने से बचाकर रक्तचाप को नियंत्रित कर सकती है।

रेड वाइन में पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये पॉलीफेनोल्स तब और लाभकारी हो जाते हैं, जब इसमें अल्कोहल नहीं होता है (9)। इसलिए, डॉक्टर से परामर्श के बाद नॉन-अल्कोहल रेड वाइन का सेवन किया जा सकता है।

4. कैंसर से बचाव के लिए रेड वाइन पीने के फायदे

अक्सर, पढ़ने में यही आता है कि शराब का सेवन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। ऐसे में रेड वाइन के सेवन से कैंसर से बचाव चौंकाने वाली बात हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, रेड वाइन में रेस्वेराट्रोल होता है। यह अग्नाशयी कैंसर (Pancreatic cancer) कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है। इससे पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा कम हो सकता है (10)। ध्यान रहे कि यह  पैंक्रियाटिक कैंसर का इलाज नहीं है।

वहीं, जानवरों पर की गई जांच के अनुसार, रेड वाइन एसोफैगल कैंसर (esophageal cancer) से बचाव कर सकता है। इसके पीछे मुख्य कारण रेड वाइन में मौजूद लिगनेन (lignans – एक प्रकार का पॉलीफेनॉल) हो सकता है। इसके अलावा, रेड वाइन में मौजूद फ्लेवेनॉइड गैस्ट्रिक कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकता है (3)। इन सबके अलावा, रेड वाइन में मौजूद रेस्वेराट्रोल (resveratrol) में एंटी कैंसर गुण भी होते हैं। इन तमाम वैज्ञानिक प्रमाण के बावजूद कैंसर के संबंध में रेड वाइन पर और शोध किए जाने की जरूरत है (11)।

ध्यान रहे कि अगर कोई व्यक्ति कैंसर से पीड़ित है, तो उसे डॉक्टर से अपना इलाज करवाना चाहिए। सिर्फ घरेलू उपचार व रेड वाइन जैसे उपाय की मदद से कैंसर को ठीक नहीं किया जा सकता।

5. लिवर के लिए रेड वाइन के फायदे

हम इस बात को स्पष्ट कर दें कि अगर कोई पहले से ही लिवर संबंधी समस्या से ग्रस्त है, तो उसे रेड वाइन का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर बात करें रेड वाइन बेनिफिट्स लिवर के लिए, तो एक शोध में इस बात की पुष्टि की गई है कि डॉक्टर के परामर्श पर कम या संतुलित मात्रा में रेड वाइन का सेवन हेपेटोप्रोटेक्टिव प्रभाव (hepatoprotective) यानी लिवर के लिए लाभकारी हो सकता है।

ऐसा रेड वाइन में मौजूद रेस्वेराट्रोल के एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव के कारण हो सकता है। साथ ही ध्यान रहे कि इसका अधिक सेवन लिवर की क्षति का कारण भी बन सकता है (12)। इसलिए, बेहतर है कि एक बार डॉक्टर से जरूर पूछें कि इसकी प्रतिदिन कितनी मात्रा लेना सही है।

6. मस्तिष्क के लिए रेड वाइन पीने के फायदे

रेड वाइन के फायदे मस्तिष्क के लिए भी हो सकते हैं। इसका सेवन मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के लिए लाभकारी हो सकता है। मस्तिष्क पर इसका सुरक्षात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसा रेड वाइन में मौजूद रेस्वेराट्रोल के कारण हो सकता है (3) (13)। यह प्रभाव काफी हद तक रेड वाइन की मात्रा पर भी निर्भर करता है। इसका जरूरत से ज्यादा सेवन अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का कारण बन सकता है।

7. डिप्रेशन के लिए रेड वाइन के फायदे

डिप्रेशन से बचाव के लिए भी कम मात्रा में रेड वाइन का सेवन किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कम मात्रा में रेड वाइन का सेवन अवसाद को कम कर सकता है। साथ ही ध्यान रहे कि इसका जरूरत से ज्यादा सेवन डिप्रेशन के जोखिम को बढ़ा भी सकता है (13)। इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है। इसलिए, बेहतर है कि इस बारे में एक बारे में डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह लेना सही रहेगा। 

