ऑयल पुलिंग के 10 फायदे और नुकसान – Oil Pulling Benefits and Side Effects in Hindi

Written by , BA (Journalism & Media Communication) Saral Jain BA (Journalism & Media Communication)
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मुंह से जुड़ी परेशानियों से निजात पाने के लिए बाजार में ढेरों उत्पाद उपलब्ध हैं, लेकिन इनका नकारात्मक प्रभाव समस्या को बढ़ा भी सकता है। ऐसे में प्राकृतिक और हर्बल उपचार फायदेमंद साबित हो सकते हैं। हमारे साथ जानिए मुंह और अन्य परेशानियों के लिए ऑयल पुलिंग करना कितना लाभकारी है। स्टाइलक्रेज के इस लेख हम ऑयल पुलिंग के फायदे के साथ-साथ ऑयल पुलिंग के नुकसान की भी जानकारी देंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि घर में ऑयल पुलिंग कैसे करें।

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लेख में सबसे पहले हम बता रहे हैं कि ऑयल पुलिंग क्या है।

ऑयल पुलिंग क्‍या है? – What is Oil Pulling in Hindi

ऑयल पुलिंग मौखिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार है। इसमें तरह-तरह के तेलों का उपयोग करके मुंह से संबंधित कई समस्याओं का इलाज किया जाता है। प्राचीन चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में इसका वर्णन ‘कावला ग्रहा’ या ‘कावला गंडोशा’ के रूप में इसका वर्णन मिलता है। गंडुशा विधि के अनुसार मुंह में पूरी तरह से तेल को भरा जाता है, लेकिन इससे गरारे करना असंभव होता है। कावला ग्रेहा विधि में कम मात्रा में तेल का उपयोग किया जाता है, जिससे गरारा करना आसान हो जाता है। ऑयल पुलिंग एक कारगर उपचार है, जो न सिर्फ मुंह, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को लिए फायदेमंद साबित हो सकता है (1)।

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ऑयल पुलिंग के बारे में जानने के बाद ऑयल पुलिंग करने की विधि पढ़ें।

ऑयल पुलिंग कैसे करें? – How to do Oil Pulling in hindi

ऑयल पुलिंग प्राचीन चिकित्सा पद्धितियों में से एक है। इसको करने की विधि ज्यादा कठिन नहीं है। कुछ सावधानियों के साथ इस विधि को कर सकते हैं। यह विधि इस प्रकार है (1):

सामग्री:

विधि:

  • सुबह नाश्ते से लगभग 20 मिनट पहले पालथी मारकर बैठ जाएं।
  • अब अपनी ठोड़ी को ऊपर की ओर करके लगभग एक बड़ा चम्मच ऊपर बताया गया कोई भी तेल अपने मुंह में लें।
  • फिर मुंह बंद करें और थोड़ा जोर लगाकर तेल को अच्छी तरह मुंह के अंदर घुमाएं।
  • इस बात का ध्यान रहे कि तेल को निगलना नहीं है, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया के साथ-साथ हानिकारक विषाक्त पदार्थ हो सकते हैं, जो सेहत पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ते हैं।
  • जब तेल दूधिया सफेद हो जाए, तो इसे थूक दें।
  • इसके बाद गर्म पानी या फिर सादे पानी से अच्छी तरह कुल्ला कर लें।
  • कुल्ला करने के बाद पेस्ट और ब्रश से मंजन कर लें।
  • इस विधि को रोजाना खाली पेट 3 बार कर सकते हैं।

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ऑयल पुलिंग कैसे करें, समझने के बाद ऑयल पुलिंग के लाभ पर एक नजर डाल लीजिए।

ऑयल पुलिंग के फायदे – Benefits of Oil Pulling in Hindi

ऑयल पुलिंग से न सिर्फ मुंह और दांतों को एक सुरक्षा-कवच प्राप्त होता है, बल्कि इसके और भी कई फायदे हैं। नीचे जानते हैं ऑयल पुलिंग के फायदों के बारे में।

1. हानिकारक बैक्टीरिया को हटाए

ऑयल पुलिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले तिल के तेल, सूरजमुखी के तेल और नारियल के तेल में एंटिबैक्टीरियल गुण होता है (2)। तेल में पाया जाने वाला यह गुण न सिर्फ मुंह के कीटाणुओं की सफाई करने, बल्कि दांतों से प्लाक हटाने का काम भी कर सकता है (3)।

2. मुंह की दुर्गंध दूर करे

मुंह की गंदगी, मसूड़ों की समस्या और दांतों की सड़न मुंह की दुर्गंध का कारण बनते हैं। ऑयल पुलिंग में उपयोग हाेने वाले तिल के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो उपरोक्त सभी समस्याओं को दूर कर सकते हैं, जिससे मुंह की दुर्गंध से निजात मिल सकती है (4)।

