Medically Reviewed By Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

यह तो सभी जानते हैं कि भारत जड़ी-बूटियों और औषधीय गुणों से युक्त वनस्पतियों का भंडार है। यही वजह है कि हम सदियों से विभिन्न प्रकार के हर्बल उत्पादों और प्राकृतिक तेलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा ही एक तेल है टी ट्री एसेंशियल ऑइल। समस्या चाहे सेहत से जुड़ी हो, त्वचा से या बालों से, टी ट्री ऑयल के फायदे उनके लिए रामबाण उपाय बन सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम बताएंगे कि टी ट्री ऑयल क्या होता है। साथ ही, शरीर से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के लिए टी ट्री ऑयल का उपयोग के बारे में भी आप इस लेख में जानेंगे। लेख में बताए गए शारीरिक विकारों से लिए यह डॉक्टरी इलाज तो नहीं है, लेकिन समस्या के लक्षणों से कुछ हद तक आराम पाने में जरूर मददगार साबित हो सकता है।

तो आइए शुरू करें

लेख की शुरुआत यह बताने से करते हैं कि टी ट्री ऑयल क्या होता है।

टी ट्री ऑयल क्या होता है? – What is Tea Tree Oil in Hindi

कई लोग टी ट्री एसेंशियल ऑयल को एक तरह का ग्रीन टी एसेंशियल ऑयल समझ लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। इसे मेलेलुका अल्टिफोलिया (Melaleuca alternifolia) नामक पौधे की पत्तियों से एक वैज्ञानिक प्रक्रिया की मदद से निकाला जाता है। मूल रूप से यह पौधा ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। वहां टी ट्री ऑयल का उपयोग पारंपरिक रूप से त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं जैसे फंगल इन्फेक्शन, एक्ने, कट, कीड़े के काटने आदि से आराम पाने के लिए किया जाता है (1)।

टी ट्री ऑयल क्या है जानने के बाद आगे जानिए बेनिफिट्स ऑफ टी ट्री आयल।

टी ट्री ऑयल के फायदे – Benefits of Tea Tree Oil in Hindi

1. मूत्राशय से जुड़ा संक्रमण

मूत्राशय संक्रमण (ब्लैडर इंफेक्शन/यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) मूत्राशय में बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है। यह मूत्रमार्ग के विभिन्न अंग जैसे ब्लैडर (मूत्राशय), यूरेटर (मूत्रवाहिनी) व किडनी को प्रभावित कर सकता है (2)। इस संक्रमण से आराम पाने के लिए टी ट्री ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। इस तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं, जो मूत्राशय के संक्रमण को रोकने में सक्षम हैं (3)।

2. आंख में फुंसी

आंखों में फुंसी एक तरह का दर्दनाक संक्रमण होता है, जो पलकों को प्रभावित करता है। यह बैक्टीरिया के कारण हो सकता है (4)। ऐसे में ब्लेफेराइटिस (blepharitis) भी कहे जाने वाली इस समस्या से आराम पाने के लिए टी ट्री एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया को खत्म करके फुंसी से आराम पाने में मदद कर सकते हैं (5)। इसके अलावा, टी ट्री ऑयल का उपयोग कलेजियन (अतिरिक्त सीबम के कारण आंख में होने वाली फुंसी) को भी रोकने में मदद कर सकता है (6)। इसका इस्तेमाल कभी भी आंखों के अंदर न करें। आंखों के बाहरी हिस्से पर ही इसे लगाएं।

3. ओरल हेल्थ

मुंह को स्वस्थ बनाए रखने में भी टी ट्री ऑयल के फायदे देखे जा सकते हैं। माना जाता है कि एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच ब्रांडी और तीन चम्मच टी ट्री ऑयल मिलाकर उससे कुल्ला करने से मुंह से जुड़ी कई समस्याओं से आराम मिल सकता है। यह घोल मुंह के अल्सर, मसूड़ों के दर्द व बदबूदार सांस से निजात पाने में मदद कर सकता है (7)। टी ट्री ऑयल को लेकिन ध्यान रखें कि कुल्ला करते वक्त यह आपके मुंह के अंदर न जाए।