8. ओमेगा 3 फैटी एसिड को बढ़ाने के लिए

मस्तिष्क के सही विकास के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड जरूरी होता है। इतना ही नहीं यह दिल को स्वस्थ रखने के लिए भी जरूरी है। हालांकि, शरीर को कई खाद्य पदार्थों से ओमेगा 3 फैटी एसिड प्राप्त होता है (14)। इसी के साथ अगर संतुलित मात्रा में वाइन का सेवन किया जाए, तो ओमेगा 3 फैटी एसिड को बढ़ाने में रेड वाइन के फायदे देखे जा सकते हैं।

एक वैज्ञानिक शोध में दिल की बीमारी के रोगियों द्वारा कम मात्रा में वाइन के सेवन से उनमें उच्च मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया गया। यह तुलना उनसे की गई, जिन्होंने वाइन का सेवन नहीं किया। फिल्हाल, इस पर अभी बड़े पैमाने पर और शोध की जरूरत है (15)। अगर कोई इस शोध के आधार पर वाइन का सेवन करना चाहता है, तो एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 

9. आंखों के लिए रेड वाइन के फायदे

अगर आंखों के लिए रेड वाइन पीने के फायदे की बात करें, तो यह आंखों के लिए भी लाभकारी हो सकती है। यह हम नहीं, बल्कि वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध कह रहे हैं। चूहों पर किए गए शोध में पाया गया कि रेड वाइन में मौजूद खास तत्व रेस्वेराट्रोल (Resveratrol) शरीर में ग्लूटाथियोन (glutathione) यानी एक प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाकर दृष्टि संबंधित समस्याओं के जोखिम को कम कर सकता है (16)।

रेस्वेराट्रोल (Resveratrol) आंखों के लेंस पर भी सुरक्षात्मक प्रभाव डाल सकता है (17)। इसके अलावा, यह डायबिटीज में होने वाली दृष्टि संबंधित परेशानियों से भी बचाव कर सकता है। ये शोध अभी जानवरों पर किए गए हैं। इसलिए, आंखों के संबंध में रेड वाइन इंसानों के लिए कितनी प्रभावकारी है, इस पर अभी और शोध की जरूरत है (16)।

10. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए

शरीर को स्वस्थ और संक्रमण से बचाने के लिए इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता का सही होना जरूरी है (18) (19)। अल्कोहल और इम्यून पावर के बीच संबंध को लेकर वैज्ञानिकों में काफी तर्क-वितर्क हुए हैं। वहीं, एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित रिसर्च पेपर के अनुसार, पॉलीफेनॉल्स से भरपूर पेय पदार्थों में वाइन व बीयर आते हैं। वाइन को कम से मध्यम मात्रा में लेने से वयस्कों की प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो सकती है (20)।

इस वैज्ञानिक प्रमाण के बावजूद डॉक्टरों का मत नहीं हैं कि प्रतिरोधक क्षमता के लिए वाइन सही है। दरअसल, इसका अधिक सेवन इम्यून पावर पर गलत प्रभाव भी डाल सकता है। यही कारण है कि इस संबंध में अभी और शोध की जरूरत है।

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11. अच्छी नींद के लिए

नींद न आना भी एक बड़ी समस्या है, जिसका असर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। ऐसे में अच्छी नींद के लिए रेड वाइन लाभकारी हो सकती है। जैसा कि हम बता चुके हैं कि वाइन अंगूरों से बनाई जाती है और अंगूरों में मेलाटोनिन (melatonin) नामक हार्मोन होता है। यह हार्मोन नींद में सुधार का काम कर सकता है (21)। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वाइन का सेवन अच्छी नींद में सहायक हो सकता है। फिलहाल, इस संबंध में सटीक वैज्ञानिक शोध का अभाव है। ऐसे में बेहतर है डॉक्टर की सलाह पर ही इसका प्रयोग करें।

12. हड्डियों के लिए

बढ़ती उम्र के साथ-साथ शरीर कई तरह की बीमारियों का शिकार हो सकता है। इनमें हड्डियों की समस्या भी शामिल है। ऐसे में हड्डियों की देखभाल और सही आहार लेना जरूरी है। हड्डियों को स्वस्थ रखने में वाइन लाभकारी हो सकती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, कम मात्रा में वाइन का सेवन हड्डियों को फ्रैक्चर और बोन मास लॉस से बचा सकता है। वाइन में प्रचुर मात्रा में फेनोलिक कंपाउंड, फाइटोएस्ट्रोजेन और प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं (22)। अभी इस संबंध में और शोध किए जाने की जरूरत है। 

