
गिलोय के 10 फायदे, उपयोग और नुकसान – Giloy Benefits and Side Effects in Hindi
प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में कई गंभीर बीमारियों का इलाज करने के लिए जड़ी-बूटियों का प्रयोग किया जाता रहा है। इनमें मौजूद औषधीय गुण शरीर को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में सक्षम माने जाते हैं। कई जड़ी-बूटियां इतनी प्रचलित हैं कि उनके बारे में सब जानते हैं। वहीं, कुछ ऐसी भी हैं, जिनसे बमुश्किल ही कोई परिचित हो। इन्हीं में से एक है, गिलोय। इसका नाम तो संभवतः हर किसी ने सुना होगा, लेकिन इसके समस्त गुणों और फायदों के बारे में शायद लोगों को ज्यादा पता न हो। यही कारण है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको गिलोय के औषधीय गुण और गिलोय के फायदे से जुड़ी कई रोचक जानकारियां देने जा रहे हैं। लेख में आगे बढ़ने से पूर्व हम आपको बता दें कि गिलोय कई बीमारियों में डॉक्टरी इलाज के प्रभाव को तो बढ़ा सकती है, लेकिन यह संपूर्ण उपचार नहीं हो सकता। इसलिए, बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूरी है।
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लेख में आगे बढ़ने से पहले आइए हम गिलोय की पहचान और यह है क्या इस बारे में थोड़ा जान लेते हैं।
विषय सूची
गिलोय क्या है? – What is Giloy in Hindi
गिलोय एक बेल है, जो मुख्य रूप से जंगलों, खेतों की मेड़ों और पहाड़ों की चट्टानों पर पाई जाती है। इसकी तासीर गर्म होती है। इसके फल मटर के बीज के समान दिखते हैं। इसका तना हरा, मांसल और गूदेदार होता है, जो देखने में किसी रस्सी के समान लगता है। गर्मी के दिनों में इस पर छोटे आकार के और पीले रंग के फूल नजर आते हैं, जो नर पौधे में गुच्छे के रूप में और मादा में अकेले मौजूद होते हैं। यही कारण है कि नर और मादा के रूप में गिलोय की पहचान इसके फूलों को देखकर की जाती है (1)।
इसका वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया है। यह कई बीमारियों को अकेले ही ठीक करने की अद्भुत क्षमता रखती है, इसलिए इसे अमृता (अमृत के समान) के नाम से भी जाना जाता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह जिस भी पेड़ से लिपटकर बढ़ती है, उस पेड़ के कई औषधीय गुण भी गिलोय के औषधीय गुण में समाहित हो जाते हैं। इसी कारण नीम के पेड़ पर मौजूद गिलोय की बेल को अत्यंत लाभकारी और सबसे बेहतर माना जाता है।
गिलोय की पहचान और यह है क्या, इस बारे में जानने के बाद अब हम गिलोय के लाभ के बारे में बात करेंगे।
गिलोय के फायदे – Benefits of Giloy in Hindi
1. प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए
प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से व्यक्ति बीमारी की चपेट में जल्दी आ जाता है। ऐसे में गिलोय का सेवन अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है। बताया जाता है कि गिलोय के औषधीय गुण में से एक इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद कर सकता है (1)।
2. क्रोनिक फीवर को करे ठीक
10 से 15 दिन के बाद भी अगर बुखार की समस्या ठीक नहीं होती है, तो इसे क्रोनिक फीवर (पुराना बुखार) कहा जाता है। इस समस्या में गिलोय के लाभ देखे जा सकते हैं, जो बुखार से कुछ हद तक राहत दिला सकते हैं। इसके लिए आप गिलोय के तने और पत्तियों को इस्तेमाल में ला सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीपायरेटिक (बुखार को ठीक करने वाला) और एंटी-मलेरियल (मलेरिया इन्फेक्शन को दूर करने वाला) गुण बुखार की समस्या से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं (2)।
3. पाचन शक्ति बढ़ाए
गिलोय के औषधीय गुण में से एक यह भी है कि इससे पाचन संबंधी कई समस्याओं जैसे :- डायरिया और डिसेंट्री से उबरने में मदद मिल सकती है (2)। इस कारण यह माना जा सकता है कि पाचन तंत्र को मजबूत करने में भी गिलोय सहायक साबित हो सकता है।