4. नाभि का संक्रमण

पढ़ने में अटपटा लगे, लेकिन यह सही है कि नाभि की साफ-सफाई ठीक तरह से न करने पर उसमें संक्रमण हो सकता है। इससे नाभि में खुजली, दर्द और रक्तस्राव हो सकता है। ऐसे में गंदगी और कीटाणु के कारण नाभि में घाव हो जाता है। इस तरह के संक्रमण से आराम पाने में एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट लाभदायक हो सकता है (8)। इस वजह से नाभि के संक्रमण से आराम पाने के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे उठाए जा सकते हैं। यह तेल एंटीबायोटिक, एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुणों से समृद्ध होता है, जो बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक रोगाणुओं को खत्म करके संक्रमण से आराम दिलाने में मदद कर सकता है (9)। इस विषय में टी ट्री ऑयल के फायदों पर अभी और शोध की आवश्यकता। इसलिए, टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल डॉक्टर से चर्चा करने के बाद ही करें।

5. पैरो के फफोलों

पैर के किसी भाग पर अधिक रगड़/दबाव पड़ने या अधिक टाइट जूते पहनने के कारण फफोले हो सकते हैं (10)। ऐसे में, फफोलों पर टी ट्री ऑयल का उपयोग करने से उनसे आराम मिल सकता है। एथलीट फुट के उपचार में भी टी ट्री ऑयल बेहद उपयोगी माना जाता है। टी ट्री ऑयल को “मैजिक हीलिंग ऑयल” कहा जाता है, जो घाव को जल्दी भरने में मदद कर सकता है। माना जाता है कि टी ट्री ऑयल और रोजमेरी ऑयल के मिश्रण में वूंड हीलिंग गुण होते हैं, जो घाव को भरने में सहायक हो सकते हैं। साथ ही यह मिश्रण अपने एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के कारण फफोलों के कारण हुई सूजन से भी आराम पाने में मदद कर सकता है (11)।

6. ड्राई सॉकेट

ड्राई सॉकेट दांतों से संबंधित एक समस्या है, जिसमें दांत निकलवाने के बाद दो-चार दिनों तक दर्द बना रहता है। जब भी दांत निकाला जाता है, तब सॉकेट में खून का थक्का जम जाता है। सॉकेट शब्द जबड़े में उस छेद से संबंधित है, जहां दांत होता है। यह रक्त का थक्का हड्डी और तंत्रिका की रक्षा करता है, लेकिन जब रक्त का थक्का अच्छी तरह से नहीं बनता, तो हड्डी और तंत्रिका खुल जाते हैं और परिणामस्वरूप दर्द होता है (12)। इससे आराम पाने में टी ट्री एसेंशियल ऑयल के एंटीमाइक्रोबियल गुण काम करते हैं। ये घाव के बैक्टीरिया को नियंत्रित करते हैं जिसके कारण यह कहा जा सकता है कि ये घाव को जल्दी ठीक होने में मदद कर सकते हैं (13)। इसके लिए कॉटन बॉल पर शहद और एक-दो बूंद टी ट्री ऑयल लगा कर घाव पर लगाएं।

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7. साइनस संक्रमण

साइनस खोपड़ी के वो खोखले छिद्र होते हैं, जो सांस लेने में मदद करते हैं। जब किसी बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण इनमें संक्रमण हो जाता है तो उसे साइनस संक्रमण (साइनसाइटिस) कहते हैं (14)। इसके लिए टी ट्री ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, टी ट्री ऑयल में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल व एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं, जो साइनस में होने वाले इंफेक्शन और सूजन को खत्म करके साइनस से आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं (9)। माना जाता है कि युकलिप्टुस ऑयल के साथ टी ट्री एसेंशियल ऑयल को लगाने से श्वास से जुड़ी समस्यों से आराम पाने में लाभदायक हो सकता है (15)।