13. दांतों के लिए रेड वाइन पीने के फायदे

अगर रेड वाइन बेनिफिट्स की बात की जाए, तो यह दांतों के लिए भी लाभकारी हो सकती है। एक वैज्ञानिक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि रेड वाइन में मौजूद रेस्वेराट्रोल (resveratrol) मसूड़ों से जुड़ी समस्याओं में प्रभावकारी हो सकता है। साथ ही रेड वाइन में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव दांतों को बैक्टीरिया से बचाने में भी कारगर हो सकते हैं। फिलहाल, इस विषय में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है (23)। साथ ही, बेहतर है कि दांतों के लिए रेड वाइन का इस्तेमाल करने से पहले अपने दंत चिकित्सक (Dentist) से परामर्श जरूर कर लें। 

14. फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए

सीमित मात्रा में रेड वाइन का सेवन फेफड़ों को भी स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च से होती है। इस शोध के मुताबिक, ऑक्सीडेंट प्रभाव से संपर्क में आने से फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है और इस कारण फेफड़ों की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है।

वहीं, रेड वाइन में मौजूद रेस्वेराट्रोल में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव मौजूद होता है, जो ऑक्सीडेंट के कारण होने वाली फेफड़ों की क्षति से बचाव का काम कर सकता है। साथ ही ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में इसका सेवन नुकसानदेह भी हो सकता है (24)। 

15. पार्किंसंस रोग के लिए

रेड वाइन पीने के फायदे में पार्किंसंस रोग से भी बचाव शामिल है। दरअसल, पार्किंसंस एक ऐसा रोग है, जिसमें मस्तिष्क की कुछ कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं। बता दें कि ये कोशिकाएं शरीर के मूवमेंट को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को शरीर का संतुलन बनाए रखने में दिक्कत होती है (25)।

ऐसे में रेड वाइन के पीने के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध से जानकारी मिलती है कि रेड वाइन में मौजूद रेस्वेराट्रोल और क्वेरसेटिन कंपाउंड पार्किंसंस रोग के खिलाफ न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव प्रदर्शित कर सकते हैं (26)। 

16. प्रजनन क्षमता के लिए

रेड वाइन बेनिफिट्स में प्रजनन क्षमता को बढ़ाना भी शामिल है। दरअसल, ऑक्सीडेटिव तनाव प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में, एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य या पेय पदार्थ ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। बता दें, एंटीऑक्सीडेंट युक्त पेय पदार्थों में रेड वाइन को भी शामिल किया गया है (27)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

17. मोटापे से बचाव के लिए

अधिक वजन या मोटापे को नियंत्रित करने के लिए भी रेड वाइन पीने के फायदे देखे जा सकते हैं। चूहों पर हुए शोध से जानकारी मिलती है कि नियंत्रित मात्रा में रेड वाइन ड्रिंक का सेवन शरीर के वजन को बढ़ने से रोक सकता है (28)। हालांकि, इंसानों पर इसका कितना प्रभाव है, फिलहाल इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

18. स्किन और एंटी एजिंग

रेड वाइन सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकती है। रेड वाइन में मौजूद रेस्वेराट्रोल (Resveratrol) त्वचा को धूप की हानिकारक किरणों से बचा सकता है। इससे समय से पहले त्वचा पर एजिंग के प्रभाव से बचने में मदद मिल सकती है। साथ ही इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला), एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों से बचाने वाला) गुण त्वचा के लिए लाभकारी हो सकते हैं (29)। इतना ही नहीं, रेस्वेराट्रोल स्किन कैंसर से भी बचाव में मददगार हो सकता है (30)।

19. मुंहासों के लिए रेड वाइन के फायदे

जैसा कि ऊपर हमने बताया कि रेड वाइन के फायदे त्वचा के लिए भी हो सकते हैं। ऐसे में मुंहासों से भी राहत पाने के लिए भी बेनिफिट्स ऑफ रेड वाइन देखे जा सकते हैं। दरअसल, रेस्वेराट्रोल में एंटी-एक्ने गुण भी मौजूद होते हैं, जो मुंहासों को कम करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही रेस्वेराट्रोल एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया को पनपने से रोकने वाला) गुण भी प्रदर्शित कर सकता है। यह गुण बैक्टीरिया के कारण होने वाले मुंहासों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (31)।