3. कैविटी से बचाव

मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया दांतों में प्लाक का कारण बनते हैं, जिससे कैविटी यानी दातों में खोखलेपन की समस्या हो जाती है (5)। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि ऑयल पुलिंग के लिए तिल, नारियल और सूरजमुखी के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इन तेलों में एंटीबैक्टीरियल गुण होता है, जो दांतों को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया से लड़ते हैं। इससे कैविटी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है(3)। इसके अलावा, इससे दांतों और मसूड़ों की मजबूती भी बरकरार रहती है (1)।

4. मसूड़ों की सूजन दूर करे

तिल के तेल, सूरजमुखी के तेल और नारियल के तेल से होने वाले ऑयल पुलिंग के फायदे में मसूड़ों की सूजन को दूर करना भी शामिल है। इन तेलाें में पाए जाने वाले फैटी एसिड में 45-50 प्रतिशत लॉरिक एसिड होता है। लॉरिक एसिड में सूजन को रोकने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। ये गुण कीटाणुओं से मसूड़ों की सुरक्षा करने के साथ ही उनकी सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं (2)।

5. दांत दर्द के लिए ऑयल पुलिंग के फायदे

दांतों पर प्लाक, कैविटी, मसूड़ों की सूजन और दांतों की सड़न दांतों में दर्द का कारण बनते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए ऑयल पुलिंग एक आदर्श घरेलू उपचार हो सकता है। ऑयल पुलिंग में उपयोग होने वाले तेलों में (जैसे नारियल का तेल) एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो प्लेग, कैविटी, मसूड़ों की सूजन और दांतों की सड़न जैसी समस्याओं के कारण होने वाले दांत दर्द को दूर करने के साथ ही दांतों की अन्य समस्याओं से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं (1)।

6. सूखे मुंह के लिए ऑयल पुलिंग के फायदे

मुंह का सूखना ऐसी स्थिति है, जब बैक्टीरिया या सूक्ष्म जीवों के कारण मुंह में लार ग्रंथियां पर्याप्त लार नहीं बना पाती हैं। इससे मुंह सूखा हुआ रहता है। इसके कारण खुरदरी जीभ, मुंह के छाले और फटे होंठों की समस्या भी हो सकती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए ऑयल पुलिंग एक अच्छा समाधान है (1)।

ऑयल पुलिंग में उपयोग होने वाले तेलों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद हाेते हैं, जो नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीवों को खत्म कर देते हैं और मुंह के अंदर मौजूद लार ग्रंथियों को सुचारू रूप से काम करने में मदद करते हैं। इससे पर्याप्त लार का निर्माण होता है और मुंह के सूखने की समस्या से निजात मिल सकती है (1)।

7. सिरदर्द के लिए

ऑयल पुलिंग के फायदे यहीं खत्म नहीं होते। यह और भी कई समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। माना जाता है कि ऑयल पुलिंग प्रक्रिया मुंह को साफ करने के साथ-साथ माइग्रेन और सिरदर्द से छुटकारा दिलाने का काम भी कर सकती है। हालांकि, इस दावे की पुष्टि के लिए वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है (1)।

8. शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए

ऑयल पुलिंग के फायदों में एक यह भी है कि इससे शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। ऑयल पुलिंग शरीर के चयापचय को बढ़ाने का काम करता है (1)। बढ़ा हुआ चयापचय शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में विशेष योगदान दे सकता है (6)।

9. मुंहासों की रोकथाम के लिए ऑयल पुलिंग के फायदे

ऑयल पुलिंग के लिए कई प्रकार के घरेलू खाद्य तेलों का उपयोग किया जाता है। इन्हीं में से एक है तिल का तेल। तिल में मौजूद विटामिन-ई त्वचा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस तेल से की गई ऑयल पुलिंग प्रक्रिया मुंहासों से निजात दिलाने में मदद कर सकती है। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है (7)।

10. त्वचा को साफ रखने के लिए

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि ऑयल पुलिंग करने से ये मुंहासे की रोकथाम और इनके इलाज लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, ऑयल पुलिंग में उपयोग होने वाले तिल के तेल में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के साथ विटामिन-ई भी पाया जाता है, जो त्वचा के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। यह त्वचा को मॉइस्चराइज करने के साथ ही हानिकारक पदार्थों को दूर कर त्वचा को साफ और चमकदार बनाने में फायदेमंद हो सकता है (7)।

लेख में बने रहें

अब तक आपने ऑयल पुलिंग के कई सारे फायदे पढ़ें। अब बारी है ऑयल पुलिंग के नुकसान जानने की।