8. शरीर की दुर्गंध

शरीर की दुर्गंध एक जटिल समस्या है, जिससे पूरा व्यक्तित्व प्रभावित हो सकता है। जिन लोगों के शरीर से अधिक पसीना निकलता है, उनके साथ यह परेशानी ज्यादा होती है। पसीने के साथ शरीर पर बैक्टीरिया भी पनपते हैं, जो आमतौर पर शरीर की दुर्गंध का कारण बनाते हैं (16)। इससे निजात पाने लिए टी ट्री ऑयल के फायदे उठाए जा सकते हैं। यह एक गुणकारी तेल है, जो अपने एंटीबैक्टीरियल गुण से शरीर के जीवाणुओं से लड़ने का काम कर सकता है (9)।

9. रिंगवर्म

रिंगवर्म एक तरह का संक्रमण है, जो त्वचा पर फंगस के आक्रमण से हो सकता है। इसमें संक्रमित जगह पर लाल, खुजलीदार रिंग बन जाती है (17)। इस समस्या का एक प्रकार टिनिया पेडिस (Tinea Pedis) भी है, जिसके लिए टी ट्री ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। टी ट्री ऑयल में एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं जो फंगल इन्फेक्शन का कारण बनने वाले फंगस को खत्म करके संक्रमण से आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं (9)। इसके अलावा, इस एसेंशियल ऑयल में एंटीमायकोटिक गुण भी पाए जाते हैं, जो फंगस को खत्म करके संक्रमण को खत्म करने में सहायक हो सकते हैं (18)।

10. निमोनिया

निमोनिया फेफड़े से जुड़ा एक संक्रमण है, जिसमें वायु कोष के अंदर द्रव्य भर जाता है। द्रव्य भरने से सूजन होती है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। निमोनिया से ग्रसित व्यक्ति को बुखार, ठंड लगना और खांसते वक्त बलगम निकलने जैसी समस्या हो सकती है (19)। इससे निजात पाने में टी ट्री ऑइल बेनिफिट्स देखे गए हैं। टी ट्री ऑयल एक प्रभावी एसेंशियल ऑयल है, जो एंटीमाइक्रोबियल गुण से समृद्ध होता है। अध्ययन में इस बात का पता चला है कि टी ट्री ऑयल को सूंघने से निमोनिया के लक्षणों को कुछ कम किया जा सकता है (20)।

11. मस्सा

मस्सा त्वचा का एक संक्रमण है, जो ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus) यानी एचपीवी के कारण होता है (21)। मस्सा हटाने के उपाय में रूप में टी ट्री एसेंशियल ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि टी ट्री ऑयल के एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण इसका उपयोग मस्से से छुटकारा पाने के लिए किया जा सकता है (22)।

12. नाखून में फंगल इंफेक्शन

नाखून में संक्रमण एक तरह का फंगल इन्फेक्शन होता है, जो पैरों व हाथों की उंगलियों में हो सकता है। इस समस्या में नाखून का रंग पीला पड़ जाता है, नाखून मोटे हो जाते हैं और आसानी से टूटने लगते हैं (23)। इस फंगल संक्रमण से आराम पाने के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे उठाए जा सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीफंगल गुण संक्रमण फैलाने वाले फंगस को खत्म कर सकता है और नाखून को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (24)। इस विषय में मनुष्यों पर अभी और शोध की आवश्यकता है और इसके लिए टी ट्री ऑयल का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें।

13. मुंहासे

मुंहासे ऐसी समस्या है, जो किसी को भी हो सकते हैं और इनके होने की कोई एक वजह नहीं होती। ऐसे में टी ट्री ऑयल का उपयोग सेहत के साथ त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी किया जा सकता है। इस एसेंशियल ऑयल में एंटीसेप्टिक और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो मुंहासों से निजात पाने में मदद कर सकते हैं (25) (26)। इसके लिए एक कॉटन बॉल पर थोड़ा-सा एसेंशियल ऑयल लगा कर प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिल सकता है। इस तरह उपयोग करने से स्किन के लिए टी ट्री ऑयल फायदेमंद हो सकता है।