20. बालों के लिए रेड वाइन

अगर बात करें बालों के लिए रेड वाइन के फायदे की, तो एक शोध से जानकारी मिलती है कि रजोनिवृत्ति की अवधि के दौरान बालों के झड़ने की समस्या से राहत पाने के लिए फ्लेवोनॉयड्स से भरपूर रेड वाइन का सेवन फायदेमंद हो सकता है (32)। फिलहाल, इस विषय से संबंधित अभी और शोध की आवश्यकता है।

बने रहें हमारे साथ

रेड वाइन के फायदे जानने के बाद रेड वाइन के पौष्टिक तत्व को जानिए।

रेड वाइन के पौष्टिक तत्व – Red Wine Nutritional Value in Hindi

नीचे हम रेड वाइन में मौजूद पौष्टिक तत्वों की सूची साझा कर रहे हैं (33)। 

पौष्टिक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी86.49 ग्राम
एनर्जी85 केसीएल
प्रोटीन0.07 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट2.61 ग्राम
शुगर0.62  ग्राम
कैल्शियम8 मिलीग्राम
आयरन0.46 मिलीग्राम
मैग्नीशियम12 मिलीग्राम
फास्फोरस23 मिलीग्राम
पोटैशियम127 मिलीग्राम
सोडियम4 मिलीग्राम
जिंक0.14  मिलीग्राम
कॉपर0.011 मिलीग्राम
सेलेनियम0.2 माइक्रोग्राम
थियामिन0.005 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.031 मिलीग्राम
नियासिन0.224 मिलीग्राम
विटामिन बी-60.057  मिलीग्राम
फोलेट, टोटल1 माइक्रोग्राम
फोलेट, फूड1 माइक्रोग्राम
फोलेट, डीएफई1 माइक्रोग्राम
कोलीन, टोटल5.7 मिलीग्राम
कैरोटीन, बीटा1 माइक्रोग्राम
ल्यूटिन+ जियाजैंथिन6 माइक्रोग्राम
विटामिन के0.4 माइक्रोग्राम
अल्कोहल, ऐथल (ethyl)10.6 ग्राम

आगे जानें कुछ खास 

नीचे स्क्रॉल कर जानिए रेड वाइन कैसे बनती है।

रेड वाइन कैसे बनती है?

अगर बात करें रेड वाइन कैसे बनती है, तो इसकी प्रक्रिया काफी दिलचस्प है। इसके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं (34)।

रेड वाइन बनाने की प्रक्रिया :

  1. डेस्टेमिंग प्रक्रिया (Destemming Process) : सबसे पहले काले अंगूरों को तोड़कर वाइनरी में ले जाया जाता है। जब अंगूरों को तोड़ा जाता है, तब उनके साथ पत्ते और टहनियां भी आ जाती हैं। ये वाइन के टेस्ट को बेकार या अधिक कड़वा कर सकती हैं। ऐसे में डेस्टेमिंग प्रक्रिया (Destemming Process) के दौरान अंगूरों और टहनियों को अलग कर दिया जाता है।
  2. क्रशिंग (Crushing) : डेस्टेमिंग प्रक्रिया के बाद अंगूरों को कुचला (Crushing) जाता है। अंगूरों को कितना कुचला जाए, यह वाइन बनाने वाले पर निर्भर करता है। कुचले गए मिश्रण को पाइप के माध्यम से स्टेनलेस स्टील के बड़े बर्तन में डाला जाता है और फर्मेंटेशन प्रक्रिया के लिए आगे भेज दिया जाता है।
  3. फर्मेंटेशन (Fermentation) प्रक्रिया : फर्मेंटेशन के दौरान तापमान को नियंत्रित किया जाता है, क्योंकि फर्मेंटेशन से बहुत गर्मी निकलती है। अगर इस ताप को नियंत्रित नहीं किया गया, तो वाइन कड़वी भी हो सकती है और स्वाद बिगड़ सकता है। इस प्रक्रिया में ठोस और तरल को अलग किया जाता है, यानी फल से रस को अलग किया जाता है। अंगूर से जूस को निकालने की प्रक्रिया माइक्रोबायोलॉजिकल ट्रांसफॉर्मेशन की होती है, जिसे मैलोलेक्टिक फर्मेंटेशन भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में बैक्टीरिया के प्रभाव से अंगूरों में मौजूद मैलिक एसिड, लैक्टिक एसिड में बदल जाता है। बाद में रेड वाइन को छानकर दूसरे बर्तन में निकाला जाता है। फिर वाइन को बोतलबंद करने से पहले इसे किसी स्टेनलेस स्टील या लकड़ी से बने कंटेनर में रखा जाता है। यहां स्वाद संबंधी किसी भी खराबी को ठीक किया जाता है।
  4. अंतिम प्रक्रिया (फिलटरेशन) : अंत में वाइन को फिलटरेशन प्रक्रिया से गुजारा जाता है। यहां वाइन में बचे किसी बैक्टीरिया और अनावश्यक सूक्ष्म पदार्थ को बाहर कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद अंत में रेड वाइन को कॉर्क स्टॉपर्स के साथ कांच की बोतलों में भरा जाता है। 

