सूर्य नमस्कार के फायदे, नियम और करने का तरीका – Surya Namaskar (Sun Salutation) Benefits and Types in Hindi

Written by , MA (Mass Communication) Anuj Joshi MA (Mass Communication)
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योग के माध्यम से शरीर को निरोग रखा जा सकता है। इसके अलग-अलग आसन शरीर के विभिन्न भागों पर व्यापक और अनुकूल प्रभाव डालते हैं। इन आसनों में सबसे प्रभावशाली सूर्य नमस्कार आसन है। कारण यह है कि सूर्य नमस्कार योग को कई आसनों के मेल से बनाया गया है। इसी वजह से इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है और यह कई गंभीर बीमारियों को दूर रखने में मदद कर सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम सूर्य नमस्कार योग क्या है, यह बताने के साथ-साथ सूर्य नमस्कार के फायदे और सूर्य नमस्कार करने का तरीका बता रहे हैं। सूर्य नमस्कार के फायदे पाने के लिए रोजाना इस आसन को करने के साथ ही संतुलित खान-पान भी जरूरी है।

नीचे है जरूरी जानकारी

इस लेख में आगे बढ़ने से पहले हम जानेंगे कि सूर्य नमस्कार क्या है।

सूर्य नमस्कार क्या है? – What Is Surya Namaskar (Sun Salutation) in Hindi

सूर्य नमस्कार दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें सूर्य का अर्थ सूरज और नमस्कार का अर्थ नमन या प्रार्थना है। यही कारण है कि प्राचीन समय से ही लोग सुबह उठकर सूर्य नमस्कार योगासन से दिन की शुरुआत करने को शुभ मानते हैं। इस योग की प्रक्रिया 12 चरणों में पूरी होती है और हर चरण में एक अलग आसन का अभ्यास किया जाता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि एक ही योग में 12 योगासनों की क्रमबद्ध शृंखला को सूर्य नमस्कार कहा जाता है।

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आगे जानिए कि सूर्य नमस्कार के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।

सूर्य नमस्कार के फायदे – Benefits of Surya Namaskar Yoga in Hindi

सूर्यनमस्कार योग को करने से सेहत पर कई प्रकार के लाभ नजर आते हैं। सूर्य नमस्कार योगासन के इन्हीं फायदों के बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं:

1. पल्मोनरी फंक्शन में सुधार

जैसा कि लेख के शुरुआत में बताया गया हैं कि सूर्य नमस्कार ऐसा योगासन है, जिसमें क्रमबद्ध 12 योगासनों को उपयोग में लाया जाता है। इन आसनों का शरीर के प्रत्येक हिस्से पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस योग प्रक्रिया के दौरान हर चरण में सांस लेने और छोड़ने की क्रिया होती है, जो विशेष रूप से फेफड़ों की क्रियाशीलता बढ़ा सकता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि सूर्य नमस्कार के लाभ में पल्मोनरी फंक्शन (फेफड़ों की कार्यक्षमता) को बेहतर करना भी शामिल है (1)।

2. वजन घटाने के लिए

सूर्य नमस्कार के फायदे में वजन कम करना भी गिना जाता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योग द्वारा किए गए शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि सूर्य नमस्कार वजन को कम करने में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि वजन घटाने की इच्छा रखने वालों के लिए सूर्य नमस्कार का अभ्यास फायदेमंद साबित हो सकता है (2)।

3. रेस्पिरेटरी प्रेशर में सुधार

रेस्पिरेटरी प्रेशर (श्वसन दबाव) का सीधा संबंध फेफड़ों की कार्यक्षमता (पल्मोनरी फंक्शन) से जुड़ा हुआ है। जैसा कि हम लेख में पहले भी बता चुके हैं कि योग की इस प्रक्रिया में 12 चरणों के अंतर्गत 12 अलग-अलग योगासनों को अभ्यास में लाया जाता है। इसमें सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया अहम होती है। इस कारण श्वसन तंत्र मजबूत होता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है (1)।

फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर होने पर सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया के दौरान फेफड़ों पर अधिक दबाव नहीं पड़ता और रेस्पिरेटरी प्रेशर सामान्य बना रहता है (3)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि रेस्पिरेटरी प्रेशर (श्वसन दबाव) को नियंत्रित रखने में सूर्य नमस्कार के लाभ हो सकते हैं।

4. मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाए

सूर्य नमस्कार के लाभ मांसपेशियों की मजबूती के लिए हो सकता है। दरअसल, इस योग में अपनाए जाने वाले अलग-अलग चरणों का शरीर के अलग-अलग अंगों से जुड़ी मांसपेशियों पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। इस कारण इसका निरंतर अभ्यास मांसपेशियों की गतिविधी बढ़ाकर उनकी कार्यक्षमता में सुधार कर सकता है। इससे उनमें धीरे-धीरे मजबूती आ सकती है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास मांसपेशियों को मजबूती प्रदान कर शरीर की कार्य क्षमता बढ़ा सकता है (4)।

5. मासिक चक्र नियमित करने में सहायक

अनियमित मासिक चक्र की समस्या को दूर करने में भी सूर्य नमस्कार फायदेमंद हो सकता है। साथ ही मासिक चक्र के दौरान होने वाली समस्याओं, जैसे – थकान, बदन दर्द, दिमागी तनाव व चिड़चिड़ेपन को दूर करना भी सूर्य नमस्कार योग के फायदे में शामिल है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास करने से मासिक चक्र की प्रक्रिया में सुधार हो सकता है (5)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सूर्य नमस्कार योग मासिक चक्र की निरंतरता को बनाए रखने में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है।

6. चिंता दूर करे और मन को शांत रखे

सूर्य नमस्कार स्टेप्स से चिंता को दूर करने और मन को शांत रखने में मदद मिल सकती है। रिसर्च पेपर के अनुसार, यह चिंता को शांत करने में मददगार हो सकता है (5)। इस आसन को करने से दिमाग में सकारात्मक विचार आते हैं और चिंता के साथ ही अवसाद जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है (6)। इसी वजह से यह कहा जा सकता है कि सूर्य नमस्कार योग का नियमित अभ्यास अवसाद और चिंता जैसी समस्याओं को दूर करके मन को शांत रख सकता है।

7. त्वचा और बालों के लिए

सूर्य नमस्कार करने के फायदे में त्वचा और बाल का स्वास्थ्य भी शामिल है। एक स्टडी के अनुसार, इस नियमित रूप से करने से त्वचा ताजगी से भरपूर नजर आ सकती है। साथ ही यह स्किन कलर यानी रंगत में सुधार कर सकता है (5)। वहीं, तनाव के कारण होने वाली बालों से जुड़ी समस्याएं को दूर करने में भी यह मददगार साबित हो सकता है (6)।

विशेषज्ञों के मुताबिक, योग ऐसी क्रिया है, जो तनाव को कम करने का काम कर सकती है (7)। इस कारण यह माना जा सकता है कि सूर्य नमस्कार चिंता और तनाव जैसी समस्या को दूर करके बालों को गिरने से कुछ हद तक कम कर सकता है। साथ ही यह स्किन को भी स्वस्थ बनाए रखने में अच्छी भूमिका निभा सकते हैं।

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इस लेख के अगले भाग में हम सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका बता रहे हैं।

सूर्य नमस्कार मुद्रा करने का तरीका – Steps to do Surya Namaskar in Hindi

सूर्य नमस्कार को सही तरीके से करने पर ही बेहतर परिणाम नजर आते हैं। इसी वजह से हम यहां सूर्य नमस्कार करने का तरीका क्रमवार बता रहे हैं। इसके प्रत्येक चरण को पूरा करने के लिए निम्न आसनों को अपनाना पड़ेगा।

प्रणामासन : इस आसन के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाएं और सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों हाथों को जोड़ते हुए अपने सीने के करीब लाएं और नमस्कार करने की स्थिति में आ जाएं।

हस्तउत्तानासन : अब गहरी सांस लेते हुए हाथों को जोड़कर सिर के ऊपर उठाएं। ध्यान रहे कि इस स्थिति में दोनों भुजाएं कानों को छूती रहें। अब कमर से नीचे के हिस्से को सीधे रखते हुए जितना हो सके शरीर के ऊपरी हिस्से को पीछे की ओर ले जाने का प्रयास करें।