14. रूसी और खुजली

टी ट्री ऑयल बालों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। बालों से जुड़ी समस्याएं जैसे रूसी और खुजली से निजात पाने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित रिसर्च में इसके एंटीफंगल गुणों पर प्रकाश डाला गया है। इस रिसर्च में बताया गया है कि टी ट्री ऑयल के एंटीफंगल गुण रूसी का कारण बनने वाले फंगस को खत्म करके रूसी से निजात दिलाने में लाभदायक हो सकते हैं (27)। हेयर के लिए टी ट्री ऑयल के उपयोग के तरीके बारे में आगे बताया गया है। बालों से लीख दूर करने में भी यह मदद कर सकता है।

आगे है और जानकारी

टी ट्री ऑयल के फायदे के बाद लेख के अगले भाग में जानिए इसके उपयोग के बारे में।

टी ट्री ऑयल का उपयोग – How to Use Tea Tree Oil in Hindi

नीचे बताए गए तरीकों से टी ट्री ऑयल का उपयोग किया जा सकता है :

  • संक्रमण से आराम पाने से लिए आधा कप पानी में एक-दो बूंद टी ट्री एसेंशियल ऑयल मिलाकर कॉटन बॉल की मदद से इसे प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं।
  • नहाते समय एक बाल्टी गुनगुने पानी में पांच-छह बूंद टी ट्री एसेंशियल ऑयल मिलाकर नहाने से शरीर की दुर्गंध कम हो सकती है।
  • टी ट्री ऑयल बेनिफिट्स के तहत इस तेल की दो से तीन बूंदें डिफ्युजर में डालकर कमरे में रखने से श्वास से जुड़ी समस्या से आराम मिल सकता है।
  • एक गिलास गुनगुने पानी में एक-दो बूंद टी ट्री ऑयल मिलाकर कुल्ला करने से मुंह को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
  • नारियल/जैतून के तेल में इसकी दो-तीन बूंदें मिलाकर स्कैल्प पर मसाज करने से टी ट्री ऑयल बालों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

आगे है और रोचक जानकारी

लेख के आने वाले भाग में पढ़िए कुछ अन्य बेनिफिट्स ऑफ टी ट्री ऑयल।

टी ट्री ऑयल के अन्य फायदे – Other Benefits Of Tea Tree Oil in Hindi

  1. हैंड सैनिटाइजर : टी ट्री ऑयल का उपयोग हैंड सैनिटाइजर के रूप में भी किया जा सकता है। इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण यह हाथ के कीटाणुओं को खत्म करने में मदद कर सकता है (3)।

कैसे बनाएं टी ट्री ऑइल हैंड सैनिटाइजर :

सामग्री :

  •     तीन चौथाई कप रबिंग एल्कोहल
  •     एक चौथाई कप एलोवेरा जेल
  •     टी ट्री एसेंशियल ऑयल की 10 बूंदें

विधि :

  •     सारी सामग्रियों को सही तरह से मापने के बाद एक बाउल में डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें।
  •     अब सारी सामग्रियों को एक इलेक्ट्रिक ब्लेंडर की मदद से मिक्स करें।
  •     फिर इस मिश्रण को एक स्प्रे बोतल में भर लें। लीजिए, आपका हैंड सैनिटाइजर तैयार है।
  1.   कीट निवारक (Insect Repellent) : माना जाता है कि टी ट्री ऑयल को कीट निवारक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है (28)।

कैसे बनाएं टी ट्री ऑयल कीट निवारक :

सामग्री :

  •     एक चौथाई कप आलमंड ऑयल
  •     तीन बूंद टी ट्री ऑयल
  •     दो बूंद युकलिप्टुस ऑयल

विधि :

  •     एक स्प्रे बोतल में सारी सामग्रियों को अच्छी तरह मिला लें।
  •     अब बाहर जाने से पहले इस मिश्रण को अच्छी तरह हाथों, पैरों और मुंह पर लगाएं।
  1.   प्राकृतिक डियोड्रेंट : जैसा कि लेख में हम ऊपर बता चुके हैं कि अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण टी ट्री ऑयल शरीर की बदबू को दूर रखने में मदद कर सकता है (3)। इसकी मदद से घर पर ही प्राकृतिक डियोड्रेंट बनाया जा सकता है।