4. डायबिटीज को करे नियंत्रित
डायबिटीज से बचने में भी गिलोय के फायदे देखे जा सकते हैं। वजह यह है कि इसमें एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है (2)। इस कारण यह शरीर में इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि गिलोय के लाभ डायबिटीज की समस्या से छुटकारा पाने में भी मददगार साबित हो सकते हैं।
5. डेंगू से करे बचाव
गिलोय को औषधीय गुणों का भंडार माना जाता है। इसमें कई ऐसे रसायन उपलब्ध होते हैं, जिनके कारण यह इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव प्रदर्शित करता है। यह प्रभाव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कई घातक बीमारियों से लड़ने की क्षमता देता है। इन बीमारियों में मलेरिया और डेंगू जैसे वायरल इन्फेक्शन भी शामिल हैं (3)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि डेंगू की समस्या से राहत पाने में गिलोय के गुण मददगार साबित हो सकते हैं।
6. अस्थमा की समस्या में सहायक
अस्थमा की समस्या में राहत पाने के लिए भी गिलोय के लाभ बड़े काम आ सकते हैं। माना जाता है कि इसमें शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ श्वास संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा के लक्षणों को कम करने की भी प्रबल क्षमता मौजूद होती हैं। इसके लिए आप इसके तने के जूस को शहद के साथ मिलाकर इस्तेमाल में ला सकते हैं (2)।
7. गठिया की समस्या में राहत
विशेषज्ञों के मुताबिक, गिलोय के गुण में एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाले), एंटी-अर्थराइटिक (जोड़ों की सूजन को कम करने वाले) और एंटी-ऑस्टियोपोरोटिक (जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिलाने वाले) जैसे प्रभाव शामिल हैं। ये तीनों प्रभाव संयुक्त रूप से गठिया की समस्या को दूर करने में सहायक माने जाते हैं (2)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि गिलोय का किसी भी रूप में सेवन आपकी इस समस्या से राहत पाने में मदद कर सकता है।
8. यौन इच्छाओं को बढ़ाए
शारीरिक स्वास्थ्य और यौन इच्छाओं का आपस में गहरा नाता होता है, क्योंकि जब मनुष्य शारीरिक रूप से स्वस्थ्य नहीं होता है, तो उसमें यौन इच्छा बढ़ाने वाले हार्मोन्स की कमी हो जाती है। वहीं, एक शोध में पाया गया है कि गिलोय में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी यानी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का गुण मौजूद होता है। यह गुण शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता देने के साथ ऐफ्रडिजीएक (Aphrodisiac) प्रभाव के कारण यौन इच्छाओं को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है (2)।
9. आंखों की समस्याओं को रखे दूर
आंखों से संबंधित विकारों से छुटकारा पाने के लिए भी आप गिलोय को इस्तेमाल में ला सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसमें पाया जाने वाला इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण आंखों के लिए भी फायदेमंद प्रभाव प्रदर्शित करता है (2)। वहीं, इस संबंध में किए गए एक अन्य शोध में बताया गया है कि गिलोय के गुण आंखों से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं (1)।
10. बढ़ती उम्र के प्रभाव को घटाए
कई रासायनिक तत्वों की उपलब्धता के कारण गिलोय में एंटी-एजिंग प्रभाव भी मौजूद होते हैं (4)। इस कारण यह सेहत संबंधी कई समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ बढ़ती उम्र के प्रभाव को भी कम करने में मदद कर सकता है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि संतुलित मात्रा में गिलोय का नियमित सेवन आपको जवां बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभा सकता है।
गिलोय के फायदे जानने के बाद अब हम आपको इसके पौष्टिक तत्वों से संबंधित जानकारी देंगे।
गिलोय के पौष्टिक तत्व – Giloy Nutritional Value in Hindi