पादहस्तासन : सांस छोड़ते हुए अब धीरे-धीरे दोनों हाथों को आगे लाते हुए पेट के बल आगे की ओर झुकें और दोनों हाथों को जमीन पर लगाने का प्रयास करें। ध्यान रहे कि इस स्थिति में माथे का पैरों के घुटनों से स्पर्श होना चाहिए।

अश्व संचालनासन : अब सांस लेते हुए अपने बाएं पैर पर बैठते हुए दाएं पैर को जितना हो सके पीछे की ओर जमीन पर ले जाते हुए रखना है। ध्यान रहे कि इस स्थिति में दाएं पैर के घुटना का स्पर्श जमीन से होना चाहिए। इस मुद्रा में रहते हुए गर्दन से ऊपर की ओर देखें।

पर्वतासन : इस आसन में सांस छोड़ते हुए बाएं पैर को भी पीछे की ओर ले जाना होगा। बाएं और दाएं पैर के पंजों के समानांतर आने के बाद शरीर को बीच से उठाने की कोशिश करें। इस दौरान हथेलियों और पंजे जमीन से सटे हों। ध्यान रहे कि इस स्थिति में हाथ और पैर सीधे रहें।

अष्टांगासन : अब पर्वतासन से अष्टांगासन में आने के लिए सबसे पहले गहरी सांस लेनी होगी। इसके बाद दोनों घुटनों को जमीन से लगा लें। अब बिना सांस छोड़े सीने व ठुड्डी से जमीन का स्पर्श करें। इस मुद्रा में कमर और कुल्हे ऊपर आसमान की ओर उठे होंगे।

भुजंगासन : इस आसन में अब बिना सांस छोड़े कमर तक के हिस्से को जमीन से सटा लें। फिर कमर से ऊपर के हिस्से को उठाने की कोशिश करें। इस स्थिति में हथेलियां जमीन से सटी होनी चाहिए और गर्दन को ऊपर की ओर करके आसमान की तरफ देखें।

पर्वतासन : अब दोबारा पर्वतासन में आना होगा। इसके लिए सांस छोड़ते हुए शरीर के बीच के हिस्से को ऊपर उठाने की कोशिश करें। ध्यान रहे कि इस आसन को करते समय दोनों हाथ सीधे रहें और एडियों का स्पर्श जमीन से हो। साथ ही नाभि की तरफ देखने का प्रयास करें।

अश्व संचालनासन : फिर गहरी सांस लेते हुए अपने दाएं पैर को आगे की ओर लाकर उस पर बैठ जाएं। वहीं, बाएं पैर को सीधा रखें और घुटने को जमीन से स्पर्श कराएं।

पादहस्तासन : इसके बाद सांस छोड़ते हुए अपने बाएं पैर को आगे की ओर लाएं। अब अपने हाथों को जमीन से सटाएते हुए पैरों को सीधा करें और माथे को घुटनों से छूने की कोशिश करें।

हस्तउत्तानासन : अब गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और हथेलियों को आपस में जोड़ते हुए जितना हो सके पीछे की ओर झुकने की कोशिश करें।

प्रणाम आसन : अंत में पुनः प्रणाम आसन में आना है। इसके लिए बिल्कुल सीधे होकर हाथों को जोड़ते हुए नमस्कार मुद्रा में आ जाएं।

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चलिए, अब सूर्य नमस्कार के आसन से जुड़े कुछ जरूरी टिप्स जान लेते हैं।

शुरुआती लोगों के लिए सूर्य नमस्कार करने के टिप्स – Beginner’s Tip to do Surya Namaskar in Hindi

अगर कोई पहली बार सूर्य नमस्कार का अभ्यास कर रहा है, तो कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा, जो कुछ इस प्रकार हैं :

  • सूर्य नमस्कार हमेशा सूर्योदय के समय सूर्य निकलने यानी पूर्व दिशा की ओर मुंह करके करें।
  • इस योगासन के प्रत्येक चरण को बारीकी से समझकर धीरे-धीरे और आराम से करें।
  • सूर्य नमस्कार करने से पहले पेट खाली हो, तो बेहतर होगा।
  • सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान केंद्रित करें।
  • पीछे की ओर झुकने, पैरों को फैलाने और आगे की ओर झुकते वक्त ध्यान रखें कि शरीर पर किसी प्रकार का झटका न आए।
  • सूर्य नमस्कार अपनी क्षमता के हिसाब से करें। मांसपेशियों पर अधिक जोर देने की आवश्यकता नहीं है।
  • किसी ट्रेनर के साथ इसका शुरुआती अभ्यास किया जाए, तो बेहतर होगा।
  • शुरुआत में इस योग को करते समय शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द महसूस होता है, तो इसे करना बंद कर दें।