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अब बारी आती है रेड वाइन को खरीदने और स्टोर करने के बारे में जानने की।

रेड वाइन कैसे खरीदें और कैसे स्टोर करें?

वाइन के फायदे जानने के बाद कई पाठकों के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि अच्छी रेड वाइन कैसे खरीदें और उसे ज्यादा दिनों तक कैसे स्टोर करें। पाठकों की इसी जिज्ञासा को ध्यान में रखते हुए हम यहां रेड वाइन खरीदने और स्टोर करने के तरीके बता रहे हैं।

  • टैनिन (एक प्रकार का पॉलीफेनोल) – वाइन में टैनिन जितना कम होगा, वो उतना ही स्वाद में हल्की होगी और नशा भी कम होगा। इसलिए, कम टैनिन वाली वाइन का चुनाव करें, खासकर जो पहली बार इसका सेवन करने जा रहे हैं। कम टैनिन वाली वाइन के विकल्प हैं – पिनोट नोयर (Pinot Noir), बारबेरा (Barbera) और संगियोवेस (Sangiovese)। वहीं, उच्च टैनिन वाले वाइन के विकल्प हैं – केबारनेट सॉविनन (Cabernet Sauvignon), सिराह (Syrah) और नेबियोलो (Nebbiolo)।
  • लेबलिंग – चेक करें की वाइन कौन से अंगूरों से बनी है और किस क्षेत्र से आई है।
  • ब्रांड – वाइन खरीदते वक्त रेड वाइन के ब्रांड का भी ध्यान रखें। कोशिश करें कि चुनिंदा और जानी-मानी ब्रांड का ही चुनाव करें।
  • ब्लेंड – बता दें कि अधिकांश रेड वाइन ब्लेंड होती हैं। बस अपनी पसंद की ब्लेंड वाइन का चुनाव करना है।
  • बॉडी – यहां हमारा मतलब है कि वाइन व्यक्ति के लिए कितनी हल्की या हेवी हो सकती है। वाइन बॉडी को तीन वर्गों में बांटा गया है। जिस वाइन में अल्कोहल की मात्रा सबसे कम होती है और आसानी से मुंह में घुल जाए, वो लाइट बॉडी वाइन है। वहीं, जिसमें थोड़ा ज्यादा अल्कोहल हो, वो मध्यम बॉडी और जिसमें उससे भी ज्यादा अल्कोहल हो, वो हेवी बॉडी के वर्ग में आती है।
  •   ओक – रेड वाइन को अक्सर ओक में फरमेंटेड किया जाता है। इससे वाइन को अच्छा टेक्सचर मिलता है।
  • विंटेज – वाइन जितनी पुरानी उतनी ही अच्छी। इसलिए, खरीदते वक्त देखें रेड वाइन कितनी पुरानी है।
  • मूल्य – रेड वाइन प्राइस को भी ध्यान में रखें। ऐसा न हो कि यह खरीदने वाले के जेब पर भारी पड़ जाए।

स्टोर कैसे करें : 