जैसा कि हमने बताया कि यह एक बेल है और इसमें मौजूद रसायन ही इसके औषधीय गुणों के भंडार का कारण हैं। आइए, उन पर डालते हैं एक नजर (5)।
- क्विनोन्स
- फ्लेवेनॉइड
- पॉलीफेनोल्स और टैनिन
- कूमैरिन्स
- टरपेनोइड्स और एसेंशियल ऑयल्स
- अल्कालोइड्स
- लैक्टिक और पॉलीपेप्टाइड
- ग्लाइकोसाइड
- सैपोनिंस
- स्टेरायड्स
लेख के अगले भाग में हम गिलोय का उपयोग कैसे किया जा सकता है, इस बारे में जानकारी हासिल करेंगे।
गिलोय का उपयोग – How to Use Giloy in Hindi
गिलोय का उपयोग करने के निम्न तरीके हैं, आइए उनके बारे में थोड़ा जान लेते हैं।
- गिलोय के तने और पत्तियों को पीसकर आप इसका जूस बना सकते हैं। इसके जूस की करीब 20 से 30 एमएल खुराक दिन में दो बार लेने की सलाह दी जाती है।
- वहीं, काढ़े के रूप में इसका इस्तेमाल 20 एमएल तक दिन में दो बार किया जा सकता है। इसके लिए आपको इसकी जड़ और तने को उबाल कर इसका काढ़ा तैयार करना होगा।
- वहीं, आप मटर के बीज की तरह दिखने वाले इसके दो से चार फलों को भी सेवन के लिए नियमित इस्तेमाल में ला सकते हैं।
नोट – गिलोय का उपयोग और इसकी मात्रा संबंधी जानकारी के लिए आहार विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।
गिलोय का उपयोग जानने के बाद अब हम गिलोय के नुकसान के बारे में भी थोड़ा समझ लेते हैं।
गिलोय के नुकसान – Side Effects of Giloy in Hindi
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसी भी चीज का अधिक सेवन कुछ दुष्परिणाम प्रदर्शित करता है। उसी प्रकार अधिक मात्रा में सेवन से गिलोय के नुकसान भी हो सकते हैं।
- यह ब्लड शुगर को कम करता है, इसलिए डायबिटीज की दवा लेने वाले इसके उपयोग में सावधानी बरतें, नहीं तो ब्लड शुगर काफी कम हो सकता है (2)।
- हालांकि, इसे पाचन शक्ति के लिए सहायक माना गया है, लेकिन गर्म तासीर के कारण इसकी अधिक मात्रा पेट से संबंधित कुछ समस्याएं जैसे :- जलन और गैस की समस्या का कारण बन सकती है।
- गर्भवती महिलाएं इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
यह तो निश्चित है कि गिलोय के गुण और उपयोगिता को लेकर अब किसी भी तरह का संशय बाकी नहीं रह गया होगा। फिर भी इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सुझाव अवश्य लें। कारण यह है कि लेख में बताई गई समस्याओं के लिए गिलोय का उपयोग करने से काफी हद तक राहत तो मिल सकती है, लेकिन यह उन समस्याओं का उपचार नहीं है। साथ ही आपको गिलोय के नुकसान को भी ध्यान में रखना होगा, ताकि औषधि के तौर पर इसका समुचित लाभ पाया जा सके। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके, गिलोय के लाभ से अन्य लोगों को भी अवगत कराएं।
5 संदर्भ (Sources):
- Tinospora cordifolia: One plant, many roles
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3644751/ - Tinospora cordifolia (Willd.) Hook. f. and Thoms. (Guduchi) – validation of the Ayurvedic pharmacology through experimental and clinical studies
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2924974/ - Optimized micropropagation protocol to establish high-yielding true-to-type plantations of elite genotypes of Tinospora cordifolia for consistent production of therapeutic compounds©
https://pubag.nal.usda.gov/catalog/6287725 - Anti-Oxidant and Antimicrobial Studies of Tinospora cordifolia (Guduchi/Giloy) Stems and Roots under In Vitro Condition
https://www.academia.edu/38834285/Anti_Oxidant_and_Antimicrobial_Studies_of_Tinospora_cordifolia_Guduchi_Giloy_Stems_and_Roots_under_In_Vitro_Condition - TINOSPORA CORDIFOLIA: ETHNOBOTANY, PHYTOPHARMACOLOGY AND PHYTOCHEMISTRY ASPECTS
http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.278.6775&rep=rep1&type=pdf
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