कैसे बनाए टी ट्री ऑयल प्राकृतिक डियोड्रेंट :

सामग्री :

  •     तीन चम्मच नारियल तेल
  •     तीन चम्मच कॉर्नस्टार्च
  •     तीन चम्मच बेकिंग सोडा
  •     10-15 बूंद टी ट्री ऑयल

विधि :

  • एक पैन में नारियल तेल को गर्म कर लें।
  • अब इसे एक बाउल में निकालें और बची हुई सामग्रियों को भी उसमें मिक्स कर लें।
  • सारी सामग्रियों को अच्छी तरह से मिलाने के बाद इस मिश्रण को एक छोटे से कांच के जार में निकाल लें और जमने के लिए रख दें।
  • जब मिश्रण पूरी तरह जम जाए, तो उंगलियों की मदद से इसे शरीर पर लगाएं।

आगे जानिए सावधानियां

बेनिफिट्स ऑफ टी ट्री ऑयल जानने के बाद जानिए इसके उपयोग से जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में।

टी ट्री ऑयल उपयोग करने से पहले सावधानियां 

टी ट्री ऑयल के नुकसान से बचने के लिए इसका उपयोग सावधानी से करना जरूरी है। नीचे पढ़िए टी ट्री ऑयल का उपयोग करते समय बरतने वाली सावधानियों के बारे में :

  • कभी भी टी ट्री ऑयल को त्वचा पर सीधे न लगाएं। इसका उपयोग हमेशा किसी अन्य तेल (नारियल/जैतून/बादाम) में मिला कर ही करें।
  • आंखों के आसपास टी ट्री ऑयल का उपयोग सावधानी से करें। ध्यान रखें कि यह आंखों में न जाए।
  • अगर इसका इस्तेमाल करने के बाद खुजली, जलन या असहजता का एहसास हो, तो तुरंत इसे धो लें। इसके बाद डॉक्टर से परामर्श करके ही इसका उपयोग करें।
  • पूरे शरीर या चेहरे पर इसका उपयोग करने से पहले पैच टेस्ट अवश्य कर लें।
  • ध्यान रखें कि मुंह के लिए उपयोग करते समय इसे निगला न जाए।
  • इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
  • इसका उपयोग जानवरों पर न करें।

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इस लेख के अगले भाग में पढ़िए टी ट्री ऑयल के नुकसान के बारे में।

टी ट्री ऑयल के नुकसान – Side Effects of Tea Tree Oil in Hindi 

सही तरीके से उपयोग न करने से टी ट्री एसेंशियल ऑयल के नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे (1) :

  •     सेवन करने से भ्रम (कंफ्यूजन) की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  •     सेवन के कारण एटैक्सिया यानी शरीर का संतुलन बनाए रखने में समस्या हो सकती है।
  •     डर्मेटाइटिस यानी शरीर पर लाल खुजलीदार धब्बे हो सकते हैं।
  •     त्वचा पर जलन और खुजली हो सकती है।

जारी रखें यह लेख

टी ट्री ऑयल के नुकसान जानने के बाद लेख के अगले भाग अच्छे ब्रांड के बारे में।

सबसे अच्छा टी ट्री ऑयल ब्रांड – Top Tea Tree Oil Brands in Hindi

1. मोदीकेयर टी ट्री ऑयल

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 मोदीकेयर टी ट्री ऑयल का उपयोग सभी तरह की त्वचा (रूखी, ऑयली, संवेदनशील, कॉम्बिनेशन) के लिए किया जा सकता है।

रेटिंग : 4.6/5

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2. खादी टी ट्री ऑयल

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खादी टी ट्री ऑयल बालों के लिए खासतौर पर उपयोग किया जाता है। बालों के साथ इसका उपयोग त्वचा के लिए भी किया जा सकता है।

रेटिंग : 4.2/5

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3. शीर वेदा टी ट्री एसेंशियल ऑयल