  • रेड वाइन की गुणवत्ता और स्वाद को बनाए रखने के लिए इसका उचित स्टोरेज जरूरी है। चूंकि, इसमें अल्कोहल की मात्रा कम होती है, इसलिए इसके खराब होने का डर बना रहता है और अधिक देखभाल की जरूरत होती है।
  • रेड वाइन की बोतल को हमेशा थोड़ा टेढ़ा रखें, ताकि उसका कॉक नम रहे। बोतल को सीधा रखने से बोतल का कॉर्क सूख सकता और उसमें हवा जा सकती है, जिससे वाइन खराब भी हो सकती है।
  • आमतौर पर लोग सोचते हैं कि वाइन जितनी पुरानी उतना बेहतर। वाइन का स्वाद उम्र के साथ बेहतर होता जाता है, लेकिन सभी वाइन के मामले में ऐसा नहीं है। अधिकांश रेड वाइन तुरंत उपयोग करने के लिए बनाई जाती हैं। इन्हें ज्यादा समय तक रखे रहने से ये खराब हो सकती हैं। इस प्रकार की वाइन का स्वाद उम्र बढ़ने के साथ बेहतर नहीं होता, लेकिन अच्छे स्टोरेज के साथ इन्हें थोड़े लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है।
  • रेड वाइन को सूरज की पराबैंगनी किरणों से दूर रखा जाना चाहिए, क्योंकि इससे वाइन का स्वाद बिगड़ सकता है। वाइन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए इसे डार्क बोतल में रखा जाना चाहिए। फिर भी ये बोतलें पूरी तरह से वाइन को सुरक्षित नहीं कर सकती हैं।
  • रेड वाइन की बोतल को डिब्बे में रख सकते हैं या किसी कपड़े से लपेट कर रख सकते हैं। शराब को रसायनों, भोजन और अन्य घरेलू चीजों से दूर रखा जाना चाहिए। बोतल के कॉर्क में छोटे-छोटे छेद होते हैं। इसलिए, ये आसानी से किसी भी गंध को अपने में अवशोषित कर सकते हैं। इससे वाइन का स्वाद खराब हो सकता है।
  • वाइन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए तापमान काफी मायने रखता है। रेड वाइन को सर्व करने का आदर्श तापमान 50 से 65 डिग्री फारेनहाइट के बीच होना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि गर्म वाइन सर्व करने से अल्कोहल का स्वाद ज्यादा महसूस होता है। वहीं, ज्यादा ठंडी रेड वाइन का स्वाद अधिक कड़वा और कसैला होता है।
  • वाइन सर्व करने से पहले कुछ समय के लिए बोतल को सीधे रखें, ताकि वाइन में मौजूद बारीक कण नीचे बैठ जाएं।
  • एक बार बोतल खोलने के बाद उसे दो से तीन दिन में खत्म करने की कोशिश करें, क्योंकि जैसे ही रेड वाइन में ऑक्सीजन घुसना शुरू होती है, वाइन की गुणवत्ता खराब होने लगती है।
  • इसे एक या दो दिन के लिए रेफ्रिजरेटर में स्टोर कर सकते हैं और उपयुक्त तापमान पर आने के लिए बोतल को पहले निकाल लें और बाद में सेवन करें।
  • रेड वाइन का पूरी तरह से आनंद लेने के लिए इसे हमेशा वाइन गिलास में ही सर्व करें।

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लेख के इस हिस्से में हम रेड वाइन के उपयोग के बारे में बता रहे हैं।

रेड वाइन का उपयोग – How to Use Red Wine in Hindi

रेड वाइन का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। इनके बारे में हम नीचे पढ़ें :

  • मांसाहारी भोजन बनाते समय रेड वाइन का उपयोग कर सकते हैं।
  • रेड वाइन का उपयोग मुख्य रूप से फ्लेवरिंग एजेंट के रूप में किया जा सकता है।
  • रेड वाइन का सेवन सीधे कर सकते हैं।
  • रेड वाइन से कुछ खास रेसिपी भी बनाई जा सकती हैं। जैसे – रेड वाइन रिसोट्टो या ग्रील्ड सैल्मन रेड वाइन बटर।
  • रेड वाइन से फेसपैक बनाकर चेहरे पर भी लगाया जा सकता है। रेड वाइन के साथ दही और शहद को मिलाकर फेसपैक तैयार कर उपयोग किया जा सकता है। रेड वाइन फेसपैक उपयोग से पहले एक बार पैच टेस्ट जरूर करें।
  • व्यक्ति चाहे, तो रेड वाइन को ऐसे भी चेहरे पर लगा सकता है।
  • रेड वाइन को बालों पर भी लगाया जा सकता है। बाल धोने के बाद रेड वाइन में थोड़ा कंडीशनर मिलाकर उसे बालों पर लगाएं और कुछ मिनट बाद बाल धो लें।