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आइए, अब सूर्य नमस्कार से संबंधित सावधानियों पर एक नजर डाल लेते हैं।

सूर्य नमस्कार के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Surya Namaskar In Hindi

सूर्य नमस्कार के अभ्यास से पूर्व कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना जरूरी होता है। इससे सूर्य नमस्कार के नुकसान से बचने में आसानी हो सकती है। ऐसे में निम्न बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए 5

  • गर्भवतियां इस आसन को करने का प्रयास न करें।
  • हर्निया और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इस योगासन को नहीं करना चाहिए।
  • कमर में दर्द होने की स्थिति में सूर्य नमस्कार से परहेज करें।
  • मासिक चक्र के दौरान भी महिलाओं को सूर्य नमस्कार न करने की सलाह दी जाती है।

स्वस्थ जीवनयापन करने का सबसे अच्छा माध्यम योग है। योग न सिर्फ शरीर और मन को स्वस्थ रखने का काम करता है, बल्कि कई बीमारियों को ठीक करने में भी सहायक हो सकता है। ऐसे में सूर्य नमस्कार से दिन की शुरुआत करने पर हर काम को मन लगाकर बेहतर तरीके से किया जा सकता है। अगर आप भी सूर्य नमस्कार के फायदों से प्रभावित हो गए हैं और इसका नियमित अभ्यास करने की सोच रहे हैं, तो इस लेख को अच्छे से पढ़ें।

अब हम अंतिम भाग में सूर्य नमस्कार से संबंधी कुछ सवालों के जवाब दे रहे हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या सूर्य नमस्कार को कभी भी किया जा सकता है?

जी हां, सूर्य नमस्कार को कभी भी किया जा सकता है। हां, इसे सुबह खाली पेट करना सबसे प्रभावकारी माना जाता है (5)।

क्या सूर्य नमस्कार से बेहतर वॉकिंग (चलना) है?

हां, माना जाता है कि सूर्य नमस्कार से पूरे शरीर का लचीलापन बढ़ता है और एक्सरसाइज हो जाती है। ऐसे में सूर्य नमस्कार को वॉकिंग से बेहतर माना जा सकता है।

सूर्य नमस्कार करने से मेरा कितना वजन कम हो सकता है?

सूर्य नमस्कार व्यायाम की मदद से वजन को कम किया जा सकता है (5)। अगर योग के साथ-साथ सही खान-पान हो, तो तीन से चार महीने में तकरीबन दो से तीन किलो वजन कमी किया जा सकता है।

क्या सूर्य नमस्कार स्तन को कम कर सकता है?

सूर्य नमस्कार की मदद से स्तन कम हो सकता है या नहीं, इस पर किसी तरह का स्पष्ट वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। हालांकि, एक वैज्ञानिक अध्ययन की मानें, तो इस योग से शरीर की चर्बी कम हो सकती है (5)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि स्तन कम करने में भी सूर्य नमस्कार मदद कर सकता है।

क्या सूर्य नमस्कार को तेजी या धीमी गति से किया जाना चाहिए?

सूर्य नमस्कार स्टेप्स को धीमी गति से करना चाहिए।

References

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  1. Effect of Pranayama and Suryanamaskar on Pulmonary Functions in Medical Students
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4316242/
  2. Suryanamaskar: An equivalent approach towards management of physical fitness in obese females
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4278132/
  3. A comparative study of slow and fast suryanamaskar on physiological function
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3193657/
  4. How Effective Is Sun Salutation in Improving Muscle Strength, General Body Endurance and Body Composition
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3289222/
  5. A HEALTHY LIFE THROUGH SURYA NAMASKAR
    https://www.academia.edu/34341979/paper_1_docx
  6. Hair loss
    https://medlineplus.gov/ency/article/003246.htm
  7. Medical Yoga Therapy
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5332914/
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