ऑयल पुलिंग के नुकसान – Side Effects of Oil Pulling in Hindi

जरूरी नहीं कि ऑयल पुलिंग से सिर्फ फायदे ही मिलते हों। कई स्थितियों में ऑयल पुलिंग के नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं।

  • ऑयल पुलिंग करते समय तेल को भूल कर भी न निगलें। उसमें सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया और टॉक्सिन पदार्थ हो सकते हैं (1)।
  • कई लोगों को कुछ तेल से एलर्जी होती है। अगर वो उस तेल से ऑयल पुलिंग करते हैं, तो उसके हानिकारक परिणाम सामने आ सकते हैं (8)।
  • ऑयल पुलिंग निमोनिया का कारण भी बन सकता है (8)।
  • 5 साल से कम उम्र के बच्चों को ऑयल पुलिंग नहीं करानी चाहिए। नादानी के कारण वो तेल को निगल सकते हैं। जैसा कि ऊपर हमने बताया कि ऑयल पुलिंग के दौरान उपयोग किया जाने वाले तेल बैक्टीरिया और टॉक्सिन युक्त होता है (1)। ऐसे में उसे निगलने से कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं (9)।
  • ज्यादा देर तक ऑयल पुलिंग करने से जबड़ों में अकड़न जैसा महसूस हो सकता है।

मुंह को स्वस्थ रखने के कई तरीके हैं, जिनमें से एक ऑयल पुलिंग है। इसे सदियों से लोग करते आ रहे हैं। अब आप जान गए होंगे कि किस प्रकार ऑयल पुलिंग से मुंह के स्वास्थ्य के साथ-साथ अन्य शारीरिक समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है। बस तो लेख के ‘ऑयल पुलिंग कैसे करें’ भाग को अच्छे से पढ़कर इस विधि को अपनाएं और ऑयल पुलिंग के नुकसान से बचे रहें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या ऑयल पुलिंग सच में फायदेमंद होता है?

हां, यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार है। इसमें विभिन्न तेलों का उपयोग कर मुंह की बदबू और अन्य ओरल हेल्थ संबंधी समस्याओं का कुछ हद तक कम किया जा सकता है (1)।

ब्रश ऑयल पुलिंग से पहले करना चाहिए या बाद में?

ऑयल पुलिंग से पहले ब्रश करने की जरूरत नहीं है। हां, बाद में ब्रश करना चाहिए, ताकि मुंह से तेल और बैक्टीरिया को पूरी तरह से हटाया जा सके।

ऑयल पुलिंग के लिए सबसे अच्छा तेल कौन-सा है?

ऑयल पुलिंग के लिए तिल का तेल, सूरजमुखी का तेल या नारियल के तेल का उपयोग किया जा सकता है (1)।

ऑयल पुलिंग कितनी जल्दी फायदेमंद हो सकता है?

यह कह पाना कठिन है कि ऑयल पुलिंग कितने जल्दी असर दिखा सकता है। हां, लेकिन यह तय है कि इसे रोजाना करने से करीब एक हफ्ते में ही अंतर दिखना शुरू हो सकता है।

क्या ऑयल पुलिंग के बाद पानी पिया जा सकता है?

हां, ऑयल पुलिंग के तुरंत बाद ब्रश करें और कुछ समय बाद ही पानी का सेवन कर लें।

क्या मैं रोजाना ऑयल पुलिंग कर सकता हूं?

हां, रोजाना सुबह ब्रश करने के पहले ऑयल पुलिंग कर सकते हैं।

क्या ऑयल पुलिंग से मसूड़े फिर से उग आते हैं?

नहीं, ऑयल पुलिंग से मसूड़े फिर से नहीं उग सकते हैं। बस इससे दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।

References

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  1. Oil pulling for maintaining oral hygiene – A review
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5198813/
  2. Effect of coconut oil in plaque related gingivitis — A preliminary report
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4382606/
  3. Comparison of antibacterial efficacy of coconut oil and chlorhexidine on Streptococcus mutans: An in vivo study
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5109859/
  4. Comparative Efficacy of Oil Pulling and Chlorhexidine on Oral Malodor: A Randomized Controlled Trial
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4290321/
  5. Tooth Decay
    https://medlineplus.gov/toothdecay.html
  6. Metabolism
    https://medlineplus.gov/ency/article/002257.htm
  7. Formulation and Characterization of Benzoyl Peroxide Gellified Emulsions
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3528045/
  8. Exogenous lipoid pneumonia associated with oil pulling: Report of two cases
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/30203635/
  9. Oil pulling and importance of traditional medicine in oral health maintenance
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5654187/
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