बनें रहें लेख में 

नीचे जानिए रेड वाइन पीने का तरीका और इसकी सही मात्रा।     

रेड वाइन पीने का तरीका :

  • सबसे पहले अपनी पसंदीदा रेड वाइन का चुनाव करें।
  • फिर सही वाइन गिलास चुनें।
  • उसके बाद वाइन की बोतल को सही तरीके से खोलें और वाइन गिलास में डालें।
  • अब गिलास को हल्का हिलाएं, सूंघे और फिर सेवन करें।
  • वाइन के स्वाद का लुत्फ उठाने के लिए इसे ठंडा करके पियें।

रेड वाइन पीने की मात्रा : 

अब सवाल यह उठता है कि रेड वाइन कितनी पीनी चाहिए। यहां हम पाठकों को अल्कोहल के बारे में जानकारी दे रहे हैं। वाइन में भी अल्कोहल मौजूद होता है, जिसे ध्यान में रखते हुए हम जानकारी दे रहे हैं। ध्यान रहे कि स्टाइलक्रेज किसी भी तरीके से अल्कोहल के सेवन को बढ़ावा नहीं देता है। यहां वैज्ञानिक शोध के अनुसार मात्रा बताने से हमारा उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है (7)।

मात्रा :

  • महिलाएं दिनभर में लगभग 118 एमएल वाइन का सेवन कर सकती हैं।
  • वहीं पुरुष लगभग 236 एमएल वाइन का सेवन कर सकते हैं।

नोट : ये मात्रा व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है। इसलिए, अब भी हम यही सलाह देंगे कि जो भी व्यक्ति इसका सेवन करना चाहता है, वो पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले। स्टाइलक्रेज शराब के सेवन को बढ़ावा नहीं देता है।

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लेख के अंत में रेड वाइन के नुकसान को भी जान लीजिए। 

रेड वाइन के नुकसान – Side Effects of Red Wine in Hindi

वाइन पीने के फायदे और नुकसान दोनों हैं। अब तक हमने लेख में रेड वाइन के फायदे को बताया है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से इसके कुछ हानिकारक प्रभाव भी सामने आ सकते हैं, जिसकी चर्चा हम नीचे कर रहे हैं। रेड वाइन के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं :

  • रेड वाइन ज्यादा पीने से इसकी लत भी लग सकती है।
  • रेड वाइन में अल्कोहल मौजूद होता है। ऐसे में इसका अधिक सेवन लिवर संबंधी बीमारी का कारण बन सकता है (35)।
  • गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली महिलाएं वाइन का सेवन करने से बचें। अल्कोहल के सेवन से गर्भ में पल रहे शिशु को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसमें फीटल अल्कोहल सिंड्रोम (fetal alcohol syndrome) शामिल है। इसमें शिशु का मानसिक और शारीरिक विकास पर प्रभाव पड़ सकता है (36)।
  • इसका अधिक सेवन मोटापा, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है (37)।
  • जीवनशैली में बदलाव हो सकता है, जिसका प्रभाव आपसी संबंधों पर भी पड़ सकता है (37)

लेख में रेड वाइन के फायदे पढ़ने के बाद कई लोग इसे अपनी डाइट में शामिल करना चाह रहे होंगे। उससे पहले हम यह भी स्पष्ट कर दें कि अल्कोहल का सेवन न करने वाले व्यक्ति इसे विकल्प के तौर पर न चुनें। रेड वाइन पीने के फायदे हैं, तो नुकसान भी हैं और इससे स्वास्थ्य पर गलत असर भी पड़ सकता है। इसलिए, पहले व्यक्ति अपनी उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार डॉक्टर से यह राय लें कि रेड वाइन कितनी पीनी चाहिए। ऐसे में पाठक ऊपर बताए गए रेड वाइन पीने का तरीका भी फॉलो कर सकते हैं। अगर रेड वाइन को संतुलित मात्रा में दवा की तरह लिया जाए, तो यह लाभकारी हो सकती है। हमारा पाठकों से यही अनुरोध है कि रेड वाइन का सही तरीके से सेवन करें और अगर जरूरत न हो, तो सिर्फ मजे के लिए रेड वाइन का सेवन न करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

क्या रात में एक गिलास रेड वाइन का सेवन करना सेहतमंद है?