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टी ट्री ऑयल के विभिन्न फायदे उठाने के लिए शीर वेदा टी ट्री ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। त्वचा और बालों के साथ इसका उपयोग अरोमाथेरेपी के लिए भी किया जा सकता है।

रेटिंग : 4.2/5

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4. द बॉडी शॉप ब्यूटी टी ट्री ऑयल

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यह 100 प्रतिशत वेगन टी ट्री ऑयल है। इसका खासतौर पर उपयोग मुंहासों और डार्क स्पॉट्स के लिए किया जा सकता है।

रेटिंग : 5/5

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हम आशा करते हैं कि अब आप यह बेहतर तरीके से समझ गए होंगे कि टी ट्री ऑयल क्या है। सेहत से जुड़े विकारों के साथ-साथ टी ट्री ऑयल बेनिफिट्स त्वचा और बालों के लिए भी हैं, बशर्ते इसका इस्तेमाल सावधानी के साथ किया जाए। साथ ही, टी ट्री ऑयल के नुकसान से बचने के लिए इसका उपयोग सीमित मात्रा में करना आवश्यक है। वहीं, अगर कोई इसका इस्तेमाल किसी खास समस्या के लिए कर रहा है, तो पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। बता दें कि टी ट्री ऑयल लेख में बताई गई समस्याओं का डॉक्टरी इलाज नहीं है। यह सिर्फ उनके लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में सहायक हो सकता है। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए लाभदायक रहा होगा।

आइए, अब टी ट्री ऑयल से जुड़े पाठकों के कुछ सवालों के जवाब भी जान लेते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या टी ट्री ऑयल का उपयोग झुर्रियों के लिए किया जा सकता है?

इस बारे में फिलहाल कोई शोध उपलब्ध नहीं है, जिसकी मदद से यह कहा जा सके कि टी ट्री ऑयल झुर्रियों को हटाने में लाभदायक है या नहीं। इस वजह से एंटीएजिंग से जुड़े फायदों के लिए इसका उपयोग करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।

क्या स्किन वाइटनिंग के लिए टी ट्री ऑयल का उपयोग किया जा सकता है?

माना जाता है कि एक बड़ा चम्मच जोजोबा ऑयल, एक मेश टमाटर और दो बूंद टी ट्री ऑयल को मिलाकर फेस पैक लगाने से त्वचा का रंग निखारने में मदद मिल सकती है। फिलहाल, स्किन वाइटनिंग के लिए टी ट्री ऑयल पर कोई रिसर्च उपलब्ध नहीं है और इसका उपयोग विशेषज्ञ से परामर्श से करना ही उचित होगा।

क्या टी ट्री ऑयल घर में बनाया जा सकता है?

टी ट्री ऑयल बनाने की विधि एक तकनीकी प्रक्रिया है। साथ ही इसे बनाने के लिए जिन पत्तियों का उपयोग होता है वो भारत में या ऑनलाइन उपलब्ध नहीं हैं, जिसके कारण घर में टी ट्री ऑयल बनाना मुश्किल होगा।

References

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  3. Comparative Bactericidal Efficacy of Some Plant Essential Oils against Uropathogenic MDR E.coli
    https://www.academia.edu/37069044/Comparative_Bactericidal_Efficacy_of_Some_Plant_Essential_Oils_against_Uropathogenic_MDR_E.coli
  4. Stye
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  5. The use of tea tree oil in treating blepharitis and meibomian gland dysfunction
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  6. Ocular demodicidosis as a risk factor of adult recurrent chalazion
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  8. Umbilical Pilonidal Sinus, an Underestimated and Little-Known Clinical Entity: Report of Two Cases
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  9. Melaleuca alternifolia (Tea Tree) Oil: a Review of Antimicrobial and Other Medicinal Properties
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  10. Blisters
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  23. Fungal Nail Infections
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  24. Challenges and Opportunities in the Management of Onychomycosis
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  27. Treatment of dandruff with 5% tea tree oil shampoo
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  28. Insecticidal and repellent effects of tea tree and andiroba oils on flies associated with livestock
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