रात के समय एक गिलास वाइन का सेवन करना सेहतमंद है या नहीं, फिलहाल इस बारे में सटीक जानकारी का अभाव है।

इसलिए, बेहतर होगा कि इस विषय की जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

रेड वाइन सर्व करने के लिए तापमान कितना होना चाहिए?

रेड वाइन सर्व करने के लिए 62 से 68 डिग्री फारेनहाइट का तापमान होना चाहिए।

क्या रेड वाइन शाकाहारी है?

रेड वाइन शाकाहारी है या नहीं, यह बता पाना थोड़ा मुश्किल है। दरअसल, यह उसके बनाने की विधि पर निर्भर करता है। वहीं, अगर बोतल पर हरे रंग के बिंदु का निशान है, तो उसे शाकाहारी माना जाएगा।

रेड वाइन में अल्कोहल की मात्रा कितनी होती है?

रेड वाइन में अल्कोहल की मात्रा 10.6 ग्राम हो सकती है (33)।

रेड वाइन का स्वाद कैसा लगता है?

रेड वाइन का स्वाद कैसा होता है, फिलहाल इस बारे में बता पाना मुश्किल है, क्योंकि इसके कई प्रकार होते हैं।

क्या रोज रेड वाइन पीना ठीक है?

रोजाना रेड वाइन का सेवन हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इससे इसकी लत लग सकती है, जिसके कारण लेख में बताए गए रेड वाइन के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं।

क्या रेड वाइन आपके लीवर के लिए बुरी है?

हां, अगर अधिक मात्रा में रेड वाइन का सेवन किया जाए, तो यह नुकसानदायक हो सकती है। दरअसल, रेड वाइन में अल्कोहल मौजूद होता है, जिसका अधिक सेवन लिवर संबंधी बीमारी का कारण बन सकता है (30)।

References

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  1. Red Wine Age Estimation by the Alteration of Its Color Parameters: Fourier Transform Infrared Spectroscopy as a Tool to Monitor Wine Maturation Time
    https://www.hindawi.com/journals/jamc/2017/5767613/
  2. The Health Benefits of Red Wine
    https://scholarcommons.sc.edu/cgi/viewcontent.cgi?article=1038&context=senior_theses
  3. Contribution of Red Wine Consumption to Human Health Protection
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6099584/
  4. Grapes, wines, resveratrol, and heart health
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19770673/
  5. Red wine: A drink to your heart
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3023893/
  6. Atherosclerosis
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  7. Wine and heart health
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  8. High blood pressure – adults
    https://medlineplus.gov/ency/article/000468.htm
  9. Non-alcoholic red wine may lower blood pressure
    https://www.health.harvard.edu/blog/non-alcoholic-red-wine-may-lower-blood-pressure-201209125296
  10. Resveratrol, a red wine polyphenol, suppresses pancreatic cancer by inhibiting leukotriene A₄hydrolase
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  29. Skin Ageing: Natural Weapons and Strategies
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  30. The Grape Antioxidant Resveratrol for Skin Disorders: Promise, Prospects, and Challenges
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  31. Resveratrol as an active ingredient for cosmetic and dermatological applications: A review
    https://www.researchgate.net/publication/324731185_Resveratrol_as_an_active_ingredient_for_cosmetic_and_dermatological_applications_A_review
  32. Nutrition of women with hair loss problem during the period of menopause
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  33. Wine, table, red
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/1104473/nutrients
  34. Influence of Winemaking Procedure and Grape Variety on the Colour and Composition of Young Red Wines
    https://www.researchgate.net/publication/250082205_Influence_of_Winemaking_Procedure_and_Grape_Variety_on_the_Colour_and_Composition_of_Young_Red_Wines
  35. Alcoholic liver disease
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19655694/
  36. Fetal alcohol syndrome: What you should know about drinking during pregnancy
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2794811/
  37. Health risks of alcohol use
    https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000494.htm
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